आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं गले में नस ब्लॉक होने के बारे में। अब हम आपसे गले में नस ब्लॉक होने के बारे में बात करें तो गले में नस ब्लॉक होना एक गंभीर स्थिति होती हैं और यह अक्सर रक्त नलिकाओं में रुकावट या तंत्रिका दबाव की वजह से होता हैं। गले में नस ब्लॉकेज की समस्या गर्दन के हिस्से में भी हो सकती हैं, जहाँ से मस्तिष्क तक खून या नसों के माध्यम से संदेश पहुँचते हैं।
आम भाषा में इस स्थिति को “गले में नस चढ़ना”, “नस दबना” या “ब्लॉकेज होना” कहते हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे गले में नस ब्लॉक होने के कारण के बारे में।
गले में नस ब्लॉक होने का कारण- Gale mein nas block hone ka karan
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं गले में नस ब्लॉक होने के कारण के बारे में। अब हम आपसे गले में नस ब्लॉक होने के कारण के बारे में बात करें तो गले में नस ब्लॉक होने के कारण व्यक्ति की उम्र, जीवनशैली, खानपान और पहले से उपस्थित बीमारियों पर निर्भर करते हैं।
यह ब्लॉकेज नस या रक्त नली किसी भी प्रकार की हो सकती हैं। यहाँ गले में नस ब्लॉक होने के निम्नलिखित कारण हैं:-
कोलेस्ट्रॉल या प्लाक जमना
रक्त नलियों में कोलेस्ट्रोल जमा होने से ब्लॉकेज होने लगता हैं। इसी वजह से कोलेस्ट्रॉल या प्लाक जमने जैसी स्थिति उत्पन्न होने लगती हैं। मस्तिष्क को खून की आपूर्ति घटती हैं, जिससे स्ट्रोक या चक्कर आ सकते हैं।
सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस
गर्दन की हड्डियाँ घिस जाती हैं, और नसों या रक्त नलियों पर दबाव डालती हैं। इसी वजह से सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस जैसी स्थिति उत्पन्न होने लगती हैं। इसके गर्दन जकड़न, चक्कर, हाथ में झनझनाहट जैसे लक्षण हो सकते हैं।
थ्रॉम्बोसिस- खून का थक्का बनना
नसों में खूना का थक्का जम जाता हैं जिससे ब्लड फ्लो रुकता हैं। इसी कारण से थ्रॉम्बोसिस होने लगता हैं। इससे दिल या मस्तिष्क में खून न पहुँचने से हार्ट अटैक या स्ट्रोक का जोखिम बना रहता हैं।
गर्दन की चोट या झटका
दुर्घटना, गिरने या झटका लगने के कारण नसों में सूजन या ब्लॉकेज हो सकता हैं।
नसों का दबना
गर्दन की हड्डियाँ या मांसपेशियाँ नस पर दबाव डालती हैं। इसके गले में दर्द, सिर दर्द, हाथों में झनझनाहट जैसे लक्षण हो सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज
हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियाँ रक्त नलियों की दीवारों को नुकसान पहुँचाकर ब्लॉकेज का जोखिम बढ़ाती हैं।
धूम्रपान और शराब का सेवन
धूम्रपान और शराब के सेवन के प्रभाव से रक्त नलियों में सूजन और प्लाक जमने की प्रक्रिया तेज़ होती हैं।
खराब जीवनशैली और खानपान
खराब जीवनशैली और खानपान के कारण अधिक तला-भुना, जंक फूड, व्यायाम की कमी की वजह से ब्लड सर्कुलेशन पर असर पड़ता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे गले में नस ब्लॉक के घरेलू उपायों के बारे में।
जानिए फेफड़ों में पानी भरने के घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में।
गले में नस ब्लॉक के घरेलू उपाय- Gale mein nas block ke gharelu upay
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं गले में नस ब्लॉक के घरेलू उपायों के बारे में। अब हम आपसे गले में नस ब्लॉक के घरेलू उपायों के बारे में बात करें तो गले में नस ब्लॉक के घरेलू उपाय का उद्देश्य रक्त प्रवाह को बेहतर बनाना, सूजन कम करना और नसों के दबाव को आराम देना होता हैं।
यदि ये समस्या गंभीर या लंबे समय से बनी हुई हैं तब पहले डॉक्टर से जाँच जरुर करवाएँ। लेकिन यदि शुरुआती या हल्के लक्षण हैं तब नीचे दिए गए निम्नलिखित घरेलू उपाय काफी लाभदायक होते हैं:-
लहसुन
लहसुन खून को पतला करता हैं, कोलेस्ट्रॉल घटाता हैं और नसों की रुकावट को साफ करता हैं। आप रोज़ाना सुबह खाली पेट 1-2 कच्ची लहसुन की कलियाँ पानी के साथ खा लें।
हल्दी वाला दूध
हल्दी वाला दूध में एंटी-इंफ्लेमेटरी और ब्लड प्यूरीफायर गुण पाए जाते हैं। आप एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर रात को सोनेसे पहले पी लें।
मेथी के बीज
मेथी के बीज ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता हैं। आप रात को 1 चम्मच मेथी के बीज को पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट चबा कर खाएँ और ऊपर से वहीं पानी पी लें।
त्रिफला चूर्ण
त्रिफला रक्तसंचार बेहतर करता हैं और नसों की सफाई करता हैं। आप रात को सोने से पहले 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
ग्रीन टी या तुलसी-अदरक की चाय
ग्रीन टी या तुलसी-अदरक की चाय एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर और नसों की सूजन को कम करता हैं। आप तुलसी, अदरक और हल्दी को पानी में उबालकर दिन में 1-2 बार पी लें।
गरम तेल से मसाज
गरम तेल से मसाज गर्दन की मांसपेशियों की अकड़न और नसों पर दबाव कम होता हैं। आप सरसों या नारियल तेल को गुनगुना करके गर्दन और कंधों की हल्के हाथों से मालिश कर लें।
योग और प्राणायाम
योग और प्राणायाम नसों में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता हैं। इस समस्या में आप योग जैसे की भुजंगासन, मकरासन और अर्धमत्स्येन्द्रासन को कर सकते हैं और प्राणायाम जैसे की अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और नाड़ी शुद्धि कर सकते हैं।
रोज़ाना हल्का व्यायाम या टहलना
हर रोज़ हल्का व्यायाम या टहलने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता हैं और नसों में जमे हुए अवरोध धीरे-धीरे खुलने लगते हैं।
नमक की पट्टी या गर्म सिंकाई
आप सेंधा नमक को तवे पर गर्म करके कपड़े में बांधे और गर्दन पर 5-10 मिनट लगा लें।
आवश्यक जानकारी:- चक्कर आने पर घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में।
निष्कर्ष- Conclusion
ये हैं गले में नस ब्लॉक होने के घरेलू उपचार से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। इस जानकारी से आपको गले में नस ब्लॉक होने की बीमारी के बारे में हर प्रकार की जानकारियाँ प्राप्त होगी।
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