भानगढ़ का किला: भूतों का बसेरा या इतिहास का सच?

Vineet Bansal

आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं भानगढ़ के किले के बारे में। अब हम आपसे भानगढ़ के किले के बारे में बात करें तो भानगढ़ का किला राजस्थान के सबसे भूतियाँ गाँव में से एक जाना जाता हैं।

भानगढ़ का किला राजस्थान राज्य के अलवर जिले में स्थित हैं। भानगढ़ के किले को भारत के सबसे भुतिया स्थानों में से एक माना जाता हैं। भानगढ़ का किला भुतिया कहानियों और रहस्यमय घटनाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। 

भानगढ़ के किले से जुड़ी कई कहानियाँ और लोककथाएँ प्रचलित हैं जिसमें से सबसे प्रचलित कहानी एक जादूगर की हैं। जादूगर भानगढ़ के किले की राजकुमारी से एकतरफा प्रेम में पागल होकर उस राजकुमारी पर जादू करने का प्रयास किया था।

लेकिन उस राजकुमारी ने जादूगर की इस चाल को नाकाम कर दिया था। इस के परिणामस्वरुप उस जादूगर की मौत हो गई थी। जादूगर ने मौत से पहले पूरे गाँव को श्राप दे दिया था। यह कहा जाता हैं की इसी वजह से यह गाँव भूतिया हो गया था। 

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने रात के वक्त लोगों को भानगढ़ के किले पर प्रवेश करने में प्रतिबंध लगाया हुआ हैं। यह कहा जाता हैं की रात के समय भानगढ़ के किले पर रहना खतरनाक होता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे भानगढ़ का किला कहाँ पर हैं? 

भानगढ़ का किला कहाँ पर हैं?- Bhangadh ka kila kahan par hain?

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं भानगढ़ का किला कहाँ पर हैं? अब हम आपसे भानगढ़ के किले के बारे में बात करें तो राजस्थान के अलवर जिले में भानगढ़ का किला स्थित हैं।

bhangadh ka kila kahan par hain

भानगढ़ का किला सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के पास अरावली पर्वत श्रृंखला की तलहटी में बना हुआ हैं। जयपुर और अलवर के बीच भानगढ़ का किला स्थित हैं। भानगढ़ का किला जयपुर से लगभग 83 किलोमीटर दूर हैं और अलवर से लगभग 90 किलोमीटर दूर हैं। 

भानगढ़ के किले के बारे में कई भूतिया कहानियाँ प्रचलित हैं। भानगढ़ के किले को भारत के सबसे डरावने और रहस्यमय स्थानों में से एक माना जाता हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने भानगढ़ के किले में सूर्यास्त के बाद और सूर्यास्त से पहले प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा रखा हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे भानगढ़ के किले की सच्चाई के बारे में। 

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भानगढ़ के किले की सच्चाई- Bhangadh ke kile ki sachchai

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं भानगढ़ के किले की सच्चाई के बारे में। अब हम आपसे भानगढ़ के किले की सच्चाई के बारे में बात करें तो भानगढ़ के किले की सच्चाई रहस्यमयी और भूतिया कहानियों से जुड़ी हुई हैं।

bhangadh ke kile ki sachchai

रहस्यमय और भूतिया कहानियाँ भानगढ़ के किले को भारत के सबसे डरावने स्थानों में से एक बनाती हैं। 16वीं शताब्दी में आमेर के राजा भगवंत दास द्वारा उनके पुत्र माधो सिंह ने भानगढ़ का किला बनवाया था। 

भानगढ़ के किले की कहानियाँ और सच्चाई 

  • श्राप की कहानी:- भानगढ़ के किले को एक जादूगर ने श्राप दिया था। यह माना जाता हैं की सिंधु सेवड़ा नामक एक जादूगर भानगढ़ के किले में रहता था। जादूगर भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती की सुंदरता पर मोहित हुआ था। जादूगर ने राजकुमारी रत्नावती को अपने वंश में करने के लिए एक जादूई तेल तैयार किया था। लेकिन राजकुमारी रत्नावती जादूगर की चाल को समझ गई थी। राजकुमारी रत्नावती ने जादूई तेल को एक बड़े पत्थर पर फेंक दिया था। जिस पत्थर पर वो जादूई तेल फेंका था वो जादूई तेल वाला पत्थर जादूगर की और लुढ़कता हुआ चला गया और उस पत्थर के नीचे दबकर उस जादूगर की मौत हो गई थी। जादूगर ने मरते वक्त पूरे भानगढ़ को श्राप दिया की भानगढ़ का किला नष्ट हो जाएगा और भानगढ़ के किले के सभी लोग मारे जाएंगे। कुछ वक्त बाद भानगढ़ में एक युद्ध हुआ जिसमें भानगढ़ के सभी निवासी मारे गए थे और यह गाँव पूरी तरह से वीरान हो गया था। 
  • इतिहास और सरंचना:- भानगढ़ के किले में एक बड़ी सरंचना हैं जिसमें मंदिर, महल और अन्य इमारतें उपस्थित हैं। भानगढ़ के किले के चारों और एक दीवार हैं जो भानगढ़ के किले के रुप में घेरती हैं। भानगढ़ के किले के अंदर कई पुराने मंदिर और महल खंडहर के रुप में आज भी उपस्थित हैं। भानगढ़ के किले के आसपास और अंदर एक अजीब-सी शांति और वीरानी का माहौल होता हैं। जो भानगढ़ के किले को रहस्यमय बनाता हैं। 
  • वैज्ञानिक और पर्यावरणीय कारण:- कई विशेषज्ञ कह रहे हैं की भानगढ़ की कहानियाँ लोककथाओं और अंधविश्वासों पर आधारित हैं। भानगढ़ का किला एक युद्ध का गवाह हैं और सम्भवत: यहाँ के लोगों ने किसी महामारी या प्राकृतिक आपदा के कारण भानगढ़ का गाँव छोड़ दिया होगा। इन सब के अलावा भानगढ़ के किले की सरंचना का नष्ट होने का कारण अरावली पर्वत श्रृंखला की भूगर्भीय गतिविधियाँ भी हो सकती हैं। 
  • भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नियम:- भानगढ़ के किले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने सूर्यास्त के बाद और सूर्यास्त से पहले किसी के भी प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा हैं। सुरक्षा ही इस नियम के पीछे का कारण हैं। भानगढ़ का किला एक पुरानी सरंचना हैं और अंधेरे में किले में जाने से दुर्घटना का खतरा हो सकता हैं।

भानगढ़ का किला रहस्यमय और भूतिया कहानियों से जुड़ा हुआ हैं। शायद भानगढ़ के किले के पीछे का सच अतीत की घटनाओं, युद्ध या प्राकृतिक आपदाओं में छिपा हुआ हैं।

भानगढ़ के किले की भूतियाँ कहानियाँ, स्थानीय लोककथाओं, परंपराओं और रहस्यमयी वातावरण से पैदा हुई हैं। जो इस किले को एक रोमांचक पर्यटन स्थल बनाती हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे भानगढ़ के किले की असली कहानी के बारे में। 

भानगढ़ के किले की असली कहानी- Bhangadh ke kile ki asli kahani

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं भानगढ़ के किले की असली कहानी के बारे में। अब हम आपसे भानगढ़ के किले की असली कहानी के बारे में बात करें तो भानगढ़ के किले की असली कहानी आपस में उलझी हुई हैं।

bhangadh ke kile ki asli kahani

भानगढ़ का किला रहस्यमयी कहानियों और लोककथाओं के कारण प्रसिद्ध हैं। यहाँ भानगढ़ के किले की असली कहानी का वर्णन निम्नलिखित हैं:- 

इसके साथ ही आप यहाँ पर भारत की 5 सबसे डरावनी जगह के बारे में जान सकते हैं जिसको जानकार आपके पैरों के निचे से जमीन खिसक जाएगी। 

भानगढ़ का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि 

16वीं शताब्दी में भानगढ़ का किला आमेर के राजा भगवंत दास द्वारा बनवाया गया था। भानगढ़ का किला राजा भगवंत दास के छोटे बेटे माधो सिंह प्रथम के लिए बनाया गया था। भानगढ़ का किला अरावली पर्वत श्रृंखला के पास स्थित हैं। भानगढ़ के किले का निर्माण एक छोटे शहर की तरह किया गया था। इसमें कई महल, मंदिर, बाज़ार और मकान उपस्थित थे। 

भानगढ़ का श्राप और तांत्रिक की कहानी 

लोकप्रिय कहानी के अनुसार भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती सुंदर थी और राजकुमारी रत्नावती की सुंदरता की चर्चा दूर-दूर तक थी। जादूगर जिसका नाम सिंधु सेवड़ा था राजकुमारी पर मोहित हो गया था।

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जादूगर ने राजकुमारी रत्नावती को अपने वंश में करने के लिए एक जादूई औषधि तैयार की थी और इस औषधि को तेल की बोतल में भरकर राजकुमारी रत्नावती की एक दासी को देने का प्रबंध किया थ।

राजकुमरी रत्नावती को जादूगर की चाल का पता चल गया था और राजकुमारी रत्नावती ने जादूई तेल की बोतल को एक बड़े पत्थर पर फेंक दिया था। बड़ा पत्थर जादूगर की और बढ़ा और पत्थर से कुचलकर जादूगर की मृत्यु हो गई थी। मौत से पहले, जादूगर ने पूरे भानगढ़ को श्राप दिया की यह स्थान पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा और सभी निवासी मारे जाएंगे। 

युद्ध और किले का पतन 

ऐसा माना जाता हैं की जल्द ही भानगढ़ में एक युद्ध हुआ। इस युद्ध में आस-पास के राजाओं ने आक्रमण किया था। इस युद्ध में भानगढ़ के सभी लोग मारे गए थे और गाँव वीरान हो गया था। श्राप और युद्ध के परिणामस्वरुप यह जगह एक भुतहा स्थान के रुप में जाना जाने लगा था। 

विज्ञान और पर्यावरणीय दृष्टिकोण 

भानगढ़ की भूतिया कहानियों को कई वैज्ञानिक और इतिहासकार सिर्फ लोककथाओं में मानते हैं। लोगों का यह मानना हैं की भानगढ़ के किले के खंडहर और खालीपन के पीछे भूगर्भीय गतिविधियाँ, युद्ध या प्राकृतिक आपदाएँ हो सकती हैं। अरावली पर्वत श्रृंखला के पास स्थित होने के कारण भानगढ़ का किला भूकंप प्रवण हो सकता हैं। भानगढ़ के किले की सरंचना के नष्ट होने का एक कारण हो सकता हैं। 

निष्कर्ष- Conclusion

ये हैं भानगढ़ के किले से संबंधित कुछ जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। जानकारी पसंद आने पर जानकारी को लाइक व कमेंट जरुर करें।

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