दुनिया के प्रमुख धर्म और उनका इतिहास

Vineet Bansal

आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं दुनिया के प्रमुख धर्म और उनका इतिहास के बारे में। अब हम आपसे दुनिया के प्रमुख धर्म और उनका इतिहास के बारे में बात करें तो दुनिया के हर धर्म की अपनी अनुठी मान्यताएँ, परंपराएँ और उद्देश्य होता हैं।

Contents
दुनिया के प्रमुख धर्मों के नाम- Duniya ke pramukh dharm ke namदुनिया के प्रमुख धर्मों का इतिहास- Duniya ke pramukh dharm ka itihasहिंदू धर्म (Hinduism)बौद्ध धर्म (Buddhism)जैन धर्म (Jainism)महावीर जयंतीगुरु पूर्णिमासिख धर्म (Sikhism)गुरु नानक जयंतीगुरु रविदास जयंतीबैसाखीगुरु गोबिंद सिंह जयंतीबंदी छोड़ दिवसमाघीगुरु अर्जन देव शहीदी दिवसगुरु तेग बहादुर शहीदी दिवसईसाई धर्म (Christianity)क्रिसमस (Christmas)ईस्टर (Easter)गुड फ्राइडे (Good Friday)पाम संडे (Palm Sunday)एश वेडनसडे (Ash Wednesday)ऑल सोल्स डे (All Souls Day)लेंट (Lent)इस्लाम धर्म (Islam)ईद-उल-फितरईद-उल-अज़हा या बकरीदरमज़ान- रोज़ों का महीनाशब-ए-बरातशब-ए-मेराजआशूरा- मुहर्रम का दिनमिलाद-उन-नबी या ईद-ए-मिलादहज़- इस्लामिक तीर्थयात्रानिष्कर्ष- Conclusion

दुनिया के ज्यादातर धर्म प्रेम, अहिंसा, नैतिकता और आध्यात्मिक विकास पर ज़ोर देते हैं। दुनिया के सब प्रमुख धर्मों का इतिहास हज़ारों वर्षों में विकसित हुआ हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे दुनिया के प्रमुख धर्मों के नाम के बारे में।

दुनिया के प्रमुख धर्मों के नाम- Duniya ke pramukh dharm ke nam

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं दुनिया के प्रमुख धर्मों के नाम के बारे में। अब हम आपसे दुनिया के प्रमुख धर्मों के नाम के बारे में बात करें तो दुनिया के कई धर्म हैं जिनका इतिहास हज़ारों वर्षों पुराना होता हैं।

Duniya ke pramukh dharm ke nam

यहाँ प्रमुख धर्मों के नाम निम्नलिखित हैं:-

हिंदू धर्म

बौद्ध धर्म

जैन धर्म

सिख धर्म

ईसाई धर्म

इस्लाम धर्म

पारसी धर्म

यहूदी धर्म

ये हैं दुनिया के प्रमुख धर्म जिनका अपना अनूठी मान्यताएँ, परंपराएँ और उद्देश्य होता हैं। ये सब धर्म प्रेम, अहिंसा, नैतिकता और आध्यात्मिक विकास पर ज़ोर देते हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे दुनिया के प्रमुख धर्मों के इतिहास के बारे में।

दुनिया के प्रमुख धर्मों का इतिहास- Duniya ke pramukh dharm ka itihas

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं दुनिया के प्रमुख धर्मों के इतिहास के बारे में। अब हम आपसे दुनिया के प्रमुख धर्मों के इतिहास के बारे में बात करें तो दुनिया के सब प्रमुख धर्मों का इतिहास हज़ारों वर्षों में विकसित हुआ हैं।

Duniya ke pramukh dharm ka itihas

यहाँ दुनिया के प्रमुख धर्मों का विस्तृत ऐतिहासिक विवरण हैं:-

हिंदू धर्म (Hinduism)

दुनिया का सबसे पुराना धर्म हिंदू धर्म माना जाता हैं। हिंदू धर्म की जड़े सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित हैं। वेदों की रचना वैदिक काल में हुई और यज्ञ, कर्मकांड तथा देवताओं की पूजा प्रचलित हुई। उपनिषद काल में ध्यान, मोक्ष और अद्वेत वेदांत का विकास हुआ था।

Hinduism

भक्ति आंदोलन महाभारत और रामायण जैसे महाकाव्यों के साथ आगे बढ़ा। हिंदू धर्म में समय के साथ शैव, वैष्णव और शक्त संप्रदायों का विकास हुआ था।

हिंदू धर्म से संबंधित कुछ पौराणिक कथाएँ भी हैं जो हिंदू धर्म से जुड़े त्योहारों से संबंधित हैं। हिंदू धर्म से संबंधित त्योहार हैं:- दीपावली, होली आदि। इन सब त्योहारों की चर्चा हम पहले ही कर चुके हैं।

बौद्ध धर्म (Buddhism)

सिद्धार्थ गौतम ने 6 वीं शताब्दी ईसा पूर्व में ध्यान और ज्ञान प्राप्त कर बौद्ध धर्म की स्थापना की थी। सिद्धार्थ गौतम के उपदेशों को “चार आर्य सत्य” और “अष्टांगिक मार्ग” के रुप में संकलित किया गया था। बौद्ध धर्म दो प्रमुख शाखाओं में बंटा:- थेरवाद और महायान

Buddhism

इस धर्म को सम्राट अशोक ने भारत और अन्य देशों में फैलाया था। बौद्ध धर्म चीन, जापान, तिब्बत, श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व एशिया में लोकप्रिय हुआ।

बौद्ध धर्म से संबंधित कुछ पौराणिक कथाओं भी हैं जो बौद्ध धर्म के त्योहार से संबंधित हैं। बौद्ध धर्म से संबंधित त्योहार हैं:- बुद्ध पूर्णिमा। बुद्ध पूर्णिमा की चर्चा हम पहले भी कर चुके हैं।

जैन धर्म (Jainism)

जैन धर्म भी हिंदू धर्म जितना ही पुराना माना जाता हैं। इसके पहले तीर्थंकर ऋषभदेव थे। इस धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर ने व्यवस्थित रुप दिया। इस धर्म का मूल आधार अहिंसा, अपरिग्रह और सत्य को बनाया गया।

Jainism

मुख्य रुप से यह धर्म भारत में प्रचलित रहा और व्यापारियों तथा शासकों द्वारा सरंक्षित किया गया। जैन धर्म से जुड़ी कुछ पौराणिक कथाएँ भी हैं जो जैन धर्म के त्योहार से संबंधित हैं। जैन धर्म से संबंधित त्योहार हैं:- महावीर जयंती

महावीर जयंती

महावीर जयंती का त्योहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता हैं। महावीर जयंती का त्योहार भगवान महावीर के जन्मदिन के रुप में मनाया जाता हैं। भगवान महावीर जैन धर्म के संस्थापक हैं।

गुरु पूर्णिमा

गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती हैं। गुरु पूर्णिमा का दिन शिक्षकों और आध्यात्मिक मार्गदर्शकों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता हैं।

हिंदू धर्म के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं।

जैन धर्म के अनुसार गुरु पूर्णिमा का दिन भगवान महावीर के पहले शिष्य गौतम स्वामी को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।

सिख धर्म (Sikhism)

गुरु नानक देव जी ने 15वीं शताब्दी में सिख धर्म की स्थापना की थी। हिंदू और इस्लाम धर्म की कुछ मान्यताओं से अलग सिख धर्म एक नई आध्यात्मिक राह प्रस्तुत करता हैं।

Sikhism

दस गुरुओं ने सिख धर्म को आकार दिया और गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का पवित्र ग्रंथ बनाया। गुरु गोबिंद सिंह जी ने 17वीं शताब्दी में खालसा पंथ की स्थापना की थी।

सिख धर्म से संबंधित पौराणिक कथाओं के आधार पर सिख धर्म में कई महत्तवपूर्ण धार्मिक त्योहार और पर्व भी बनाए जाते हैं जो गुरुओं के जीवन, शिक्षाओं और सिख परंपराओं से संबंधित होते हैं। आइए जानते हैं, सिख धर्म के पौराणिक कथा से संबंधित त्योहारों के बारे में। यहाँ कुछ प्रमुख त्योहार निम्नलिखित हैं:-

गुरु नानक जयंती

यह त्योहार कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं। यह त्योहार सिख धर्म के पहले गुरु गुरु नानक देव जी के जन्मदिन के रुप में मनाया जाता हैं। गुरु नानक जयंती के दिन गुरुद्वारों में अखंड पाठ, नगर कीर्तन और लंगर सेवा का आयोजन किया जाता हैं। रात में इस दिन दीवान सजाए जाते हैं और गुरुबाणी कीर्तन किया जाता हैं।

गुरु रविदास जयंती

गुरु रविदास जयंती माघ मास की पूर्णिमा को मनाई जाती हैं। इस दिन संत महान गुरु रविदास जी का जन्मदिन मनाया जाता हैं। गुरु रविदास जी एक महान संत और समाज सुधारक थे, इन्होंने समानता और प्रेम का संदेश दिया था।

बैसाखी

बैसाखी का त्योहार 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता हैं। बैसाखी के दिन 1699 में गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। यह दिन सिख नववर्ष भी होता हैं और किसानों के लिए फसल कटाई का त्योहार माना जाता हैं। इस दिन गुरुद्वारों में विशेष अरदास, नगर कीर्तन और लंगर सेवा होती हैं।

गुरु गोबिंद सिंह जयंती

गुरु गोबिंद सिंह जयंती का त्योहार पौष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता हैं। आमतौर पर गुरु गोबिंद सिंह का त्योहार दिसंबर या जनवरी में पड़ता हैं।

यह त्योहार सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मदिन के रुप में मनाया जाता हैं। गुरुद्वारों में इस दिन विशेष दीवान और गुरबाणी कीर्तन होते हैं। गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की और सिखों को वीरता और न्याय का संदेश दिया था।

बंदी छोड़ दिवस

बंदी छोड़ दिवस का त्योहार दीपावली के त्योहार के दिन आता हैं। बंदी छोड़ दिवस के दिन गुरु हरगोबिंद जी को ग्वालियर किले से रिहा किया गया जहाँ वे 52 हिंदू राजाओं के साथ कैद में थे।

इस दिन को “बंदी छोड़ दिवस” के रुप में मनाया जाता हैं। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में दीयों और आतिशबाजी से विशेष सजावट की जाती हैं।

माघी

यह त्योहार मकर संक्रांति के दिन मनाया जाता हैं। माघी का त्योहार चालीस मुक्ते की शहादत के स्मरण में मनाया जाता हैं।

विशेष रुप से यह त्योहार मुक्तसर साहिब में मनाया जाता हैं। इस दिन गुरुद्वारों में अरदास, कीर्तन और लंगर सेवा की जाती हैं।

गुरु अर्जन देव शहीदी दिवस

हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार ज्येष्ठ मास के महीने में मनाया जाता हैं और सिख कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार हर साल तीसरे महीने जेठ के 24वें दिन मनाया जाता हैं।

यह दिन सिखों के पांचवें गुरु गुरु अर्जन देव जी की शहादत का दिन हैं। गुरु अर्जन देव जी ने सिखों के पवित्र ग्रंथ “गुरु ग्रंथ साहिब” की रचना की थी। गुरुद्वारों में इस दिन ठंडे मीठे पानी और लंगर का आयोजन होता हैं।

गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस

यह त्योहार नबंबर-दिसंबर में मनाया जाता हैं। सिखों के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर जी ने कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था। गुरुद्वारों में इस दिन अरदास और गुरबाणी कीर्तन किया जाता हैं।

ईसाई धर्म (Christianity)

ईसा मसीह ने 1वीं शताब्दी में प्रेम, करुणा और मोक्ष का संदेश दिया था। ईसा मसीह के शिष्यों ने उनके संदेशों को संकलित किया। इससे बाइबल बनी।

Christianity

रोमन सम्राट कॉन्सटैंटाइन ने 4वीं शताब्दी में ईसाई धर्म को मान्यता दी थी। मध्ययुग में कैथोलिक चर्च शक्तिशाली हुआ और फिर 16वीं शताब्दी में प्रोटेस्टेंट आंदोलन हुआ।

यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और एशिया में ईसाई धर्म फैला। आइए जानते हैं ईसाई धर्म के पौराणिक कथा से संबंधित त्योहारों के बारे में। ईसाई धर्म से जुड़े त्योहार यीशु मसीह के जीवन, शिक्षाओं और ईसाई परंपराओं से संबंधित हैं। यहाँ कुछ प्रमुख त्योहार निम्नलिखित हैं:-

क्रिसमस (Christmas)

क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया जाता हैं। क्रिसमस यीशु मसीह के जन्मदिन के रुप में मनाया जाता हैं। इस दिन चर्चों में विशेष प्रार्थनाएँ होती हैं और लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं। इस दिन क्रिसमस ट्री सजाया जाता हैं और सांताक्लॉज़ बच्चों को उपहार देता हैं।

ईस्टर (Easter)

ईस्टर मार्च-अप्रैल में मनाया जाता हैं। ईस्टर के दिन यीशु मसीह मृतकों में से जीवित हुए। यह दिन ईसाई धर्म का सबसे पवित्र दिन माना जाता हैं। इस दिन लोग चर्च जाते हैं, ईस्टर एग सजाते हैं और परिवार के साथ खुशी मनाते हैं।

गुड फ्राइडे (Good Friday)

गुड फ्राइडे ईस्टर से दो दिन पहले मनाई जाती हैं। गुड फ्राइडे के दिन यीशु मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। इस दिन ईसाई लोग उपवास रखते हैं और यीशु के बलिदान को स्मरण करते हैं। इस दिन चर्चों में विशेष प्रार्थनाएँ होती हैं।

पाम संडे (Palm Sunday)

पाम संडे ईस्टर से एक हफ्ते पहले मनाया जाता हैं। पाम संडे के दिन यीशु मसीह यरुशलेम में आए थे और लोगों ने उन्हें खजूर की पत्तियों से स्वागत किया था। इस दिन चर्चों में खजूर की पत्तियों में विशेष प्रार्थना की जाती हैं।

एश वेडनसडे (Ash Wednesday)

एश वेडनसडे ईस्टर से 46 दिन पहले मनाया जाता हैं। यह दिन चालीस दिन के उपवास की शुरुआत का दिन हैं। लोग इस दिन प्रायश्चित करते हैं और चर्च में अपने माथे पर राख लगाते हैं।

ऑल सोल्स डे (All Souls Day)

ऑल सोल्स डे 2 नवंबर को मनाया जाता हैं। ऑल सोल्स डे के दिन मृत आत्माओं के लिए प्रार्थना की जाती हैं। लोग इस दिन कब्रिस्तानों में जाकर अपने प्रियजनों को श्रद्धांजलि देते हैं।

लेंट (Lent)

लेंट ईस्टर से 40 दिन पहले शुरु होता हैं। यह समय आत्म-नियंत्रण, उपवास और प्रार्थना का 40 दिनों का होता हैं। यीशु मसीह के बलिदान को याद करने के लिए लेंट के दिन को मनाया जाता हैं।

इस्लाम धर्म (Islam)

पैगंबर मोहम्मद ने 7वीं शताब्दी में इस्लाम की स्थापना की थी। इस्लाम का पवित्र ग्रंथ कुरान होता हैं। इस्लाम के पांच स्तंभ होते हैं:- कलमा, नमाज़, रोज़ा, जकात और हज़‌। इस्लाम खलीफा शासन के दौरान मध्य पूर्व, अफ्रीका, एशिया और यूरोप में फैलासुन्नी और शिया दो प्रमुख शाखाएँ बनी हैं।

Islam

इस्लाम धर्म में कई महत्तवपूर्ण त्योहार और धार्मिक अवसर हैं जो इस्लामी कैलेंडर (हिज़री कैलेंडर) के अनुसार मनाए जाते हैं। यहाँ प्रमुख त्योहार निम्नलिखित हैं:-

ईद-उल-फितर

ईद-उल-फितर रमज़ान के महीने के बाद शव्वाल की 1 तारीख को मनाया जाता हैं। ईद-उल-फितर रमज़ान (रोज़ों) के पूरे होने की खुशी में मनाया जाता हैं। ईद-उल-फितर के दिन सुबह की विशेष नमाज़ अदा की जाती हैं और गरीबों को फित्रा (दान) दिया जाता हैं। इस दिन परिवार और दोस्तों के साथ मीठे पकवान खाए जाते हैं।

ईद-उल-अज़हा या बकरीद

ईद-उल-अज़हा इस्लामी महीने ज़िलहिज्ज़ा की 10 तारीख को मनाया जाता हैं। ईद-उल-अज़हा को “कुर्बानी की ईद” भी कहते हैं। कुर्बानी की ईद के दिन हज़रत इब्राहिम द्वारा अपने बेटे इस्लाईल की कुर्बानी की याद में जानवरों की कुर्बानी दी जाती हैं। इस दिन कुर्बान किए गए जानवर का मांस गरीबों, रिश्तेदारों और अपने लिए तीन हिस्सों में बांटा जाता हैं।

रमज़ान- रोज़ों का महीना

पूरे रमज़ान महीने में रोज़े रखे जाते हैं। रमज़ान के महीने में रोज़े रखे जाते हैं और इबादत की जाती हैं। रमज़ान का महीना आत्मशुद्धि, संयम और अल्लाह के करीब जाने का समय होता हैं। कुरान शरीफ भी रमजान के महीने में उतारा गया था।

शब-ए-बरात

इस्लामी कैलेंडर के 15वें शाबान की रात को शब-ए-बरात मनाया जाता हैं। 15वें शाबान की रात को गुनाहों से माफी मांगने और दुआ करने की रात माना जाता हैं। इस रात को मुसलमान इबादत करते हैं और दिवगंत आत्माओं के लिए दुआ करते हैं।

शब-ए-मेराज

रज़ब महीने की 27वीं रात को शब-ए-मेराज मनाया जाता हैं। इस रात पैगंबर मोहम्मद को जन्नत की यात्रा कराई गई थी। इस रात को विशेष नमाज़ और दुआ करने का महत्तव बताया गया हैं।

आशूरा- मुहर्रम का दिन

मुहर्रम के महीने की 10वीं तारीख को आशूरा का दिन आता हैं। इस दिन को सुन्नी मुसलमान हज़रत मूसा और उनकी कौम की फिरऔन से मुक्ति के रुप में मानते हैं।

इस दिन को शिया मुसलमान हज़रत इमाम हुसैन और उनके परिवार की शहादत के रुप में मनाते हैं। आशूरा के दिन रोज़ा रखने और इबादत करने का विशेष महत्तव होता हैं।

मिलाद-उन-नबी या ईद-ए-मिलाद

ईद-ए-मिलाद रबी-उल-अव्वल महीने की 12 तारीख को मनाया जाता हैं। ईद-ए-मिलाद का दिन पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के रुप में मनाया जाता हैं। ईद-ए-मिलाद के दिन जुलूस निकाले जाते हैं, नातें पढ़ी जाती हैं और उनकी शिक्षाओं पर चर्चा की जाती हैं।

हज़- इस्लामिक तीर्थयात्रा

ज़िलहिज्ज़ा महीने में इस्लामिक तीर्थयात्रा की जाती हैं। मक्का में हर साल लाखों मुसलमान हज़ करने के लिए जाते हैं। हज़ इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक हैं और आर्थिक रुप से सक्षम मुसलमानों पर जीवन में एक बार फर्ज़ हैं।

निष्कर्ष- Conclusion

ये हैं दुनिया के प्रमुख धर्मों के नाम व उनके इतिहास से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। जानकारियाँ पसंद आने पर जानकारियों को लाइक व कमेंट जरुर कर लें।

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मैं रोज़ाना की खबरों पर लिखने के लिए प्रेरित हूँ और भारत की सभी खबरों को कवर करता हूँ। मेरा लक्ष्य पाठकों को ताज़ा जानकारी प्रदान करना है, जो उन्हें समाचार की समझ और देशव्यापी घटनाओं की खोज में मदद करे।
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