आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं चक्कर आने के बारे में। अब हम आपसे चक्कर आने के बारे में बात करें तो चक्कर आना एक सामान्य लक्षण हैं जो कई कारणों से होता हैं।
इस बीमारी को लोग अलग-अलग तरह से अनुभव करते हैं- जैसे की सिर घूमना, हल्का सिर होना, संतुलन बिगड़ना या बेहोशी जैसा लगना। अब हम आपसे चर्चा करेंगे चक्कर आने के कारण के बारे में।
चक्कर आने का कारण- Chakkar ane ka karan
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं चक्कर आने के कारण के बारे में। अब हम आपसे चक्कर आने के कारण के बारे में बात करें तो चक्कर आने के कई कारण हो सकते हैं- कुछ मामूली होते हैं और कुछ गंभीर स्थिति की और संकेत करता हैं।
यहाँ चक्कर आने के कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:-
मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र से जुड़े कारण
माइग्रेन के कारण सिरदर्द से पहले या साथ में चक्कर आते हैं। ब्रेन स्ट्रोक के कारण अचानक चक्कर, संतुलन खोना, बोलने में कठिनाई जैसे मस्तिष्क से जुड़े कारण हो सकते हैं। इसलिए ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखा लें। ब्रेन ट्यूमर या नसों की समस्या के कारण लंबे समय से चल रहें चक्कर जैसी स्थिति से सामना करना पड़ता हैं।
कान की भीतरी सरंचना से जुड़ी समस्याएँ
वर्टिगो के कारण सिर घुमने का अनुभव होता हैं, विशेष रुप से जब सिर की पोजीशन बदलती हैं। Meniere’s Disease होने पर कान में आवाज़ें, सुनाई न देना और चक्कर आने लगते हैं। Vestibular Neuritis होने पर वायरल संक्रमण के कारण चक्कर ओर संतुलन की समस्या होने लगती हैं।
ह्रदय संबंधी कारण
लो ब्लड प्रेशर के कारण अचानक खड़े होने पर चक्कर आने लगते हैं। ह्रदय की अनियमित धड़कन के कारण दिल की धड़कन असमान होने से दिमाग तक पर्याप्त खून नहीं पहुँच पाता हैं। रक्त प्रवाह में रुकावट के कारण ह्रदय रोग की समस्या होने लगती हैं।
रक्त और शुगर से जुड़े कारण
एनीमिया के कारण खून की कमी से शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती हैं। लो ब्लड प्रेशर विशेष रुप से डायबिटीज रोगियों में सामान्य कारण होता हैं।
दवाइयों के दुष्प्रभाव
दवाइयों के दुष्प्रभाव ब्लड प्रेशर की दवाएँ, मानसिक रोग की दवाएँ और नींद की दवाएँ के कारण होने लगते हैं।
बुखार, संक्रमण और शरीर की कमज़ोरी
तेज़ बुखार, डिहाइड्रेशन या वायरल संक्रमण में चक्कर आने लगते हैं। गर्मियों में लू लगने से भी चक्कर आने लगते हैं।
मानसिक कारण
तनाव, चिंता, घबराहट के कारण सांस लेने में कठिनाई के साथ चक्कर भी आने लगते हैं। डिप्रेशन के कारण शरीर थका-थका और हल्का-सा महसूस करता हैं।
थकान और नींद की कमी
लगातार काम करना, नींद पूरी न होना, भूखे रहने से भी चक्कर आने लगते हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे चक्कर आने के घरेलू उपायों के बारे में।
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चक्कर आने के घरेलू उपाय- Chakkar ane ke gharelu upay
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं चक्कर आने के घरेलू उपायों के बारे में। अब हम आपसे चक्कर आने के घरेलू उपायों के बारे में बात करें तो चक्कर आने के घरेलू उपाय बहुत सहायक रहते हैं, विशेष रुप से अगर कारण हल्का हो जैसे कमज़ोरी, डिहाइड्रेशन, लो बीपी या थकान।
यहाँ चक्कर आने के कुछ घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं जो चक्कर आने की समस्या के लिए सहायक रहते हैं।
नींबू और नमक वाला पानी
आप 1 गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़ लें, चुटकी भर नमक और थोड़ा चीनी मिला लें। यह डिहाइड्रेशन, लो बीपी और कमज़ोरी में तुरंत आराम देता हैं।
शहद
आप 1 चम्मच शहद को गुनगुने पानी या नींबू पानी में मिलाकर पी लें। शहद शुगर लेवल को संतुलित करता हैं और ऊर्जा प्रदान करता हैं।
तुलसी के पत्ते
आप रोज़ाना सुबह 5-6 तुलसी के पत्ते चबा लें या तुलसी की चाय पी लें। तुलसी के पत्ते तनाव को कम करता हैं और रक्त संचार ठीक करता हैं।
अदरक
आप अदरक की चाय बनाकर पी लें या अदरक चबा लें। अदरक वर्टिगों और मतली में अत्यंत फायदेमंद रहता हैं।
छाछ
आप ठंडी छाछ में थोड़ी-सी काली मिर्च पाउडर डालकर पी लें। छाछ पाचन को सुधारकर और शरीर को ठंडक प्रदान करता हैं।
केला
आप 1-2 पके हुए केले खा लें। केला कमज़ोरी, थकान और लो बीपी में अत्यंत लाभदायक रहता हैं।
पर्याप्त पानी पिएँ
आप रोज़ाना 8-10 गिलास पानी जरुर पी लें विशेष रुप से गर्मियों में। डिहाइड्रेशन चक्कर का सामान्य कारण होता हैं।
आराम और योग
कुछ समय के लिए लेट जाएँ और आँखें बंद करके गहरी साँस लें। ब्राह्मी, अनुलोम-विलोम, प्राणायाम जरुर कर लें।
इससे मानसिक शांति और संतुलन में सहायता मिलती हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपायों के बारे में।
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चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपाय- Chakkar ane ke Ayurvedic upay
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपायों के बारे में। अब हम आपसे चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बात करें तो आयुर्वेद में चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपाय शरीर के वात, पित्त और कफ दोनों के असंतुलन को संतुलित करके लक्षणों को दूर करने पर आधारित होते हैं।
आमतौर पर चक्कर आना वात और पित्त दोष के बढ़ने से होता हैं। यहाँ चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपाय निम्नलिखित हैं:-
ब्राह्मी
आप ब्राह्मी वटी या ब्राह्मी चूर्ण का सेवन कर लें। इसको 1-2 गोली या 1 चम्मच चूर्ण सुबह-शाम, गुनगुने पानी या गाय के दूध के साथ ले सकते हैं। ब्राह्मी मस्तिष्क को शांत करता हैं, तनाव कम करता हैं और मस्तिष्क शक्ति बढ़ाता हैं।
श्रृंगाराभ्र रस
श्रृंगाराभ्र रस वात और पित्त दोष को संतुलन में लाता हैं। आप इसकी 1 गोली दिन में 1-2 बार, शहद या घी के साथ ले सकते हैं। श्रृंगाराभ्र रस सिर चकराना, कमज़ोरी, पित्त की अस्थिरता में अत्यंत फायदेमंद रहता हैं।
गिलोय सत्त्व
गिलोय इम्युनिटी बढ़ाता हैं और पित्त और रक्तदोष को शुद्ध करता हैं। इसको आप 1-2 ग्राम सुबह खाली पेट, शहद या पानी के साथ ले सकते हैं।
आंवला चूर्ण
आंवला चूर्ण शीतल और पाचन-सहायक और शरीर को ठंडक प्रदान करता हैं। आप इसको 1 चम्मच आंवला चूर्ण+ शहद, दिन में एक बार ले सकते हैं। यह थकान और चक्कर में आराम देता हैं।
सारस्वतारिष्ट
सारस्वतारिष्ट शरीर को ऊर्जा देने वाला टॉनिक होता हैं। आप इसको 15-20ml, समान मात्रा में पानी मिलाकर भोजन के बाद ले सकते हैं। यह कमज़ोरी, याददाश्त की कमी और चक्कर में अत्यंत फायदेमंद रहता हैं।
अश्वगंधा चूर्ण
आप अश्वगंधा चूर्ण को 1 चम्मच चूर्ण को दूध के साथ रात को ले सकते हैं। यह मानसिक तनाव और कमज़ोरी को दूर करता हैं।
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निष्कर्ष- Conclusion
ये हैं चक्कर आने से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। इस जानकारी से आपको चक्कर आने की बीमारी को दूर करने से संबंधित जानकारियाँ प्राप्त होंगी।
इस जानकारी से आपको चक्कर आने की बीमारी को दूर करने को लेकर घरेलू और आयुर्वेदिक उपायों के बारे में जानकारियाँ प्राप्त होंगी।
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