आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं डेंगू की बीमारी के बारे में। अब हम आपसे डेंगू की बीमारी के बारे में बात करें तो डेंगू एक वायरल बीमारी होती हैं जो एडीज एजिप्टी नामक मच्छर के काटने से होती हैं। ये मच्छर दिन में ज्यादा सक्रिय होते हैं, विशेष रुप से सुबह और शाम के समय। अब हम आपसे चर्चा करेंगे डेंगू की बीमारी के कारण के बारे में।
डेंगू की बीमारी का कारण- Dengue ki bimari ka karan
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं डेंगू की बीमारी के कारण के बारे में।
अब हम आपसे डेंगू की बीमारी के कारण के बारे में बात करें तो डेंगू की बीमारी का मुख्य कारण डेंगू वायरस हैं जो की एक RNA वायरस हैं और डेंगू Aedes aegypti नामक मादा मच्छर के काटने से फैलता हैं।
डेंगू वायरस
डेंगू वायरस Flavivirus परिवार से जुड़ा हुआ हैं। इस वायरस के चार प्रकार होते हैं:- DENV-1, DENV-2, DENV-3, DENV-4. एक बार व्यक्ति को किसी एक प्रकार से डेंगू हो जाता हैं तब उस व्यक्ति को दोबारा उस प्रकार का डेंगू नहीं होता हैं। लेकिन वह डेंगू के अन्य प्रकारों से संक्रमित हो सकता हैं और डेंगू दोबारा होने पर बीमारी अधिक गंभीर हो सकती हैं।
Aedes aegypti मच्छर
Aedes aegypti मच्छर डेंगू वायरस को फैलाने वाला वाहक होता हैं। इस प्रकार का मच्छर दिन में काटता हैं, विशेष रुप से सुबह और शाम के समय। यह मच्छर ठहरे हुए साफ पानी में अंडे देता हैं।
संक्रमण का तरीका
जब यह मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता हैं तब वायरस उसके शरीर में चला जाता हैं। बाद में जब वही मच्छर किसी दूसरे स्वस्थ व्यक्ति को काटता हैं तब वह वायरस उस व्यक्ति के शरीर में चला जाता हैं।
इसी तरह से ये बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलती हैं, लेकिन ये बीमारी सीधे व्यक्ति से व्यक्ति संक्रमित नहीं होती हैं, सिर्फ मच्छर के माध्यम से ही फैलती हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे डेंगू से बचाव के लिए घरेलू उपचार के बारे में।
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डेंगू से बचाव के लिए घरेलू उपचार- Dengue se bachav ke liye gharelu upchar
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं डेंगू से बचाव के लिए घरेलू उपचार के बारे में। अब हम आपसे डेंगू से बचाव के लिए घरेलू उपचार के बारे में बात करें तो डेंगू से बचाव का सबसे अच्छा तरीका हैं मच्छरों से बचाव और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाए रखना।
दिन में डेंगू का मच्छर काटता हैं, इसलिए दिन और रात दोनों समय सावधानी आवश्यक हैं। यहाँ कुछ घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं जो डेंगू से बचाव में मददगार होते हैं:-
नीम और तुलसी की पत्तियाँ
नीम और तुलसी दोनों में एंटीवायरल और मच्छर भगाने वाले गुण पाए जाते हैं। रोज़ाना 4-5 तुलसी की पत्तियाँ चबा लें। आप नीम और तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर पी सकते हैं।
गिलोय का रस
गिलोय इम्यून सिस्टम को मज़बूत करता हैं। रोज़ाना गिलोय की बेल का रस सुबह-शाम लें। गिलोय वायरल बुखार और संक्रमणों से बचाव में मददगार रहता हैं।
पपीते के पत्तों का रस
प्लेटलेट्स को बढ़ाने में पपीते के पत्तों का रस अत्यंत लाभदायक माना जाता हैं। यह डेंगू का इलाज़ तो नहीं हैं, लेकिन प्लेटलेट्स गिरने से पहले इसका इस्तेमाल रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने में मददगार होता हैं। पपीते की पत्तियों को पीसकर उसका रस खाली पेट लिया जा सकता हैं।
नीम का धुआँ या पानी
नीम की सुखी पत्तियों को जलाकर घर में धुआँ देने से मच्छर हमेशा दूर रहते हैं। नीम का तेल नारियल पानी में मिलाकर शरीर पर लगाने से मच्छर हमेशा दूर रहते हैं।
लहसुन का प्रयोग
लहसुन में सल्फर पाया जाता हैं जो मच्छरों को दूर करता हैं। नारियल तेल में लहसुन का पेस्ट या तेल मिलाकर शरीर के खुले भागों पर हल्का सा लगाया जा सकता हैं।
नींबू और लौंग
एक नींबू काट लें, उसमें 4-5 लौंग दबा दें और कमरे में रख लें। यह मच्छरों को दूर रखने में मददगार रहता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे डेंगू से बचाव के एलोपैथिक उपचार के बारे में।
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डेंगू से बचाव के एलोपैथिक उपचार- Dengue se bachav ke Allopathic upchar
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं डेंगू से बचाव के एलोपैथिक उपचार के बारे में। अब हम आपसे डेंगू से बचाव के एलोपैथिक उपचार के बारे में बात करें तो डेंगू के लक्षणों का इलाज़ एलोपैथी में प्रभावी ढंग से किया जाता हैं।
डेंगू वायरस का कोई भी विशिष्ट एलोपैथिक वैक्सीन या दवा आमतौर पर इस्तेमाल में नहीं हैं। यहाँ डेंगू से बचाव के एलोपैथिक उपचार निम्नलिखित हैं:-
मच्छर से बचाव के उपाय
- Permethrin-impregnated कपड़े:- मच्छरों को दूर रखने के लिए कपड़ों में कीटनाशक होना बहुत आवश्यक हैं।
- Liquid Vaporizers और Mosquito Coils:- मच्छर से बचाव के लिए Liquid Vaporizers और Mosquito Coils जैसे की All-Out और Mortein की बहुत आवश्यकता हैं।
- नेट/मच्छरदानी का इस्तेमाल:- मच्छर से बचाव के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल जरुर करना चाहिए। विशेष रुप से दिन के समय मेंं।
वैक्सीन
कुछ देशों में Dengvaxia नामक डेंगू वैक्सीन उपलब्ध हैं, लेकिन यह वैक्सीन सब के लिए उपयुक्त नहीं हैं और आमतौर पर भारत में अब यह वैक्सीन प्रयोग में नहीं हैं। WHO इस वैक्सीन को सिर्फ उन लोगों के लिए अनुशंसा करता हैं जिन्हें पहले डेंगू हो चुका हो।
एलोपैथिक इलाज़
- हाइड्रेशन (पानी की कमी से बचाव):- ORS, नारियल पानी, नींबू पानी, सूप आदि से आप डेंगू की बीमारी से ठीक हो सकते हैं। आप रोज़ाना कम से कम 3-4 लीटर तरल जरुर लें।
- प्लेटलेट काउंट गिरने पर:- यदि आपकी प्लेटलेट्स 20,000/mm3 से नीचे जाएँ और रक्तस्त्राव के लक्षण हो तब आप अस्पताल में जरुर भर्ती हो जाएँ। क्योंकि तब आपका डॉक्टर की निगरानी में प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन किया जा सकता हैं।
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निष्कर्ष- Conclusion
ये हैं डेंगू से बचाव के लिए उपाय से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। इस जानकारी को प्राप्त करने के बाद आपको डेंगू से बचाव के बारे में थोड़ा ज्ञात हो गया होगा। इससे आप हमेशा डेंगू से बचे रहेंगे।
आप अपने साथ-साथ अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को भी इन घरेलू उपायों के बारे में जरुर बतायें क्योंकि अब डेंगू के मच्छर का मौसम आने ही वाला हैं। डेंगू से बचाव करना बहुत ज्यादा आवश्यक हैं क्योंकि डेंगू घातक बीमारी हैं।
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