आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं सितारे जमीन पर फिल्म के बारे में। अब हम आपसे सितारे जमीन पर फिल्म के बारे में बात करें तो आज आमिर खान की फिल्म सितारे जमीन पर थिएटर में रिलीज़ हो गई हैं। सितारे जमीन पर फिल्म स्पेशल बच्चे असल में हम सबकी तरह कितने नॉर्मल हैं।
ये फिल्म इसी बात पर बेस्ड फिल्म हैं। दस रीमेक बना चुके आमिर खान की सितारे जमीन पर फिल्म भी हॉलीवुड से इंस्पायर हैं। ये फिल्म बच्चों से लेकर माँ-बाप और हर शख्स के लिए देखनी आवश्यक हैं।
आमिर खान अभिनीत और निर्देशित फिल्म तारे जमीन पर साल 2007 में आई फिल्म बच्चों को लेकर बनाई गई फिल्म थी जो बच्चों को देखने और समझने का नज़रिया बदलती हैं। इस फिल्म में डिस्लेक्सिया पर बात की गई थी। आमिर खान ने इस फिल्म के जरिए जरुरी सामाजिक संदेश रोचक ढ़ंग से दिया था।
अभी आमिर खान सितारे जमीन पर लेकर आए हैं। इस फिल्म को तारे जमीन पर की सीक्वल के तौर पर प्रचारित किया गया हैं। यह फिल्म भी न तो बच्चों की फिल्म हैं और न केवल बच्चों के लिए बनाई गई हैं। इस फिल्म में इस बार डाउन सिंड्रोम का मुद्दा लाया गया हैं, इसमें व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक विकास में देरी होती हैं।
कैसी हैं सितारे जमीन पर की कहानी?- Kaisi hain Sitare Zameen Par ki kahani?
इस फिल्म में दिल्ली की बास्केटबॉल टीम का असिस्टेंट कोच गुलशन अरोडा अपने आगे दूसरों को कम समझता हैं, उसे अपनी लंबाई कम होने का कांप्लेक्स हैं। बचपन में एक बार लिफ्ट में फंस जाने के बाद से उसको लिफ्ट में जाने से डर लगता हैं।
हेड कोच पासवान जी के साथ मारपीट की वजह से उसको निलंबित किया जाता हैं। नशे में धुत गुलशन अरोड़ा पुलिस की गाड़ी को टक्कर मारता हैं। अदालत उसको कम्युनिटी सेवा के अनुसार तीन महीनों के अंदर बौद्धिक रुप से अक्षम बास्केटबॉल टीम को प्रशिक्षित करने की सजा सुनाती हैं।
सर्वोदय केंद्र के संचालक करतार सिंह बताते हैं की स्पेशल बच्चों की होने वाली नेशनल चैंपियनशिप के लिए गुलशन को टीम को तैयार करनी होगी। गुलशन शुरुआत में इन बच्चों का मज़ाक उड़ाता हैं। आहिस्ता-आहिस्ता वह उनकी जिंदगी, सादगी और मासूमियत से वाकिफ होता हैं।
इन सब के समानांतर उसकी जिंदगी भी दिखाई जा रही हैं। जिसमें सब ठीक नहीं हैं। गुलशन अपनी माँ के घर पर रह रहा होता हैं। उसकी पत्नी सुनीता माँ बनना चाहती हैं। लेकिन गुलशन अभी उसके लिए तैयार नहीं हैं। चैंपियनशिप को लेकर गुलशन की सहायता के लिए सुनीता भी उसके साथ आ जाती हैं।
जानिए कपकपी फिल्म की कहानी के बारे में।
स्पेशल बच्चों के माध्यम से दिया बड़ा मैसेज- Special bachchon ke madhyam se diya bada message
अभी हाल ही में हिंदी सिनेमा में मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम पर विख्यात अभिनेता आमिर खान ने कहा की उन्होंने अपने करियर में दस से अधिक रीमेक फिल्में की हैं। इन सब में लाल सिंह चड्ढ़ा को छोड़कर बाकी सब हिट रही हैं। अभी सितारे जमीन पर स्पेनिश फिल्म चैंपियंस की रीमेक हैं। दिव्य निधि शर्मा द्वारा लिखी इस कहानी में स्पेशल बच्चों को कास्ट किया गया हैं।
यह फिल्म इन बच्चों के जरिए सबका अपना-अपना नॉर्मल बताने का प्रयास करती हैं। उन बच्चों के प्रति सहानुभूति बटोरने का प्रयास नहीं किया गया हैं। आर एस प्रसन्ना निर्देशित इस फिल्म का मैसेज दर्शकों के बीच पहुँचता हैं और सहज तरीके से बगैर गंभीर किए हैं।
यह फिल्म तारे जमीन पर की तरह सुगठित नहीं बन पाई हैं। इस फिल्म की कहानी मध्यांतर से पहले कहानी बहुत सपाट तरीके से आगे बढ़ती हैं। उसमें कम ही हंसी के पल आते हैं।
गुड फॉर नथिंग कहे जाने वाले इन बच्चों और उन बच्चों के स्वजनों की कठिनाइयों भी कहानी में नहीं झलकती हैं। एक दृश्य में यह कहना की इन बच्चों में से एक मैकनिकल इंजीनियरिंग के बच्चों को पढ़ाता हैं। वह भी बहुत अटपटा हैं।
आवश्यक जानकारी:- हाउसफुल 5 फिल्म की कहानी के बारे में।
निष्कर्ष- Conclusion
ये हैं सितारे जमीन पर फिल्म से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। इस जानकारी से आपको सितारे जमीन पर फिल्म की कहानी के बारे में हर प्रकार की जानकारी लग गई होगी। इस जानकारी से आपको इस फिल्म के बारे में हर प्रकार की जानकारी पता लग जाएगी।
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