आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं कैंसर की बीमारी के बारे में। अब हम आपसे कैंसर की बीमारी के बारे में बात करें तो कैंसर एक गंभीर बीमारी हैं लेकिन अक्सर इलाज़ योग्य बीमारी होती हैं।
इस बीमारी में शरीर की कुछ कोशिकाएँ अनियंत्रित रुप से बढ़ने लगती हैं और अन्य हिस्सों में फैलती हैं। कैंसर का रोग किसी भी अंग में हो सकता हैं और इसकी कई तरह की श्रेणियाँ होती हैं।
कैंसर एक ऐसी स्थिति होती हैं जिसमें शरीर की कोशिकाएँ अनियंत्रित रुप से विभाजित होने लगती हैं और ट्यूमर बनाती हैं। शरीर की ये कोशिकाएँ शरीर के अन्य भागों में फैल भी सकती हैं। इसे Metastasis भी कहते हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे कैंसर के प्रकार के बारे में।
कैंसर के प्रकार- Cancer ke prakar
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं कैंसर के प्रकार के बारे में।
अब हम आपसे कैंसर के प्रकार के बारे में बात करें तो कैंसर के कुछ आम प्रकार निम्नलिखित हैं:-
स्तन कैंसर (Breast Cancer)
फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer)
गर्भाश्य/सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer)
आंत का कैंसर (Colorectal Cancer)
त्वचा का कैंसर (Skin Cancer)
प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer)
रक्त कैंसर (Leukemia)
ये हैं कैंसर के कुछ प्रकार जिसके कारण कैंसर के होने की संभावना हो सकती हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे कैंसर की बीमारी के कारण के बारे में।
जानिए टीबी की बीमारी के इलाज़ के बारे में।
कैंसर की बीमारी का कारण- Cancer ki bimari ka karan
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं कैंसर की बीमारी के कारण के बारे में। अब हम आपसे कैंसर की बीमारी के कारण के बारे में बात करें तो कैंसर की बीमारी का कोई भी एकल कारण नहीं होता हैं, बल्कि यह कई आंतरिक और बाहरी कारणों का परिणाम होता हैं।
यहाँ कैंसर के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:-
अनुवांशिक कारण
कुछ लोगों को कैंसर होने की पारिवारिक प्रवृत्ति होती हैं। अगर परिवार में किसी को कैंसर होता हैं तब जोखिम बढ़ता हैं। कुछ विशेष जीन म्यूटेशन के कारण स्तन और ओवरी कैंसर हो सकता हैं।
तम्बाकू और धूम्रपान
तम्बाकू और धूम्रपान फेफड़ों का कैंसर, मुख का कैंसर, गले का कैंसर, पेट का कैंसर आदि के प्रमुख कारणों में से एक हैं। बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, पान मसाला और तम्बाकू का सेवन अधिक हानिकारक होता हैं।
शराब
ज्यादा मात्रा में शराब पीना लीवर, गले, अन्ननली, स्तन और मुँह के कैंसर से संबंधित होता हैं।
रेडिएशन/विकिरण
सूरज की पराबैंगनी किरणें त्वचा का कैंसर का कारण बनती हैं। एक्स-रे, CT स्कैन आदि की ज्यादा मात्रा भी जोखिम को बढ़ाती हैं।
वायरल और संक्रमण
HPV सर्वाइकल कैंसर का कारण बनती हैं। Hepatitis B और C लीवर कैंसर का कारण बनती हैं। EBV कुछ रक्त कैंसर का कारण बनती हैं। H.Pylori बैक्टीरिया पेट के कैंसर का कारण बनती हैं।
खानपान और जीवनशैली
फास्ट फूड, ज्यादा तला-भुना खाना, रेड मीट आदि का ज्यादा सेवन कैंसर का कारण बनती हैं। कम फल-सब्जियाँ और फाइबर की कमी भी कैंसर का कारण बनती हैं। मोटापा कई कैंसर का खतरा बढ़ाता हैं।
रसायनों और प्रदूषण के संपर्क में आना
फैक्ट्रियों, कीटनाशकों, प्लास्टिक, डाई, पेंट आदि में पाए जाने वाले कुछ कार्सिनोजेनिक रसायन कैंसर का कारण बनती हैं। वातावरणीय प्रदूषण के कारण फेफड़ों के कैंसर का खतरा बना रहता हैं।
हॉर्मोनल असंतुलन
कुछ हॉर्मोन थेरेपी या लंबे समय तक birth control pills का इस्तेमाल भी कैंसर का कारण बन सकता हैं। एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन असंतुलन भी कुछ कैंसर से संबंधित हैं।
उम्र और इम्यून सिस्टम
उम्र बढ़ने के साथ कोशिकाओं में म्यूटेशन का खतरा बढ़ने लगता हैं। कमज़ोर इम्यून सिस्टम (HIV/AIDS रोगियों में) के कारण भी कैंसर का खतरा होता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे कैंसर की बीमारी के घरेलू उपाय के बारे में।
कई बार कोई व्यक्ति इन कारणों के संपर्क में नहीं आता फिर भी उस व्यक्ति को कैंसर हो सकता हैं। इसलिए समय-समय पर जाँच और सावधानी ही कैंसर से बचाव हैं।
कैंसर की बीमारी के घरेलू उपाय- Cancer ki bimari ke gharelu upay
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं कैंसर की बीमारी के घरेलू उपाय के बारे में। अब हम आपसे कैंसर की बीमारी के घरेलू उपाय के बारे में बात करें तो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का मुख्य इलाज़ एलोपैथिक इलाज़ से ही संभव होता हैं। एलोपैथिक इलाज़ जैसे की सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन।
कुछ घरेलू उपाय और आयुर्वेदिक उपाय ऐसे होते हैं जो रोग प्रतिरोधक शक्ति को मज़बूत करते हैं, शरीर को इलाज़ के साइड इफेक्ट से उबरने में मददगार रहते हैं और कैंसर के विकास को भी धीमा करते हैं।
कोई भी घरेलू उपाय कैंसर के इलाज़ का विकल्प नहीं हैं। इन सब घरेलू उपायों को डॉक्टर की सलाह के साथ ही अपनाना चाहिए। ये सब घरेलू उपाय कैंसर की बीमारी को पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकते हैं।
लहसुन
लहसुन में एलिसिन नामक तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर-रोधी गुण रखता हैं। रोज़ाना सुबह खाली पेट 1-2 कच्ची कलियाँ चबाना अत्यंत फायदेमंद हो सकता हैं।
हल्दी
हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-कैंसर एंजेंट होता हैं। आप रोज़ाना एक चुटकी हल्दी गर्म दूध या शहद के साथ ले सकते हैं।
ग्रीन टी
ग्रीन टी में कैटेचिन्स नामक तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा करते हैं। आप दिन में 1-2 कप ग्रीन टी पी सकते हैं जो अत्यंत फायदेमंद हो सकता हैं।
फल और सब्जियाँ
फल और सब्जियाँ जैसे की ब्रोकली, गाजर, चुकंदर, आंवला, अनार, जामुन आदि। इन सब फल और सब्जियों में विटामिन C, बीटा-कैरोटीन और फ्लावोनॉइड्स पाए जाते हैं जो कोशिका सुरक्षा में मददगार रहते हैं।
योग और प्राणायाम
अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी जैसे प्राणायाम के कारण ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर होती हैं। योग और प्राणायाम में तनाव और अवसाद कम होता हैं जिससे इम्युनिटी में सुधार होने लगता हैं।
अजवाइन और तुलसी
तुलसी की पत्तियाँ चबाना और अजवाइन का पानी पीना रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने लगता हैं।
अश्वगंधा और गिलोय
आयुर्वेद में अश्वगंधा और गिलोय को इम्यून बूस्टर माना जाता हैं। डॉक्टर की सलाह के कारण इनके चूर्ण या कैप्सूल लिए जा सकते हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे कैंसर की बीमारी के एलोपैथिक इलाज़ के बारे में।
कैंसर में परहेज़
आपको कैंसर की बीमारी में कभी-भी जंक फूड, पैकेट बंद चीज़ें, फास्ट फूड, रेड मीट, अधिक चीनी और नमक, शराब और तम्बाकू और अधिक तला-भुना और मसालेदार खाना जैसी चीज़ें नहीं खानी चाहिए। इन सब चीज़ों से आपको हमेशा परहेज़ रखना चाहिए।
आप इस बात का खास ध्यान रखना की हर व्यक्ति को हर घरेलू नुस्खा सूट नहीं करता हैं। कोई भी घरेलू उपाय अपनाने से पहले आपको डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य से सलाह अवश्य लेनी चाहिए। कैंसर की स्टेज और प्रकार के अनुसार ही घरेलू उपाय अत्यंत मददगार हो सकते हैं।
कैंसर की बीमारी का एलोपैथिक इलाज़- Cancer ki bimari ka allopathic ilaaj
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं कैंसर की बीमारी के एलोपैथिक इलाज़ के बारे में। अब हम आपसे कैंसर की बीमारी के एलोपैथिक इलाज़ के बारे में बात करें तो कैंसर की बीमारी का एलोपैथिक इलाज़ पूरी तरह से वैज्ञानिक तरीकों पर आधारित हैं और इसका उद्देश्य हैं की कैंसर को पूरी तरह से हटाना, कैंसर की वृद्धि को रोकना और मरीज़ को लंबे समय तक जीवित और बेहतर जीवन देना।
कैंसर का एलोपैथिक इलाज़ कैंसर के प्रकार, स्थान, स्टेज और रोगी की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता हैं।
सर्जरी
यदि कैंसर एक ही जगह पर सीमित होता हैं तब ट्यूमर को शरीर से हटाया जा सकता हैं। विशेष रुप से शुरुआती स्टेज वाले कैंसर में सर्जरी बहुत ही प्रभावी होता हैं। जैसे की स्तन कैंसर में मास्टेक्टॉमी और आंत के कैंसर में कोलन रिमूवल सर्जरी।
रेडिएशन थेरेपी
रेडिएशन थेरेपी में उच्च ऊर्जा वाली किरणों के कारण ट्यूमर की कोशिकाओं को नष्ट किया जाता हैं। रेडिएशन थेरेपी अक्सर सर्जरी या कीमोथेरेपी के साथ दी जाती हैं। रेडिएशन थेरेपी से थकान, त्वचा में जलन, बाल झड़ने जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
कीमोथेरेपी
कीमोथेरेपी दवाओं के जरिए कैंसर कोशिकाओं को मारने की प्रक्रिया होती हैं। कीमो दवाएँ रक्त के जरिए पूरे शरीर में फैलने लगती हैं और तेज़ी से बढ़ने वाली कोशिकाओं पर प्रभाव डालती हैं। इससे बाल झड़ना, उल्टी, मिचली, थकावट, संक्रमण का खतरा बढ़ना जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
इम्यूनोथेरेपी
इम्यूनोथेरेपी वाला इलाज़ शरीर की प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैंसर से लड़ने के लिए सक्रिय करता हैं। खासतौर पर यह इलाज़ कुछ प्रकार के ब्लड कैंसर, स्किन कैंसर और लंग कैंसर में इस्तेमाल होता हैं।
टार्गेटेड थेरेपी
टार्गेटेड थेरेपी वाला इलाज़ सिर्फ कैंसर कोशिकाओं पर प्रभाव करता हैं, न की सामान्य कोशिकाओं पर। इस थेरेपी में विशेष दवाएँ या एंटीबॉडी दी जाती हैं जो कैंसर की वृद्धि को रोकती हैं।
हार्मोन थेरेपी
कुछ कैंसर जैसे की स्तन कैंसर या प्रोस्टेट कैंसर में हार्मोन कैंसर को बढ़ाने लगते हैं। हार्मोन को रोकने वाली दवाओं से कैंसर की वृद्धि रोकी जाती हैं।
आवश्यक जानकारी:- मलेरिया से बचाव के देसी नुस्खें के बारे में।
निष्कर्ष- Conclusion
ये हैं कैंसर से लड़ने में मददगार घरेलू उपाय से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। इस जानकारी को प्राप्त करने के बाद आपको कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में मदद मिल सकती हैं। यह जानकारी कैंसर के मरीज़ों के लिए अत्यंत मददगार सिद्ध हो सकती हैं।
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