आमवात: कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार

Vineet Bansal

आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं आमवात की बीमारी के बारे में। अब हम आपसे आमवात की बीमारी के बारे में बात करें तो आमवात की बीमारी एक तरह का ऑटोइम्यून रोग हैं। इस बीमारी में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से जोड़ों पर हमला करती हैं।

इस बीमारी का परिणाम जोड़ों में सूजन, दर्द, जकड़न और चलने-फिरने में कठिनाई के रुप में होता हैं। इस बीमारी का इलाज पूर्ण रुप से संभव नहीं हैं।

परंतु इस बीमारी के लक्षणों को नियंत्रित करने और रोग की प्रगति के धीमा करने के लिए अलग-अलग उपचार विकल्प उपलब्ध होते हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे आमवात के लक्षण के बारे में।

आमवात के लक्षण- Aamvat ke lakshan

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं आमवात के लक्षण के बारे में। अब हम आपसे आमवात के लक्षण के बारे में बात करें तो आमवात की बीमारी एक तरह का ऑटोइम्यून रोग होता हैं।

aamvat ke lakshan

इस बीमारी में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से जोड़ों पर आक्रमण करती हैं। इस बीमारी के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:-

  • जो‌ड़ों के दर्द और सूजन:- जोड़ों के दर्द और सूजन आमवात का प्रमुख लक्षण हैं। इस बीमारी से हाथ, पैर, उंगलियों, कलाई और घुटनों जैसे छोटे जोड़ों में सूजन और दर्द उत्पन्न होता हैं।
  • जोड़ों में गर्माहट:- आमवात की बीमारी के कारण प्रभावित जोड़ों में गर्माहट और हल्की लालिमा अनुभव होने लगती हैं।
  • सुबह में जकड़न:- आमवात की बीमारी के कारण पीड़ित लोगों को सुबह उठने पर जोड़ों में सख्त जकड़न अनुभव होने लगती हैं। जोड़ों में सख्त जकड़न दिन में धीरे-धीरे कम होने लगती हैं।
  • थकान, कमज़ोरी और हल्का बुखार:- आमवात की बीमारी के कारण रोगियों को अधिक थकावट और कमज़ोरी अनुभव होने लगती हैं। इस बीमारी के कारण कभी-कभी हल्का बुखार भी होने लगता हैं।
  • जोड़ों का असमान आकार:- इस बीमारी में लंबे वक्त तक आमवात की बीमारी से ग्रस्त रहने पर जोड़ों का आकार सामान्य स्थिति से बिल्कुल परे होने लगता हैं। इस बीमारी में चलने-फिरने में बहुत कठिनाई होने लगती हैं।
  • हड्डियों और जोड़ों का क्षरण:- आमवात की बीमारी के कारण हड्डियों में क्षरण होने लगता हैं। इससे जोड़ों की गतिशीलता प्रभावित होने लगती हैं।

अगर आपको भी इन लक्षणों में से कोई भी लक्षण अनुभव हो रहा हो तो आप इसे बिल्कुल भी नज़रअंदाज मत करें और जल्द-से-जल्द चिकित्सक से परामर्श कर लें। इस बीमारी का सही समय पर उपचार होना अति आवश्यक हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे आमवात के घरेलू नुस्खें के बारे में।

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आमवात के घरेलू नुस्खें- Aamvat ke gharelu nuskhen

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं आमवात के घरेलू नुस्खें के बारे में। अब हम आपसे आमवात के घरेलू नुस्खें के बारे में बात करें तो आमवात की बीमारी के लक्षणों को कम करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खें अत्यंत फायदेमंद होते हैं।

aamvat ke gharelu nuskhan

ये घरेलू नुस्खें पूरी तरह से आमवात की बीमारी का इलाज़ नहीं कर सकते हैं। लेकिन ये घरेलू नुस्खें इस बीमारी से जुड़े सूजन, दर्द और जकड़न में आराम दिला सकते हैं। यहाँ कुछ घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं:-

हल्दी और अदरक का सेवन

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एक प्रकार का प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व हैं। हल्दी सूजन को कम करने में अत्यंत मददगार रहता हैं। आप सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाने के बाद पी सकते हैं।

अदरक का सेवन दर्द और सूजन में आराम दिला सकता हैं। आप अदरक को भोजन में भी शामिल कर सकते हैं और अदरक की चाय बनाकर भी पी सकते हैं।

एप्पल साइडर विनेगर (सेब का सिरका)

सेब के सिरके में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द को कम करने में अत्यंत फायदेमंद होता हैं।

रोज़ सुबह आप एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच सेब के सिरके का और शहद मिलाकर पी सकते हैं। इससे आपको भरपूर लाभ मिलेगा।

लहसून का सेवन

लहसून में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। लहसून प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत कर देता हैं। आप रोज़ सुबह 1-2 कच्ची लहसून की कलियाँ खाली पेट चबाएँ। इससे जोड़ों के दर्द में आराम मिलता हैं।

मेथी के बीज

मेथी के बीज में सूजनरोधी गुण पाए जाते हैं। आप रातभर एक चम्मच मेथी के बीज को पानी में भिगो लें। सूबह उठकर मेथी के बीज को खाली पेट चबाकर खा लें।

गर्म और ठंडा सेंक

गर्म पानी की थैली का सेंक देने में मांसपेशियों को राहत मिलता हैं। इससे जोड़ों का दर्द भी कम होने लगता हैं।

ठंडे पानी की थैली का सेंक देने से सूजन कम होने लगती हैं। जरुरत के अनुसार आप 10-15 मिनट तक गर्म या ठंडे सेंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अलसी के बीज

अलसी के बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता हैं। अलसी के बीज सूजन को कम करने में अत्यंत फायदेमंद होते हैं। आप रोज़ाना 1-2 चम्मच अलसी के बीजों का सेवन कर सकते हैं।

आपकी इसमें इच्छा हैं चाहे आप अलसी के बीज़ों को चबाकर खाएँ या फिर सलाद में मिलाकर खाएँ। अब हम आपसे चर्चा करेंगे आमवात के आयुर्वेदिक घरेलू उपचार के बारे में।

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आमवात के आयुर्वेदिक घरेलू उपचार- Aamvat ke ayurvedic gharelu upchar

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं आमवात के आयुर्वेदिक घरेलू उपचार के बारे में। अब हम आपसे आमवात के आयुर्वेदिक घरेलू उपचार के बारे में बात करें तो आमवात के लक्षणों को कम करने के लिए आयुर्वेद में कुछ प्राकृतिक उपचार अत्यंत फायदेमंद हैं।

aamvat ke ayurvedic gharelu upchar

इन प्राकृतिक उपचार में से कई घरेलू उपचार सूजन और दर्द को कम करने में फायदेमंद होते हैं। आयुर्वेद में “आम” का मतलब हैं शरीर में विषाक्त पदार्थों का संचय करना हैं और “वात” का मतलब हैं वात दोष के असंतुलन के साथ मिलकर जोड़ों के दर्द का कारण बताता हैं। यहाँ कुछ आयुर्वेदिक उपचार निम्नलिखित हैं:-

अजवाइन का इस्तेमाल

अजवाइन में सूजन-रोधी गुण पाए जाते हैं। यह वात दोष को संतुलित करने में अत्यंत फायदेमंद होता हैं। आप एक कप पानी में एक चम्मच अजवाइन को उबाल लें।

इस उबले हुए पानी को ठंडा करके पीएँ। आप अजवाइन को गर्म पानी में भिगोकर प्रभावित जोड़ों पर सेंक भी सकते हैं।

अश्वगंधा

आयुर्वेद में एक प्रसिद्ध जड़ी-बूटी अश्वगंधा हैं। अश्वगंधा प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत कर देता हैं। अश्वगंधा सूजन को कम करने में अत्यंत फायदेमंद होता हैं।

आप रोज़ाना 1-2 चम्मच अश्वगंधा पाउडर को गर्म पानी या दूध के साथ ले सकते हैं। इस उपाय से जोड़ों की सूजन और दर्द में आराम मिल सकता हैं।

रास्नादी काढ़ा

रास्ना, गुग्गुल और अन्य जड़ी-बूटियों से बना रास्नादी काढ़ा आमवात के इलाज़ के लिए उपयोगी हैं।

यह काढ़ा वात दोष को संतुलित कर सकता हैं और जोड़ों के दर्द को कम कर सकता हैं। आप रास्नादी काढ़ा को आयुर्वेदिक चिकित्सक के निर्देशानुसार तैयार कर सकते हैं या बाज़ार से भी रास्नादी काढ़ा ले सकते हैं।

अरंडी का तेल का सेवन और मालिश

अरंडी के तेल में वात दोष को नियंत्रित करने के गुण पाए जाते हैं। आप गर्म पानी के साथ सुबह खाली पेट आधा चम्मच अरंडी के तेल को लें। इन सब के अलावा अरंडी के तेल से प्रभावित जोड़ों की मालिश करने से दर्द को भी आराम मिलता हैं।

त्रिफला का सेवन

त्रिफला शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में अत्यंत फायदेमंद होता हैं। यह हरड़, बहेड़ा और आंवला के मिश्रण से मिलकर बना हैं।

इसके सेवन से आमवात की बीमारी को भी नियंत्रित कर सकते हैं। आप रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ त्रिफला चूर्ण को लें। इस उपाय से पाचन तंत्र मज़बूत होता हैं और शरीर में आम नहीं बन सकता हैं।

गुग्गुल का सेवन

गुग्गुल वात दोष को नियंत्रित करने में अत्यंत फायदेमंद होता हैं। गुग्गुल का उपयोग आमवात की बीमारी में भी किया जाता हैं।

योगराज गुग्गुल जैसी आयुर्वेदिक दवाइयाँ आमवात के उपचार के लिए लाभदायक हैं। गुग्गुल को लेने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह कर लें।

हिंग का उपयोग

हिंग गैस और सूजन को कम करने में अत्यंत फायदेमंद होती हैं। गुनगुने पानी में हिंग को घोलकर प्रभावित स्थान पर लगा सकते हैं या भोजन में भी हिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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निष्कर्ष- Conclusion

ये हैं आमवात के लक्षण और घरेलू उपचार से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। जानकारी पसंद आने पर जानकारी को लाइक व कमेंट जरुर करें।

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