आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं चिकन पॉक्स की बीमारी के बारे में। अब हम आपसे चिकन पॉक्स की बीमारी के बारे में बात करें तो चिकन पॉक्स को हिंदी में चेचक या मुर्गी चेचक भी कहते हैं। यह एक अति संक्रामक बीमारी हैं जो वेरिसेला जोस्टर वायरस की वजह से होती हैं।
मुख्यत: चेचक की बीमारी बच्चों को होती हैं, लेकिन यदि यह बीमारी किसी वयस्क को होती हैं तो यह बीमारी अधिक गंभीर होती हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे चिकन पॉक्स की बीमारी के कारण के बारे में।
चिकन पॉक्स की बीमारी होने का कारण- Chicken Pox ki bimari hone ka karan
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं चिकन पॉक्स की बीमारी होने के कारण के बारे में। अब हम आपसे चिकन पॉक्स की बीमारी के होने के कारण के बारे में बात करें तो चिकन पॉक्स के होने का मुख्य कारण हैं:- वेरिसेला जोस्टर वायरस।
वेरिसेला जोस्टर वायरस ही चिकन पॉक्स का प्रमुख कारक होता हैं।
चिकन पॉक्स होने का कारण
- वायरस संक्रमण:- जब कोई व्यक्ति वेरिसेला जोस्टर वायरस से संक्रमित होता हैं तब उस व्यक्ति को चिकन पॉक्स होता हैं। विशेषकर यह बीमारी उन लोगों की होती हैं जिसने पहले कभी यह बीमारी नहीं झेली या वैक्सीन नहीं ली हो।
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना:- चिकन पॉक्स की बीमारी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या उसकी त्वचा के फफोलों के संपर्क में आने से फैलती हैं। चिकन पॉक्स की बीमारी का वायरस हवा के माध्यम से फैल सकता हैं। इसलिए यह बीमारी बहुत तेज़ी से एक से दूसरे को हो सकती हैं।
- कमज़ोर इम्यून सिस्टम:- जिन लोगों को रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होती हैं जैसे की छोटे बच्चे, बुजुर्ग या कोई गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को चिकन पॉक्स जल्दी होता हैं।
- बिना वैक्सीन के रहना:- अगर किसी भी व्यक्ति ने बचपन में ही चिकन पॉक्स का टीका नहीं लिया हैं तो उस व्यक्ति को यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता हैं।
चिकन पॉक्स कैसे दोबारा हो सकता हैं?
आमतौर पर एक बार किसी व्यक्ति को चिकन पॉक्स हो जाने के बाद शरीर में इस वायरस के विरुद्ध प्रतिरक्षा बनने लगती हैं। लेकिन चिकन पॉक्स का वायरस शरीर में निष्क्रिय रुप में रीढ़ की हड्डी के पास नर्व्स में छिपा रहता हैं।
कई सालों बाद चिकन पॉक्स की बीमारी दोबारा “शिंगल्स” नाम की बीमारी के रुप में सक्रिय होती हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे चिकन पॉक्स से बचने के घरेलू उपाय के बारे में।
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चिकन पॉक्स से बचने के घरेलू उपाय- Chicken Pox se bachne ke gharelu upay
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं चिकन पॉक्स से बचने के घरेलू उपाय के बारे में। अब हम आपसे चिकन पॉक्स से बचने के घरेलू उपाय के बारे में बात करें तो चिकन पॉक्स की बीमारी से पूरी तरह से बचने के लिए सबसे प्रभावकारी तरीका वैक्सीन होता हैं।
लेकिन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करने और संक्रमण से बचने में कुछ घरेलू उपाय मददगार होते हैं। चिकन पॉक्स से बचने के ये घरेलू उपाय शरीर को संक्रमण से लड़ने में मददगार रहते हैं, लेकिन वैक्सीन का विकल्प नहीं हैं।
चिकन पॉक्स से बचने के घरेलू उपाय
- नीम के पत्ते:- नीम में एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। घर के आसपास और स्नान के पानी में नीम के पत्ते को डालना पुराने समय से एक परंपरा रही हैं। अगर आप चाहें तो नीम के पत्तों का रस भी सीमित मात्रा में ले सकते हैं।
- तुलसी का सेवन:- तुलसी में रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के गुण पाए जाते हैं। हर रोज़ 4-5 तुलसी के पत्ते को चबाएँ या तुलसी की चाय भी पी सकते हैं।
- गिलोय:- गिलोय एक प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी हैं। गिलोय इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जाना जाता हैं। गिलोय का काढ़ा या टैबलेट के रुप में गिलोय का सेवन करने से वायरस से लड़ने में मदद मिलती हैं।
- आंवला:- आंवला में विटामिन सी के गुण पाए जाते हैं। विटामिन सी एक अच्छा स्त्रोत होता हैं। आंवला इम्युनिटी को मज़बूत करता हैं। आप आंवला जूस, मुरब्बा या कच्चा आंवला भी खा सकते हैं।
- हल्दी वाला दूध:- हल्दी में एंटी-सेप्टिक और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं। हल्दी वाला गर्म दूध शरीर को संक्रमण से लड़ने में मददगार रहता हैं।
ये घरेलू उपाय चिकन पॉक्स की बीमारी के बचाव के सहायक उपाय हैं, बीमारी के इलाज़ के लिए नहीं हैं। यदि आपको या आपके घर में किसी को पहले से ही चिकन पॉक्स हो चुका हैं, तो उसको दोबारा होने की संभावना कम होती हैं। लेकिन शिंगल्स की आशंका हमेशा बनी रहती हैं।
इस बीमारी के बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरुरी हैं वेरिसेला वैक्सीन। यह वैक्सीन लेना ही इस बीमारी का सबसे पक्का बचाव होता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे चिकन पॉक्स से बचने के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में।
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चिकन पॉक्स से बचने के आयुर्वेदिक उपचार- Chicken Pox se bachne ke ayurvedic upchar
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं चिकन पॉक्स से बचने के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में।
अब हम आपसे चिकन पॉक्स से बचने के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में बात करें तो आयुर्वेद में चिकन पॉक्स से बचने के लिए कई प्रभावी उपाय और जड़ी-बूटियाँ हैं जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार रहते हैं और संक्रमण से लड़ने में मददगार रहते हैं।
नीम
नीम में एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और रक्तशुद्धि गुण पाए जाते हैं। आप स्नान के पानी में नीम की पत्तियाँ उबालकर मिला सकते हैं। आप नीम के पत्तों का रस या नीम की गोली का सेवन कर सकते हैं। चिकन पॉक्स फैलने पर घर में नीम के पत्ते जरुर लटकाएँ। यह पत्तियाँ हवा को शुद्ध करने में मददगार रहती हैं।
गिलोय
गिलोय में इम्युनिटी बूस्टर और वायरस प्रतिरोधक गुण पाए जाते हैं। हर रोज़ 10-15ml गिलोय का काढ़ा सुबह-शाम लें। गिलोय की गोली भी आप ले सकते हैं।
तुलसी
तुलसी में रोग-प्रतिरोधक, फेफड़े और सांस की नली को साफ रखने वाले गुण पाए जाते हैं। रोज़ सुबह 5-7 तुलसी के पत्ते चबा लें। आप तुलसी, काली मिर्च, अदरक और शहद मिलाकर काढ़ा भी बना सकते हैं और पी भी सकते हैं।
हल्दी
हल्दी में सूजनरोधी, वायरस रोधक, त्वचा शुद्ध करने वाले गुण पाए जाते हैं। आप रात को सोने से पहले हल्दी वाला गर्म दूध पी सकते हैं। नीम के रस में हल्दी पाउडर को मिलाकर त्वचा पर भी लगाया जा सकता हैं।
आंवला
आंवला में विटामिन सी का श्रेष्ठ स्त्रोत और इम्युनिटी बूस्टर वाले गुण पाए जाते हैं। रोज़ाना सुबह 1-2 चम्मच आंवला जूस सुबह खाली पेट लें। आप रोज़ाना आंवला चूर्ण या मुरब्बा भी ले सकते हैं।
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निष्कर्ष- Conclusion
ये हैं चिकन पॉक्स की बीमारी से जुड़ी जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। हमारी दी हुई जानकारी को प्राप्त करने के बाद आपको चिकन पॉक्स की बीमारी से बचाव के लिए घरेलू उपाय के बारे में थोड़ा ज्ञात हो गया होगा।
इस जानकारी से आप चिकन पॉक्स की बीमारी से आसानी से बच सकते हैं। अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आए तो आप हमारी इस जानकारी को लाइक व कमेंट जरुर कर लें।
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