आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं पीलिया की बीमारी के बारे में। अब हम आपसे पीलिया की बीमारी के बारे में बात करें तो पीलिया एक लक्षण होता हैं कोई बीमारी नहीं होती जो शरीर में बिलीरुबिन नामक पदार्थ के बढ़ने की वजह से होता हैं।
इस बीमारी से त्वचा, आँखें और पेशाब का रंग पीला होता हैं। यह बीमारी किसी लीवर, पित्ताशय या रक्त से संबंधित समस्या का संकेत होता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे पीलिया की बीमारी के कारण के बारे में।
पीलिया की बीमारी का कारण- Pilia ki bimari ka karan
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं पीलिया की बीमारी के कारण के बारे में। अब हम आपसे पीलिया की बीमारी के कारण के बारे में बात करें तो शरीर में बिलीरुबिन नामक पीले रंग के पदार्थ के बढ़ जाने की वजह से पीलिया होता हैं।
पीलिया लिवर में गड़बड़ी, पित्त नली में रुकावट या रक्त कोशिकाओं के टूटने के कारण हो सकता हैं। यहाँ पीलिया के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:-
लीवर से जुड़ी समस्याएँ
- हेपेटाइटिस A, B, C, D, E वायरस:- वायरल संक्रमण के कारण लिवर सूज जाता हैं। इससे पीलिया की बीमारी हो सकती हैं।
- फैटी लिवर:- मोटापा, शराब या मधुमेह के कारण लिवर में चर्बी जमा हो जाती हैं। फैटी लिवर भी पीलिया की बीमारी का कारण हो सकता हैं।
- लिवर सिरोसिस:- लंबे समय तक शराब या संक्रमण की वजह से लिवर क्षतिग्रस्त हो जाता हैं।
- दवाओं का प्रभाव:- कुछ दवाएँ लिवर पर बुरा प्रभाव डालती हैं। इससे पीलिया की बीमारी हो सकती हैं।
पित्त नली की रुकावट
- पित्त की पथरी:- पित्त नली में फंसकर बिलीरुबिन बाहर नहीं निकलने देती हैं। इससे पीलिया की बीमारी हो सकती हैं।
- पित्त नली का ट्यूमर:- कैंसर या अन्य वृद्धि के कारण रास्ता बंद हो सकता हैं। ये भी पीलिया की बीमारी का कारण हो सकता हैं।
- पैंक्रियाज का कैंसर:- पैंक्रियाज़ का कैंसर पित्त नली पर दबाव डाल सकती हैं।
रक्त से जुड़ी समस्याएँ
- हीमोलाइटिक एनीमिया:- लाल रक्त कोशिकाएँ जल्दी टूटने लगती हैं इससे बिलीरुबिन बढ़ने लगता हैं।
- मलेरिया, थैलेसीमिया जैसी बीमारियाँ भी पीलिया की बीमारी का कारण बन सकती हैं।
अगर लगातार बुखार, कमज़ोरी, आँखों और त्वचा का पीलापन, उल्टी, दस्त या पेट दर्द और बहुत गहरा पीला पेशाब जैसे लक्षण दिखाई देने लगे तो आप तुरंत डॉक्टर की सलाह जरुर लें। क्योंकि ये सब लक्षण किसी गंभीर समस्या का भी कारण हो सकते हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे पीलिया की बीमारी के घरेलू उपाय के बारे में।
पीलिया की बीमारी का घरेलू उपाय- Pilia ki bimari ka gharelu upay
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं पीलिया की बीमारी के घरेलू उपाय के बारे में। अब हम आपसे पीलिया की बीमारी के घरेलू उपाय के बारे में बात करें तो पीलिया के घरेलू उपाय सिर्फ हल्के मामलों में और डॉक्टर की सलाह के साथ ही अपनाने चाहिए।
ये घरेलू उपाय लक्षणों को कम करने और लिवर की सफाई में मददगार रहते हैं। लेकिन यदि पीलिया गंभीर हो, बुखार हो या पेशाब बहुत ज्यादा पीला हो तब चिकित्सकीय इलाज़ ज्यादा आवश्यक हैं। यहाँ पीलिया के घरेलू उपचार निम्नलिखित हैं:-
गन्ने का रस
गन्ने का रस लिवर को ठंडक और ऊर्जा प्रदान करता हैं। आप दिन में 2-3 बार गन्ने का रस पी सकते हैं। लेकिन इसमें बर्फ न डालें। आप इस बात का विशेष ध्यान रखें की केवल साफ और ताज़ा रस ही लें।
हल्दी वाला पानी
हल्दी वाला पानी लिवर को डिटॉक्स करता हैं। आप दिन में 1 गिलास गुनगुने पानी में ½ चम्मच हल्दी मिलाकर 1-2 बार पी सकते हैं।
पपीते के पत्तों का रस
पपीते के पत्तों का रस इम्यूनिटी को बढ़ाता हैं। आप पपीते के पत्तियों को पीसकर छान लें और 1-2 चम्मच रस दिन में 1 बार ले सकते हैं।
नींबू पानी/ शिकंजी
नींबू पानी/ शिकंजी शरीर को हाइड्रेट रखता हैं और पाचन को ठीक करता हैं। आप दिन में 1 बार नींबू पानी पी सकते हैं।
तुलसी के पत्ते
आप तुलसी के 5-7 पत्ते चबाएँ या पानी में उबालकर तुलसी का काढ़ा भी पी सकते हैं।
आंवला
आंवला विटामिन C से भरपूर रहता हैं और लिवर के लिए अत्यंत फायदेमंद रहता हैं। आंवला का रस या चूर्ण भी लिया जा सकता हैं।
एलोवेरा जूस
आप खाली पेट एक चम्मच एलोवेरा जूस पी सकते हैं। लेकिन एलोवेरा का जूस आप डॉक्टर से पूछकर पी सकते हैं।
पीलिया में परहेज़
पीलिया की बीमारी में आप तला-भुना, मसालेदार भोजन, रेड मीट, अंडा, घी-तेल वाली चीज़ें, शराब या धूम्रपान और अधिक दवाएँ बिना सलाह के जैसी चीज़ों से बिल्कुल दूर रहें। ये सब चीज़ें खाना पीलिया की बीमारी में ठीक नहीं रहती हैं।
आप पीलिया की बीमारी में खिचड़ी, दलिया, दाल-चावल, नारियल पानी, गाजर, चुकंदर, आंवला का रस, सब्जियों का सूप और नींबू पानी और बेल का शरबत जैसी चीज़ों का सेवन कर सकते हो।
ये सब चीज़ें पीलिया की बीमारी को ठीक करने में काफी फायदेमंद रहती हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे पीलिया की बीमारी के एलोपैथिक उपचार के बारे में।
आप इस बात का खास ध्यान रखना की घरेलू उपायों का सेवन तभी करें जब पीलिया हल्की हो। अगर बुखार, कमज़ोरी, उल्टी या आँखें बहुत पीली हो तब डॉक्टर से तुरंत संपर्क कर लें। पीलिया की बीमारी में ज्यादा देरी करने से लिवर को स्थायी नुकसान भी हो सकता हैं।
पीलिया की बीमारी के एलोपैथिक उपचार- Pilia ki bimari ke allopathic upchar
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं पीलिया की बीमारी के एलोपैथिक उपचार के बारे में। अब हम आपसे पीलिया की बीमारी के एलोपैथिक उपचार के बारे में बात करें तो पीलिया के एलोपैथिक उपचार का चुनाव इसकी जड़ कारण पर निर्भर हैं जैसे की हेपेटाइटिस, पित्त की पथरी, लिवर सिरोसिस या खून की बीमारी।
पीलिया के एलोपैथिक उपचार में दवाओं के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव और कभी-कभी सर्जरी भी शामिल होती हैं।
वायरल हेपेटाइटिस (Hepatitis A, B, C, E)
वायरल हेपेटाइटिस में विश्राम और हाइड्रेशन आवश्यक हैं। आमतौर पर Hepatitis A, E में दवाएँ नहीं बल्कि शरीर खुद ठीक करता हैं। Hepatitis B, C में Antiviral Drugs जैसे की Tenofovir, Entecavir, Sofosbuvir आदि का सेवन किया जाता हैं। इसका इलाज़ डॉक्टर की निगरानी में लंबे समय तक किया जाता हैं।
फैटी लिवर या लिवर इंफ्लेमेशन
फैटी लिवर के मामले में Liv52, विटामिन E और Multivitamins की सबसे ज्यादा आवश्यकता पड़ती हैं। UDCA लिवर को सपोर्ट करता हैं।
पित्त की पथरी या पित्त नली में रुकावट
यदि इस प्रकार का संक्रमण होता हैं तो Antibiotics का इस्तेमाल करना चाहिए। Antibiotics जैसे की Ceftriaxone, Metronidazole। पित्त की पथरी या पित्त नली में रुकावट की अल्ट्रासाउंड से जाँच की जाती हैं। इस संक्रमण में सर्जरी या ERCP द्वारा पथरी हटाई जाती हैं।
लिवर सिरोसिस
लिवर सिरोसिस शराब, हेपेटाइटिस जैसे कारणों पर निर्भर करता हैं। लिवर सिरोसिस के मामले में दवाएँ Diuretics (Spironolactone, Furosemide), Lactulose Syrup, Beta Blockers का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Diuretics सूजन कम करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। अगर अमोनिया बढ़ रहा हो तब Lactulose Syrup का इस्तेमाल करना चाहिए। रक्तस्राव रोकने के लिए Beta Blockers का इस्तेमाल कर सकते हैं।
हीमोलाइटिक एनीमिया
हीमोलाइटिक एनीमिया के मामले में Steroids या Immunosuppressants का इस्तेमाल किया जाता हैं। आवश्यकता पड़ने पर ब्लड ट्रांसफ्यूजन का इस्तेमाल किया जाता हैं।
पीलिया का पता करने के लिए जरुरी जाँचें
टेस्ट | उद्देश्य |
LFT (Liver Function Test) | बिलीरुबिन, SGPT/SGOT आदि जाँच |
USG (Ultrasound) | पित्त की पथरी या सूजन की पुष्टि |
CBC, Retic Count | एनीमिया या संक्रमण |
Hepatitis Panel | वायरस की पहचान |
PT/INR | लिवर की रक्त जमाने की क्षमता |
निष्कर्ष- Conclusion
ये हैं पीलिया की बीमारी के घरेलू उपाय से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। इस जानकारी को प्राप्त करने के बाद आपको पीलिया की बीमारी को ठीक करने के घरेलू उपाय के बारे में थोड़ा ज्ञात हो गया होगा।
इस जानकारी से आप पीलिया की बीमारी को थोड़ा ठीक कर सकते हैं। अगर आपको हमारे ये घरेलू उपाय पसंद आए तो आप हमारे इन घरेलू उपायों को लाइक व कमेंट जरुर कर लें।
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