आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं गर्मी में लू से बचाव के बारे में। अब हम आपसे गर्मी में लू से बचाव के बारे में बात करें तो लू लगना तब होता हैं जब शरीर अधिक गर्मी के कारण अपनी तापमान नियंत्रित करने की क्षमता को खो देता हैं।
आमतौर पर लू लगना अधिक गर्मी और उमस में अधिक समय बिताने या धूप में लंबे समय तक रहने से होता हैं। लू लगना एक आपातकालीन स्थिति हैं, इसलिए इस स्थिति को हल्के में न लें और तुरंत इलाज़ कर लें। अब हम आपसे चर्चा करेंगे लू लगने के कारण के बारे में।
लू लगने का कारण- Loo lagne ka karan
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं लू लगने के कारण के बारे में। अब हम आपसे लू लगने के कारण के बारे में बात करें तो इसका मुख्य कारण अधिक गर्मी और उमस के कारण शरीर की तापमान नियंत्रित करने की क्षमता का प्रभावित होना होता हैं।
जब शरीर का तापमान ज्यादा बढ़ जाता हैं और शरीर पसीने के माध्यम से तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता तब हीट स्ट्रोक (लू लगना) होता हैं।
लू लगने के प्रमुख कारण
- तेज़ धूप और उच्च तापमान में अधिक समय बिताना:- दोपहर के समय सीधी धूप में रहने के कारण शरीर का तापमान तेज़ी से बढ़ता हैं।
- पानी की कमी:- पर्याप्त पानी न पीने के कारण शरीर को ठंडा रखने की क्षमता कम हो जाती हैं।
- अत्यधिक पसीना आना:- जब शरीर बहुत ज्यादा पसीना बहाता हैं तब शरीर में नमक और पानी की कमी होती हैं। इससे शरीर को ठंडा रहने की क्षमता प्रभावित होने लगती हैं।
- गर्मी और उमस भरी जगह पर रहना:- यदि आप ऐसे स्थान पर रहते हैं जहाँ हवा का प्रवाह कम होता हैं और तापमान अधिक होता हैं तब लू लगने की संभावना बढ़ने लगती हैं।
- गहरे और भारी कपड़े पहनना:- ऐसे कपड़े जो पसीने को सोखने न दें या शरीर को ठंडा न रखें तो वे शरीर का तापमना बढ़ा सकते हैं।
- अत्यधिक परिश्रम करना:- गर्मी में ज्यादा शारीरिक परिश्रम करने से शरीर जल्दी गर्मी होने लगता हैं और लू लग जाती हैं।
- कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली:- बुजुर्गों, छोटे बच्चे और पहले से किसी बीमारी से ग्रसित लोग गर्मी के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
- कैफीन और शराब का अधिक सेवन:- कैफीन और शराब शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं। इससे लू लगने का खतरा बढ़ता हैं।
- एयर कंडीशनिंग से अचानक गर्मी में जाना:- अगर कोई व्यक्ति ठंडी जगह से अचानक बहुत गर्म जगह पर जाता हैं तब शरीर को तापमान संतुलित करने में दिक्कत होती हैं।
लू से बचने के लिए सावधानियाँ
- ज्यादा से ज्यादा पानी और तरल पदार्थ पिएँ।
- हल्के, सूती और ढीले कपड़े पहनें।
- दोपहर के समय तेज़ धूप में बाहर जाने से बचें।
- शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए नारियल पानी, नींबू पानी और ओआरएस का इस्तेमाल कर लें।
- अधिक गर्मी में जरुरत से अधिक परिश्रम न करें।
अगर लू लगने के लक्षण दिखाई दिएं तब तुरंत प्राथमिक उपचार कर लें और जरुरत पड़े तो डॉक्टर से संपर्क जरुर कर लें। अब हम आपसे चर्चा करेंगे लू से बचने के घरेलू उपचार के बारे में।
लू से बचने के घरेलू उपचार- Loo se bachne ke gharelu upchar
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं लू से बचने के घरेलू उपचार के बारे में। अब हम आपसे लू से बचने के घरेलू उपचार के बारे में बात करें तो लू से बचने और लू का इलाज़ करने के लिए कुछ प्रभावी घरेलू उपचार अपनाए जाते हैं।
ये घरेलू इलाज़ न सिर्फ शरीर को ठंडा रखते हैं, बल्कि गर्मी के असर को भी कम करते हैं।
लू से बचने के घरेलू उपाय
प्याज का रस
लू लगने के असर को कम करने के लिए प्याज़ का रस कानों के पीछे, छाती और तलवों पर लगाएँ। प्याज़ के रस को 1-2 चम्मच शहद के साथ मिलाकर पिएँ। प्याज़ का रस लू के इलाज़ में बहुत लाभकारी होता हैं।
कच्चे आम (आम पन्ना)
2-3 कच्चे आम को उबालकर उनका गूदा निकाल लें। कच्चे आम के गूदे में पानी, काला नमक, भुना जीरा और पुदीना मिलाकर मिला लें। कच्चे आम का शरबत शरीर को ठंडक प्रदान करता हैं और लू से बचाता हैं।
छाछ और दही
एक गिलास छाछ और दही का रोज़ाना सेवन कर लें। एक गिलास छाछ और दही में थोड़ा-सा काला नमक और जीरा मिलाने से अधिक लाभ होगा। दही और छाछ शरीर में ठंडक प्रदान करता हैं और लू से बचाता हैं।
बेल का शरबत
बेल का गूदा निकालकर उसमें ठंडा पानी और गुड़ मिलाकर शरबत बना लें। बेल का शरबत शरीर में ठंडक प्रदान करता हैं और लू से बचाव रखता हैं।
नींबू पानी और नारियल पानी
दिन में 2-3 बार नींबू पानी या नारियल पानी जरुर पिएँ। नींबू पानी या नारियल पानी शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं और हीट स्ट्रोक से बचाते हैं।
पुदीना और धनिया का रस
शहद के साथ 1 चम्मच पुदीने या धनिया का रस मिलाकर पिएँ। पुदीना और धनिया का रस शरीर को ठंडक प्रदान करता हैं और हीट स्ट्रोक से राहत दिलाता हैं।
गीली पट्टियाँ और ठंडा पानी
लू लगने पर सिर, गर्दन और पैरों पर गीले कपड़े से सेक जरुर कर लें। शरीर का तापमान कम करने के लिए ठंडे पानी से स्नान जरुर कर लें या गीली पट्टियाँ रख लें।
सौंफ का पानी
रातभर सौंफ का पानी में भिगोकर रख लें और सुबह सौंफ के पानी को छानकर पिएँ। सौंफ का पानी शरीर को ठंडक प्रदान करता हैं और हीट स्ट्रोक से बचाता हैं।
लू से बचने के अतिरिक्त सावधानियाँ
- दिनभर में खूब पानी पिएँ।
- हल्के और सूती कपड़े पहन लें।
- दोपहर 12 से 4 बजे के बीच धूप में निकलने से बचें।
- बाहर जाते समय सिर और कान ढककर रख लें।
- अधिक मसालेदार और भारी भोजन से बच लें।
ये सब घरेलू उपाय लू से बचाव और राहत दिलाने में बेहद लाभदायक हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे बच्चों को लू से बचने के घरेलू उपचार के बारे में।
बच्चों को लू से बचने के घरेलू उपचार- Bachchon ko loo se bachne ke gharelu upchar
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं बच्चों को लू से बचने के घरेलू उपचार के बारे में। अब हम आपसे बच्चों को लू से बचने के घरेलू उपचार के बारे में बात करें तो वयस्कों की तुलना में बच्चों का शरीर अधिक संवेदनशील होता हैं।
इसलिए गर्मी के मौसम में बच्चों को लू लगने का खतरा अधिक बना रहता हैं। बच्चों को लू से बचाने और यदि लू लग जाए तब ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपाय अपनाए जाते हैं।
बच्चों को लू से बचाने के घरेलू उपाय
पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ दें
नियमित रुप से बच्चों को गर्मी के दिनों में पानी, नींबू पानी, नारियल पानी और छाछ और ओआरएस का घोल पिला लें। आप इस बात का खास ध्यान रखना की एक बार में ज्यादा पानी न पिलाएँ बल्कि थोड़े-थोड़े समय पर पानी दें।
कच्चे आम का शरबत (आम पन्ना)
कच्चे आम के शरबत को बनाने के लिए पहले 1-2 कच्चे आम उबाल लें। कच्चे आमों का गूदा निकाल लें और उस गूदे में पानी, गुड़, काला नमक और पुदीना मिलाकर बनाएँ। यह शरबत बच्चों को दिन में एक बार दें। कच्चे आम का शरबत शरीर को ठंडक प्रदान करता हैं और लू से बचाता हैं।
प्याज का रस
प्याज के रस को कानों के पीछे, तलवों और छाती पर लगा लें। चाहे तो 1 चम्मच प्याज का रस शहद के साथ मिलाकर पिलाएँ। प्याज का रस लू से बचाता हैं और शरीर का तापमान नियंत्रित करता हैं।
बेल का शरबत
बेल का गूदा निकालकर उसमें पानी और गुड़ मिलाकर शरबत बनाएँ और दिन में 1 बार पिला लें। बेल का शरबत बच्चों के शरीर को ठंडक प्रदान करता हैं और लू से बचाता हैं।
सौंफ और मिश्री का पानी
रातभर 1 चम्मच सौंफ को पानी में भिगोकर रख लें। सुबह इसमें मिश्री मिलाकर बच्चों को दे लें। सौंफ शरीर को ठंडक प्रदान करती हैं और पाचन को बेहतर बनाता हैं।
दही और छाछ
दोपहर के भोजन के बाद बच्चों को एक कटोरी ताज़ा दही या एक गिलास छाछ दे लें। दही और छाछ पेट को ठंडक प्रदान करते हैं और लू से बचाते हैं।
ठंडे पानी से शरीर को ठंडा करें
लू लगने पर बच्चें के माथे, हाथ-पैरों और गर्दन पर गीले कपड़े से सेक कर लें। बच्चे को हल्के गुनगुने पानी से नहलाएँ।
हल्के और सूती कपड़े पहनाएँ
बच्चों को ढीले, हल्के और सूती कपड़े पहना लें ताकि बच्चों की त्वचा सांस ले सकें और गर्मी कम लगे।
तेज़ धूप से बचाएँ
दोपहर 12 से 4 बजे के बीच बच्चों को बाहर न निकलने दें। यदि बाहर जाना हो तो सिर पर टोपी या गीला कपड़ा रख लें और पैरों में जूते या सैंडल पहना लें।
अगर बच्चे को लू लग जाए तो क्या करे?
- बच्चे को ठंडी, हवादार जगह पर लिटाएँ।
- शरीर को हल्के गीले कपड़े से ठंडा करें।
- बच्चे को नींबू पानी, नारियल पानी या ओआरएस पिला लें।
- बच्चे को बहुत ज्यादा कमज़ोरी या बेहोशी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर लें।
इन सब घरेलू उपायो से आप बच्चों को लू से बचा सकते हैं और अगर लू लग जाए तब जल्दी ठीक कर सकते हैं।
निष्कर्ष- Conclusion
ये हैं गर्मी में लू से बचाव से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। जानकारी पसंद आने पर जानकारी को लाइक व कमेंट जरुर कर लें।
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हम आपसे आशा करते हैं की हमारी दी हुई जानकारियों को प्राप्त करने के बाद आपको थोड़ी संतुष्टि मिली होगी। हमारा उद्देश्य आपको घुमराह करना नहीं हैं बल्कि आप तक सही जानकारियाँ प्राप्त करवाना हैं।
अभी कई दिनों से गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं। इसलिए हमें लू से बचने के लिए सावधानियाँ बरतनी ही चाहिए।