अधकपारी (माइग्रेन): कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

Vineet Bansal

आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं अधकपारी की बीमारी के बारे में। अब हम आपसे अधकपारी की बीमारी के बारे में बात करें तो अधकपारी एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी हैं। अधकपारी की बीमारी में बार-बार तेज़ और गंभीर सिरदर्द के दौरे आते हैं।

गंभीर सिरदर्द अक्सर सिर के एक हिस्से में धड़कने वाला या तीव्र दर्द उत्पन्न करता हैं। इन सब के साथ अन्य लक्षण जैसे जी मिचलाना, उल्टी, प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता होते हैं।

इस बीमारी का दर्द घंटों से लेकर दिनों तक रहता हैं। माइग्रेन का दर्द व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों पर भी गहरा असर डालता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे अधकपारी के कारण के बारे में।

अधकपारी का कारण- Adhakpari ka karan

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं अधकपारी के कारण के बारे में। अब हम आपसे अधकपारी के कारण के बारे में बात करें तो अधकपारी के सही कारणों का अभी तक पूर्ण रुप से ज्ञात नहीं हुआ हैं।

adhakpari ka karan

लेकिन यह कहा जाता हैं की अधकपारी कई कारणों के संयोजन से होता हैं। इनमें कई कारण शामिल हैं:-

  • मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन:- सेरोटोनिन जैसे की न्यूरोट्रांसमीटर (रासायनिक संदेशवाहक) की असामान्य गतिविधि मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं को असर करती हैं। यह असामान्य गतिविधि माइग्रेन का कारण बनती हैं।
  • अनुवांशिक कारण:- यदि परिवार में किसी भी सदस्य को माइग्रेन हैं तो उस परिवार के अन्य सदस्यों में भी माइग्रेन होने की संभावना ज्यादा होने लगती हैं।
  • पर्यावरणीय और जीवनशैली संबंधी कारण:- तनाव, नींद की कमी या अधिक नींद, अनियमित भोजन या उपवास, हार्मोनल परिवर्तन, मौसम में बदलाव और ध्वनि, गंध या प्रकाश से संवेदनशीलता।
  • हार्मोनल बदलाव:- महिलाओं में मासिक धर्म, गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के दौरान माइग्रेन ज्यादा होता हैं। एस्ट्रोजन हार्मोन में बदलाव भी माइग्रेन का ट्रिगर होता हैं।

ये हैं कुछ कारण जिसके कारण माइग्रेन की बीमारी उत्पन्न होते हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे अधकपारी के प्रकार के बारे में।

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अधकपारी के प्रकार- Adhakpari ke prakar

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं अधकपारी के प्रकार के बारे में।

adhakpari ke prakar

अब हम आपसे अधकपारी के प्रकार के बारे में बात करें तो अधकपारी तीन प्रकार का होता हैं:-

  • माइग्रेन विद ऑरा:- इस माइग्रेन में सिरदर्द से पहले दृष्टि संबंधी समस्याएँ जैसे चमकदार रोशनी, अंधे धब्बे या झिलमिलाहट होती हैं। कुछ मामलों में तो व्यक्ति को बोलने में कठिनाई, सुन्नता या चक्कर आना होता हैं।
  • माइग्रेन बिना ऑरा:- यह माइग्रेन सबसे सामान्य प्रकार का माइग्रेन हैं। इस माइग्रेन में सिरदर्द से पहले कोई दृष्टि समस्या नहीं होती।
  • क्रॉनिक माइग्रेन:- यदि किसी भी व्यक्ति को महीने में 15 दिन या उससे अधिक दिनों तक माइग्रेन की समस्या रहती हैं तो इसे क्रॉनिक माइग्रेन कहते हैं।

ये हैं माइग्रेन के कुछ प्रकर जो माइग्रेन की समस्या को जानने के लिए ज्यादा लाभदायक रहते हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे अधकपारी के लक्षण के बारे में।

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अधकपारी के लक्षण- Adhakpari ke lakshan

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं अधकपारी के लक्षण के बारे में। अब हम आपसे अधकपारी के लक्षण के बारे में बात करें तो अधकपारी की बीमारी सिरदर्द का एक गंभीर रुप हैं जो अक्सर सिर के एक हिस्से में तेज़ दर्द के रुप में होता हैं।

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इन सब के साथ कुछ अन्य लक्षण भी होते हैं। यहाँ अधकपारी के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:-

  • सिर में तेज़ धड़कन या धड़कते हुए दर्द:- आमतौर पर माइग्रेन का दर्द सिर के एक हिस्से में होता हैं। लेकिन कभी-कभी यह दर्द सिर के दोनों तरफ भी हो सकता हैं।
  • जी मिचलाना और उल्टी:- माइग्रेन के दौरान अक्सर मिचली और उल्टी की समस्या होने लगती हैं।
  • प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता:- माइग्रेन के दौरान मरीज़ को रोशनी और तेज़ आवाज़ से परेशानी होने लगती हैं।
  • दृष्टि संबंधी समस्याएँ:- जैसे की धुंधली दृष्टि, चमकदार रोशनी या बिंदु दिखना।
  • चक्कर आना:- माइग्रेन के दौरान अक्सर कमज़ोरी और चक्कर आने लगते हैं।
  • एकाग्रता में कमी:- माइग्रेन का दौरा पड़ने पर ध्यान केंद्रित करना कठिन हो सकता हैं।
  • कंधे या गर्दन में दर्द:- माइग्रेन के दौरान कभी-कभी गर्दन और कंधे में दर्द होने लगता हैं।
  • पेट में दर्द:- माइग्रेन के दौरान कुछ मामलों में पेट में दर्द और असहजता अनुभव होने लगती हैं।
  • सूंघने, स्वाद या स्पर्श में अतिसंवेदनशीलता:- माइग्रेन के दौरान प्रभावित व्यक्ति को इन संवेदनाओं में संवेदनशीलता अनुभव होने लगती हैं।

माइग्रेन का दौरा कुछ घंटों से लेकर तीन दिन तक रहता हैं। यदि आपको माइग्रेन के लक्षण ज्यादा गंभीर हो रहे हो तो आप डॉक्टर से तुरंत सलाह कर लें। अब हम आपसे चर्चा करेंगे अधकपारी के घरेलू इलाज़ के बारे में।

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अधकपारी के घरेलू इलाज़- Adhakpari ka gharelu ilaj

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं अधकपारी के घरेलू इलाज़ के बारे में। अब हम आपसे अधकपारी के घरेलू इलाज़ के बारे में बात करें तो अधकपारी के लिए कुछ घरेलू उपचार हैं जो लक्षणों को कम करने में मददगार होते हैं।

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ये घरेलू उपचार व्यक्ति-व्यक्ति पर विभिन्न प्रभाव डाल सकते हैं। यदि माइग्रेन ज्यादा गंभीर हैं या बार-बार होता हैं तो आप चिकित्सक से तुरंत सलाह कर लें। यहाँ कुछ घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं:-

आइस पैक का उपयोग

ठंडे आइस पैक को सिर पर रखने से सूजन कम होने लगती हैं। इससे दर्द में राहत मिल सकती हैं। आइस पैक को एक कपड़े में लपेटकर सिर या गर्दन पर 15-20 मिनट तक रख लें।

पानी की पर्याप्त मात्रा लें

निर्जलीकरण माइग्रेन का कारण हो सकता हैं। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से दर्द को कम करने में सहायता मिलती हैं।

तुलसी की चाय

तुलसी में दर्द निवारक गुण पाए जाते हैं। तुलसी की पत्तियों से बनी चाय पीने से सिरदर्द और मांसपेशियों की अकड़न में आराम मिलता हैं।

अदरक का सेवन

माइग्रेन के दौरान अदरक जी मिचलाने और उल्टी के लक्षणों को कम करने में मददगार होता हैं। अदरक की चाय या अदरक का टुकड़ा चबाने से लाभ होता हैं।

सिर की मालिश

सिर, गर्दन और कंधों की हल्की मालिश करने से रक्त संचार में सुधार होने लगता हैं। इससे माइग्रेन से राहत मिल सकती हैं। नारियल, बादाम या जैतून के तेल का इस्तेमाल करना लाभदायक हो सकता हैं।

मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ

मैग्नीशियम की कमी भी माइग्रेन का कारण हो सकता हैं। बादाम, कद्दू के बीज, केला और पालक जैसे मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन माइग्रेन को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता हैं।

लैवेंडर का तेल

लैवेंडर के तेल की कुछ बूंदें, ताज़े कपड़े में डालकर सूंघना या इसका हल्के स्प्रे बनाकर कमरे में छिड़काव करना माइग्रेन को कम करने में अत्यंत फायदेमंद होता हैं।

योग और ध्यान

माइग्रेन के दौरान मांसपेशियों में तनाव रहता हैं। इसे योग, ध्यान और सांस लेने की तकनीकों के माध्यम से कम किया जाता हैं। नियमित योग करने से तनाव को कम करने की संभावना कम होने लगती हैं। इसे माइग्रेन की संभावना भी कम हो सकती हैं।

कैफीन का सीमित सेवन

माइग्रेन में कैफीन से राहत मिल सकता हैं। लेकिन बहुत ज्यादा कैफीन लेने से सिरदर्द की समस्या और भी बढ़ सकती हैं। सीमित मात्रा में कैफीन का सेवन करना अत्यंत फायदेमंद होता हैं।

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निष्कर्ष- Conclusion

ये हैं माइग्रेन की बीमारी से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। जानकारी पसंद आने पर जानकारी को लाइक व कमेंट जरुर करें।

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