आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं दाद की बीमारी के बारे में। अब हम आपसे दाद की बीमारी के बारे में बात करें तो दाद एक सामान्य फंगल संक्रमण हैं, जो त्वचा पर गोल, लाल, खुजलीदार चकतों के रुप में दिखाई देता हैं। मेडिकल भाषा में दाद को Tinea भी कहते हैं।
यह शरीर के अलग-अलग हिस्सों में हो सकता हैं। अगर दाद की बीमारी 1-2 हफ्तों में ठीक न हो या बार-बार हो रहा हो तो त्वचा रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। अब हम आपसे चर्चा करेंगे दाद की बीमारी के कारण के बारे में।
दाद की बीमारी का कारण- Daad ki bimari ka karan
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं दाद की बीमारी के कारण के बारे में। अब हम आपसे दाद की बीमारी के कारण के बारे में बात करें तो दाद की बीमारी का मुख्य कारण फंगल संक्रमण होता हैं।
दाद की बीमारी त्वचा, सिर, पैर, हाथ और यहाँ तक की नाखूनों तक को भी प्रभावित करती हैं। दाद की बीमारी एक संक्रामक बीमारी हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलती हैं। यहाँ दाद के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:-
फंगल संक्रमण
मुख्यत: दाद Dermatophyte नामक फंगस के कारण होता हैं। दाद की बीमारी फंगस, गीली, गर्म और पसीने वाली त्वचा में जल्दी पनपता हैं।
संक्रमित व्यक्ति से संपर्क
किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आने से जिसे पहले से ही दाद की बीमारी हो तो उस व्यक्ति को भी दाद की बीमारी हो सकती हैं। संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, तौलिया, कंघी या चादर का इस्तेमाल करने से भी दाद की बीमारी हो सकती हैं।
पालतू जानवर
कुछ जानवरों विशेष रुप से कुत्ते और बिल्ली की त्वचा पर भी फंगल संक्रमण हो सकता हैं। पालतू जानवरों के संपर्क में आने से इंसान को दाद भी हो सकती हैं।
स्वास्थ्य और स्वच्छता की कमी
स्वास्थ्य और स्वच्छता की कमी जैसे की शरीर को साफ न रखना, नहाने के बाद त्वचा को अच्छे से न सुखाना और पसीने वाले कपड़े देर तक पहने रखने के कारण भी दाद की बीमारी हो सकती हैं।
नमी और गर्मी वाला मौसम
भारत जैसे देशों में गर्मी और बरसात के मौसम में भी दाद की बीमारी ज्यादा हो सकती हैं।
कमज़ोर इम्यून सिस्टम
जिन व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा कमज़ोर होती हैं तो उन्हें फंगल संक्रमण जल्दी हो सकता हैं।
जिम, स्विमिंग पूल या सामूहिक स्थानों में नंगे पाँव चलना
इन सब जगहों पर फंगस उपस्थित होता हैं जो पैरों से शरीर में फैल सकता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे दाद के घरेलू उपाय के बारे में।
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दाद की बीमारी का घरेलू उपाय- Daad ki bimari ka gharelu upay
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं दाद की बीमारी के घरेलू उपाय के बारे में। अब हम आपसे दाद की बीमारी के घरेलू उपाय के बारे में बात करें तो दाद के घरेलू उपाय हल्के या शुरुआती संक्रमण में कुछ हद तक मददगार रहते हैं लेकिन अगर दाद की बीमारी बहुत फैला हुआ हैं, पुराना हैं या बार-बार हो रहा हैं तब चिकित्सकीय इलाज़ आवश्यक हैं।
यहाँ दाद की बीमारी के आम घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं:-
नीम की पत्तियाँ
आप नीम की पत्तियाँ पीसकर पेस्ट बना लें और दाद पर लगा लें। नीम में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो खुजली, जलन और संक्रमण में आराम दिलाता हैं।
लहसुन
आप 2-3 लहसुन की कलियाँ पीसकर रस निकालें और दाद पर लगा लें। आप इस बात का विशेष ध्यान रखें की इससे जलन भी हो सकती हैं तो पहले पैच टेस्ट कर लें। लहसुन में शक्तिशाली एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं।
एलोवेरा जेल
एलोवेरा जेल में ठंडक देने वाला और सूजन कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। आप ताज़ा एलोवेरा का गूदा निकालकर प्रभावित स्थान पर दिन में 2-3 बार लगा लें।
हल्दी
हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं जो खुजली और सूजन में आराम दिलाता हैं। आप हल्दी पाउडर में थोड़ा पानी या नींबू का रस मिलाकर पेस्ट बना लें।
टी ट्री ऑयल
टी ट्री ऑयल में फंगस को मारने की ताकत होती हैं। आप दिन में 1-2 बूंद टी ट्री ऑयल को नारियल तेल में मिलाकर 2 बार लगा लें।
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निष्कर्ष- Conclusion
ये हैं दाद की बीमारी के घरेलू उपाय से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। इस जानकारी को प्राप्त करने के बाद आपको दाद की बीमारी के घरेलू उपाय के बारे में थोड़ा ज्ञात हो गया होगा।
इस जानकारी से आप अपनी दाद की बीमारी को आसानी से ठीक कर सकते हैं। अगर आपको हमारे यह घरेलू उपाय पसंद आते हैं तो आप हमारे इन घरेलू उपायों को लाइक व कमेंट करना ना बूलें।
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