आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं चैत्र मास के महत्तव के बारे में। अब हम आपसे चैत्र मास के महत्तव के बारे में बात करें तो चैत्र मास का महीना हिंदू कैलेंडर का पहला महीना होता हैं। आमतौर पर यह महीना मार्च और अप्रैल के बीच में आता हैं।
खासतौर पर धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से चैत्र मास का महीना अत्यंत महत्तवपूर्ण होता हैं। चंद्र महीने के पहले दिन से ही चैत्र मास की शुरुआत होती हैं। इसे चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भी कहते हैं।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती हैं। इसे गुड़ी पड़वा, उगादी या विशु जैसे नामों से अलग-अलग क्षेत्रों में मनाया जाता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे चैत्र मास कब आता हैं?
चैत्र मास कब आता हैं?- Chaitra Maas kab aata hain?
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं चैत्र मास के आने के बारे में। अब हम आपसे चैत्र मास के आने के बारे में बात करें तो आमतौर पर चैत्र मास का महीना मार्च और अप्रैल के बीच में आता हैं। चैत्र मास हिंदू कैलेंडर का पहला महीना होता हैं।
यह महीना सूर्य के उत्तरायण होने के बाद आता हैं। इस महीने की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होती हैं। आमतौर पर यह महीना मार्च के अंत या अप्रैल के पहले सप्ताह में पड़ता हैं।
चैत्र मास के महीने का विशेष महत्तव होता हैं क्योंकि इस महीने में हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती हैं। इस महीने में कई प्रमुख धार्मिक पर्व जैसे की राम नवमी, नवरात्रि और गुड़ी पड़वा मनाए जाते हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे चैत्र मास के महत्तव के बारे में।
चैत्र मास का महत्तव- Chaitra Maas ka mahatva
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं चैत्र मास के महत्तव के बारे में। अब हम आपसे चैत्र मास के महत्तव के बारे में बात करें तो हिंदू धर्म में चैत्र मास का अत्यधिक महत्तव होता हैं।
चैत्र मास का महीना न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह महीना अत्यंत महत्तवपूर्ण हैं। यहाँ चैत्र मास के निम्नलिखित महत्तव हैं:-
हिंदू नववर्ष की शुरुआत
विक्रम संवत की शुरुआत चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से होती हैं। इसे हिंदू नववर्ष के रुप में मनाया जाता हैं। हिंदू नववर्ष का दिन अत्यंत शुभ माना जाता हैं।
इस दिन को अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न नामों में मनाया जाता हैं। जैसे की गुड़ी पड़वा (महाराष्ट्र, गोवा), उगादी (आंध्र प्रदेश, कनार्टक), विशु (केरल) और नव सम्वत्सर (राजस्थान)।
राम नवमी
भगवान राम का जन्मोत्सव चैत्र मास के शुक्ल नवमी को मनाया जाता हैं। इस दिन को राम नवमी भी कहते हैं।
विशेष रुप से श्रीराम की पूजा का दिन उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता हैं। इस दिन भगवान राम के आदर्शों और श्रीराम के जीवन के शिक्षाओं को याद किया जाता हैं।
नवरात्रि
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्रि आरम्भ होते हैं। नवरात्रि का पर्व नौ दिनों का पर्व देवी दुर्गा की पूजा के लिए प्रसिद्ध हैं। विशेष रुप से नवरात्रि में देवी के नौ रुपों की पूजा की जाती हैं। नवरात्रि का समय देवी के आशीर्वाद प्राप्त करने और आत्मशुद्धि के लिए अत्यंत महत्तवपूर्ण होता हैं।
धार्मिक महत्तव
धार्मिक दृष्टि से भी चैत्र मास को बहुत महत्तवपूर्ण माना जाता हैं। यह कहा जाता हैं की चैत्र मास के महीने में किए गए पुण्य कार्यों और तप का विशेष फल प्राप्त होता हैं।
विशेष रुप से चैत्र मास के समय में तीर्थ यात्राओं का विशेष महत्तव होता हैं। इस महीने में लोग गंगा स्नान और अन्य धार्मिक कार्यों में हिस्सा लेते हैं।
प्राकृतिक परिवर्तन
इस महीने में मौसम परिवर्तन होता हैं। यह महीना वसंत ऋतु का समय होता हैं। जब धरती पर नई हरियाली और फूलों का खिलना आरम्भ होता हैं। चैत्र मास का समय नए जीवन और बदलाव का प्रतीक होता हैं।
निष्कर्ष- Conclusion
ये हैं चैत्र मास के महीने से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। जानकारी पसंद आने पर जानकारी को लाइक व कमेंट जरुर कर लें।
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चैत्र मास का महीने के आने के बाद फसल कटाई का समय होता हैं। इस महीने से मौसम परिवर्तन भी होने लगता हैं।
चैत्र मास का महीना तो नई शुरुआत का प्रतीक होता हैं।
यह महीना किसी भी नए काम को करने का सही समय होता हैं।
Hindustan jindabad
अब चैत्र मास का महीना ही लगने वाला हैं। इस महीने से हिंदू नववर्ष की नई शुरुआत होने वाली हैं।