बवासीर के मस्से सुखाने के प्रभावी आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय

Vineet Bansal

आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं बवासीर के मस्से सुखाने के बारे में। अब हम आपसे बवासीर के मस्से सुखाने के बारे में बात करें तो बवासीर के मस्से सुखाने की एक ऐसी प्रक्रिया हैं जिसमें सूजे हुए और दर्दनाक मस्सों को प्राकृतिक या आयुर्वेदिक उपायों से छोटा और कम सक्रिय बनाया जाता हैं।

बवासीर के मस्सी सुखाने की प्रक्रिया का उद्देश्य मस्सों की सूजन को कम करना, दर्द और जलन से राहत देना और मस्सों को बिना किसी सर्जरी या अन्य जटिल चिकित्सा प्रक्रियाओं से सही करना हैं।

जब मस्सों में रक्त प्रवाह नियंत्रित होता हैं और सूजन कम होती हैं तब मस्से धीरे-धीरे सूखने लगते हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे बवासीर के मस्से के कारण के बारे में।

बवासीर के मस्से का कारण- Bawasir ke masse ka karan

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं बवासीर के मस्से के कारण के बारे में। अब हम आपसे बवासीर के मस्से के कारण के बारे में बात करें तो बवासीर के मस्से का कारण ऐनस की नसों में सूजन और नसों में रक्त का जमाव होता हैं।

bawasir ke masse ka karan

इन सब के अलावा कई आंतरिक और बाहरी कारक होने लगते हैं। यहाँ बवासीर के मस्सों के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:-

इस बीमारी के मुख्य कारण

  • कब्ज:- बवासीर का सबसे सामान्य कारण लंबे वक्त तक कब्ज रहना हैं। मल कठोर होने पर मल को निकलने में जोर लगाना पड़ता हैं। इससे ऐनस की नसों पर दवाब बढ़ने लगता हैं।
  • लंबे समय तक शौचालय में बैठना:- टॉयलेट में अधिक वक्त बिताने पर मलद्वार की नसों पर ज्यादा दवाब पड़ने लगता हैं। यह दवाब मस्सों का कारण बनता हैं।
  • पाचन तंत्र की समस्याएँ:- अपच, गैस और आंतों की खराब स्थिति के कारण बवासीर का जन्म होता हैं। मसालेदार और असंतुलित आहार भी बवासीर का कारण होता हैं।
  • मोटापा:- शरीर का ज्यादा वजन होने के कारण पेट और मलद्वार पर दवाब बढ़ने लगता हैं। इससे बवासीर की संभावना बढ़ने लगती हैं।
  • गर्भावस्था:- गर्भावस्था के दौरान बढ़ता हुआ गर्भाश्य मलद्वार की नसों पर दवाब डालता हैं। इससे मस्से होते हैं।

इस बीमारी के अन्य कारण

  • अनुवांशिकता:- यदि परिवार के किसी भी सदस्य को बवासीर की समस्या हैं तो बवासीर की समस्या के विकसित होने की संभावना बढ़ने लगती हैं।
  • मल त्याग में ज्यादा जोर लगाना:- ज्यादा जोर लगाने के कारण नसे सूज जाती हैं। इससे मस्से बनते हैं।
  • शारीरिक निष्क्रियता:- ज्यादा वक्त तक बैठने या शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण बवासीर का खतरा बढ़ने लगता हैं।
  • अधिक वजन उठाना:- बार-बार भारी वजन उठाने के कारण पेट और ऐनस की नसों पर दवाब पड़ने लगता हैं।
  • आहार में फाइबर की कमी:- कम फाइबर युक्त आहार लेने के कारण मल सख्त होता हैं। इससे बवासीर की समस्या होती हैं।
  • अत्यधिक मसालेदार भोजन और शराब:- ज्यादा मसालेदार खाना और शराब का सेवन करने से मलद्वार की नसों में जलन और सूजन उत्पन्न होता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे बवासीर के मस्से सुखाने के घरेलू उपाय के बारे में।

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बवासीर के मस्से सुखाने के घरेलू उपाय- Bawasir ke masse sukhane ke gharelu upay

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं बवासीर के मस्से सुखाने के घरेलू उपाय के बारे में। अब हम आपसे बवासीर के मस्से सुखाने के घरेलू उपाय के बारे में बात करें तो बवासीर के मस्से सुखाने के लिए निम्नलिखित घरेलू उपाय उपयोगी होती हैं।

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ये घरेलू उपाय मस्सों की सूजन को कम करने, रक्तस्राव रोकने और राहत दिलाने में मददगार होते हैं। यहाँ बवासीर के मस्से सुखाने के घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं:-

  • एलोवेरा जेल:- एलोवेरा जेल मस्सों पर लगाएँ। एलोवेरा जेल जलन और सूजन को कम कर सकता हैं।
  • नारियल का तेल:- नारियल के तेल को मस्सों पर लगाने से राहत मिलता हैं। नारियल का तेल धीरे-धीरे सुखाने में मदद करता हैं।
  • गुनगुना पानी और सेंधा नमक:- गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालने के बाद 10-15 मिनट तक बैठ लें। जिससे मस्सों की सूजन को कम किया जा सकता हैं।
  • जामुन के बीज का चूर्ण:- छाछ के साथ 1 चम्मच जामुन के बीज का चूर्ण लें। जामुन का बीज बवासीर के मस्सों को सुखाने में मददगार होता हैं।
  • प्याज का रस:- दिन में प्याज का रस शहद के साथ मिलाकर दो बार पिएँ। प्याज का रस मस्सों को सुखाने में मददगार रहता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे बवासीर के मस्सें सुखाने की आयुर्वेदिक दवा के बारे में।

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बवासीर के मस्से सुखाने की आयुर्वेदिक दवा- Bawasir ke masse sukhane ki Ayurvedic dava

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं बवासीर के मस्से सुखाने की आयुर्वेदिक दवा के बारे में। अब हम आपसे बवासीर के मस्से सुखाने की आयुर्वेदिक दवा के बारे में बात करें तो बवासीर के मस्से सुखाने के लिए आयुर्वेद में कई प्रभावी उपाय उपलब्ध हैं।

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ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ सूजन कम करने, दर्द और जलन में आराम देने और मस्सों को सुखाने में मददगार होती हैं। यहाँ कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ निम्नलिखित हैं:-

  • त्रिफला चूर्ण:- रात को सोने से पहले 1-2 चम्मच त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लें। त्रिफला चूर्ण कब्ज को दूर कर देता हैं। क्योंकि कब्ज बवासीर का मुख्य कारण होता हैं।
  • अर्जुन की छाल:- 1 चम्मच गुनगुने पानी या दूध के साथ अर्जुन की छाल का पाउडर लें। अर्जुन की छाल सूजन और रक्तस्राव को कम करने में मददगार होता हैं।
  • अभयारिष्ट:- दिन में 2 बार भोजन के बाद अभयारिष्ट का सेवन 15-20 मिली लें। अभयारिष्ट पाचन को सुधारने और बवासीर के दर्द और सूजन में राहत देने में मददगार रहता हैं।
  • नागकेसर:- सुबह-शाम नागकेसर को शहद के साथ लें। नागकेसर रक्तस्राव रोकने में उपयोगी रहता हैं।
  • हरितकी (हरड़):- हरड़ पाचन को ठीक करने के बाद कब्ज को दूर करती हैं। हरड़ को रात में गुनगुने पानी के साथ लें।

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निष्कर्ष- Conclusion

ये हैं बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। जानकारी पसंद आने पर जानकारी को लाइक और कमेंट जरुर करें।

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