आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं वैशाख मास के महीने के बारे में। अब हम आपसे वैशाख मास के महीने के बारे में बात करें तो हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास का महीना हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना होता हैं।
वैशाख मास के महीने का विशेष महत्तव धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे वैशाख मास कब आता हैं?
वैशाख मास कब आता हैं?- Vaishakh Maas kab aata hain?
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं वैशाख मास के महीने के आने के बारे में। अब हम आपसे वैशाख मास के महीने के आने के बारे में बात करें तो हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास का महीना चैत्र मास के महीने के बाद और ज्येष्ठ मास के महीने से पहले आता हैं।
आमतौर पर वैशाख मास का महीना अप्रैल और मई के महीनों के बीच में आता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे वैशाख मास के महत्तव के बारे में।
वैशाख मास का महत्तव- Vaishakh Maas ka mahatva
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं वैशाख मास के महत्तव के बारे में। अब हम आपसे वैशाख मास के महत्तव के बारे में बात करें तो हिंदू धर्म में वैशाख मास का महीना अत्यंत धार्मिक और आध्यात्मिक महत्तव होता हैं।
वैशाख मास के महीने को पुण्य कार्यों और भगवान विष्णु की पूजा के लिए विशेष माना जाता हैं। वैशाख मास के महीने में किए गए स्नान, दान, व्रत और पूजा करने से अक्षय फल मिलता हैं।
धार्मिक महत्तव
- स्नान का महत्तव:- वैशाख मास में पवित्र नदियों जैसे की गंगा, यमुना, सरस्वती और तीर्थ स्थानों में स्नान करना अति शुभ माना जाता हैं। यह माना जाता हैं की सुबह के वक्त स्नान से पापों का नाश होता हैं और मोक्ष मिलता हैं।
- दान का महत्तव:- इस महीने में अन्न, वस्त्र, जल, छाया और अन्य आवश्यक चीज़ों का दान करना अत्यंत पुण्यकारी हैं। वैशाख मास के महीने में जल से भरे घड़े, चावल, घी और मिष्ठान का दान अधिक फलदायी माना गया हैं।
- भगवान विष्णु की पूजा:- विष्णु जी को समर्पित वैशाख मास का महीना विष्णु जी की आराधना और व्रत करने के लिए आदर्श समय हैं। इस महीने में विष्णु सहस्नाम का पाठ, तुलसी जल अर्पण और विष्णु मंत्रों का जाप अत्यंत शुभ माना जाता हैं।
- अक्षय तृतीया:- अक्षय तृतीया वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती हैं। अक्षय तृतीया को “सर्वसिद्धि तिथि” भी कहते हैं। अक्षय तृतीय के दिन विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्यों के लिए कोई भी मुहूर्त देखने की जरुरत नहीं हैं। अक्षय तृतीया के दिन किए गए पुण्य कार्य अक्षय फल प्रदान करते हैं।
- वैशाख पूर्णिमा:- वैशाख पूर्णिमा भगवान बुद्ध की जयंती के रुप में मनाया जाता हैं। वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। वैशाख पूर्णिमा को दान, ध्यान और साधना का विशेष दिन माना जाता हैं।
- जानकी जयंती:- जानकी जयंती के दिन माता सीता का जन्म हुआ था। जानकी जयंती को बगलामुखी जयंती के नाम से भी जाना जाता हैं। जानकी जयंती का दिन वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता हैं।
स्वास्थ्य और प्रकृति से संबंधित महत्तव
वैशाख के महीने में गर्मी का असर बढ़ने लगता हैं। इसीलिए इस महीने में हल्का और पौष्टिक भोजन का सुझाव दिया जाता हैं। वैशाख के महीने में शरीर को ठंडा रखने के लिए जल का महत्तव और भी बढ़ जाता हैं। इससे इस महीने में जल के दान का महत्तव और भी ज्यादा बढ़ जाता हैं।
आध्यात्मिक लाभ
इस महीने में व्रत, जप, तप और साधना करने से मानसिक शांति और आत्मिक शुद्धि मिलती हैं। इस महीने में पवित्र कार्य करने से व्यक्ति को जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती हैं।
निष्कर्ष- Conclusion
ये हैं वैशाख मास के महीने से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। जानकारी पसंद आने पर जानकारी को लाइक व कमेंट जरुर करें।
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सच में अक्षय तृतीय का दिन का सबसे शुभ मुहुर्त होता हैं।