आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं ओडिशा में एक छात्रा ने की खुदकुशी के बारे में। अब हम आपसे ओडिशा में एक छात्रा ने की खुदकुशी के बारे में बात करें तो ओडिशा के एक यूनिवर्सिटी में एक छात्रा ने की खुदकुशी पर नेपाल के प्रधानमंत्री ने दखल दिया और कहने लगे की नेपाल के प्रधानमंत्री छात्रों की सहायता करने के लिए अपने दो अधिकारी भेजने लग रहे हैं।
इन सब के बाद नेपाल के विदेश मंत्री ने भी एक्स पर भारत सरकार से अपील की हैं। अभी KIIT विश्वविद्यालय ने नेपाली बच्चों के साथ हुए दुर्व्यवहार के लिए माफी मांग ली हैं। इन सब के साथ ही नेपाल के छात्रों से विश्वविद्यालय लौटने की भी अपील की हैं।
ओडिशा में कलिंग का इतिहास- Odisha mein Kalinga ka itihas
ओडिशा के जन-मन से कलिंग की विरासत संबंधित हैं। ओडिशा कलिंग की विरासत पर गर्व करता हैं। इसी कलिंग के नाम पर ओडिशा राज्य में एक भव्य निजी शैक्षणिक संस्थान हैं। उस निजी शैक्षणिक संस्थान का नाम हैं- कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नॉलजी यानी की KIIT।
इस निजी शैक्षणिक संस्थान पर इंजीनियरिंग, बायोटेक, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्प्यूटर, इकोनॉमिक्स, पब्लिक पॉलिसी जैसे विषयों की पढ़ाई की जाती हैं।
शैक्षणिक संस्थान पर हॉस्टल की सुविधा
कई एकड़ में फैले इस शैक्षणिक संस्थान में हॉस्टल की भी सुविधा हैं। अभी हाल ही में इस संस्थान में कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से एक देश के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और दूतावासों को दखल देना पड़ा था।
ये दुखद कहानी प्रकृति लाम्सल नाम की एक नेपाली छात्रा की हैं। प्रकृति लाम्सल नाम की नेपाली छात्रा अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गई थी।
शैक्षणिक संस्थान पर हुई एक दुखद घटना
KIIT में प्रकृति लाम्सल बीटेक कर रही थी। बीटेक में वो तृतीय वर्ष की छात्रा थी। केआईआईटी के रजिस्ट्रार ने कहा की बीटेक के तृतीय वर्ष की नेपाली छात्रा ने रविवार शाम को हॉस्टल में खुदकुशी कर ली हैं।
शुरुआती जानकारी के अनुसार यह पाया गया हैं की छात्रा का केआईआईटी में पढ़ने वाले एक दूसरे छात्र के साथ प्रेम संबंध था। उन दोनों के बीच किसी बात को लेकर हुए विवाद के कारण ये दुर्घटना घटी हैं।
सुसाइड केस में ब्वॉयफ्रेंड की एंट्री- Suicide case mein boyfriend ki entry
जाँच के दौरान एक बात सामने आई थी की प्रकृति लाम्सल का एक ब्वॉयफ्रेंड रह चुका हैं। जिसका नाम हैं आद्विक श्रीवास्तव। आद्विक श्रीवास्तव उस छात्रा को तंग कर रहा था। यह भी बात पता चली थी की नेपाली छात्रा ने पहले भी KIIT विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संबंध कार्यालय में आद्विक श्रीवास्तव के विरुद्ध एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी।
इस शिकायत में बार-बार हेरेसमेंट के मामलों का हवाला दिया गया था। कथित तौर पर KIIT विश्वविद्यालय उस लड़के के विरुद्ध कोई भी कार्रवाई करने में विफल रहा था।
इस आत्महत्या वाले मामले में FIR दर्ज कहता हैं की आरोपी लड़का पीड़िता को ब्लैकमेल कर रहा था। इसके कारण उस लड़की को जान लेने जैसा कदम उठाना पड़ा था।
यूनिवर्सिटी में हुआ हंगामा
यह मामला सामने आते ही यूनिवर्सिटी में तो हंगामा ही हो गया था। इस यूनिवर्सिटी कैंपस में नेपाली छात्रों की संख्या 600 से 700 के बीच में हैं। प्रकृति की आत्महत्या की खबर सामने आते ही छात्र उग्र हो गए और इंसाफ की मांग करने लगे।
देखते ही देखते सोशल मीडिया पर भी प्रकृति को इंसाफ दिलवाने के लिए हैशटैग आरम्भ हो गया।
नेपाली छात्रों के सड़क पर आते ही विश्वविद्यालय प्रशासन के तो हाथ-पैर फूलने लगे थे। परिसर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने पुलिस बल की दो प्लाटूनें तैनात करवा दी थी।
नेपाली छात्रों को धमकी से बिगड़ा मामला- Nepali chhatron ko dhamki se bigda mamala
आंदोलन कर रहे छात्रों का यह आरोप हैं की छात्रों की मांग सुनने की बजाय यूनिवर्सिटी प्रशासन उन्हीं छात्रों को धमकी देने लगा और विश्वविद्यालय कैंपस को खाली करने को कहा था।
इससे संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था। इस वीडियो में विश्वविद्यालय की महिला अधिकारी छात्रों को धमकी देते हुए नज़र आ रही थीं।
नेपाली छात्रों को यूनिवर्सिटी छोड़ने का आदेश- Nepali chhatron ko university chhodane ka aadesh
KIIT विश्वविद्यालय ने 17 फरवरी को एक नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में नेपाल के सब अंतरराष्ट्रीय छात्रों को तुरंत परिसर खाली करने को कहा गया था। ओटीवी के अनुसार नोटिस में यह भी कहा गया था की “नेपाल के सब अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए विश्वविद्यालय अनिश्वित काल के लिए बंद हो रहे हैं।” उन छात्रों को आज तुरंत विश्वविद्यालय परिसर खाली करने को कहा गया हैं।
ओटीवी के अनुसार नेपाली छात्रों को जल्दबाजी में अपना सामान पैक करने के लिए मज़बूर किया गया था। उन छात्रों को विश्वविद्यालय की बसों में लाद दिया गया था जो इन छात्रों को कटक रेलवे स्टेशन ले गई थीं।
उन छात्रों के पास टिकट भी नहीं थे। ओटीवी को एक नेपाली छात्र ने कहा की, “हमें कोई ट्रेन टिकट या कोई भी दिशा-निर्देश नहीं दिए गए। बस हमें हॉस्टल की बसों में लाद दिया गया, कटक रेलवे स्टेशन भेज दिया गया और जल्द से जल्द अपने घर पर जाने का आदेश दिया गया।”
एक दूसरे छात्र ने कहा की, “बिना टिकट, बिना भोजन के, हमें नहीं पता की घर कैसे पहुँचेंगे। हम अपने माता-पिता को सूचित भी नहीं कर सकते क्योंकि वे चिंतित होंगे। हमारी एक हफ्ते में परीक्षाएँ आने वाली हैं, लेकिन वे हमें भेज रहे हैं। हमें शक हैं की वे हमें सबूत मिटाने के लिए भेज रहे हैं।”
Very Bad News for Nepali Students.
😞😞😞😞😞