हनुमान जयंती: संकटमोचन की पूजा का पर्व

Vineet Bansal

आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं हनुमान जयंती के पर्व के बारे में। अब हम आपसे हनुमाज जयंती के पर्व के बारे में बात करें तो हिंदू धर्म में हनुमान जयंती का पर्व विशेष रुप से हनुमान जी के जन्म का उत्सव हैं। यह पर्व भगवान राम के परम भक्त और एक महान बलशाली देवता के जन्मोत्सव का पर्व हैं। हनुमान जयंती का पर्व चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हैं। यह पर्व सामान्य तौर से अप्रैल में आता हैं।

इस दिन भक्त विशेष पूजा-अर्चना, हनुमान चालीसा का पाठ, हनुमान भजन और कीर्तन करते हैं। हनुमान जयंती के दिन को लेकर अलग-अलग स्थानों पर भव्य आयोजनों का आयोजन भी किया जाता हैं। इन भव्य आयोजनों में रामायण की कथा का वाचन, हनुमान जी की पूजा और विशेष रुप से हनुमान चालीसा का पाठ प्रमुख होता हैं।

सभी भक्तजन हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी के मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं। इसके साथ ही सभी भक्तजन हनुमान जी के चित्रों या मूर्तियों को स्नान कराते हैं और हनुमान जी की मूर्तियों को नए वस्त्र पहनाते हैं।

यह पर्व अधिक महत्तवपूर्ण हैं क्योंकि हनुमान जयंती के दिन को संकटों से मुक्ति, बल, साहस और समर्पण का प्रतीक माना जाता हैं। हनुमान जी की पूजा करने से मनुष्य को मानसिक और शारीरिक बल प्राप्त होता हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे हनुमान जयंती का पर्व कब आता हैं?

हनुमान जयंती का पर्व कब आता हैं?- Hanuman Jayanti ka parv kab aata hain?

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं हनुमान जयंती के पर्व के आने के बारे में। अब हम आपसे हनुमान जयंती के पर्व के आने के बारे में बात करें तो यह पर्व चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार आमतौर पर यह पर्व अप्रैल के महीने में आता हैं।

Hanuman Jayanti ka parv kab aata hain

विशेष रुप से हनुमान जयंती का पर्व चैत्र माह की शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष हनुमान जयंती की तारीख में थोड़ा बदलाव आ सकता हैं।

लेकिन सामान्य तौर से हनुमान जयंती का पर्व अप्रैल के महीने में ही मनाया जाता हैं। 2025 में हनुमान जयंती का पर्व 12 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा। अब हम आपसे चर्चा करेंगे हनुमान जयंती के पर्व के महत्तव के बारे में।

हनुमान जयंती के पर्व का महत्तव- Hanuman Jayanti ke parv ka mahatva

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं हनुमान जयंती के पर्व के महत्तव के बारे में। अब हम आपसे हनुमान जयंती के पर्व के महत्तव के बारे में बात करें तो विशेष रुप से हिंदू धर्म में हनुमान जयंती का पर्व अधिक महत्तव रखता हैं।

Hanuman Jayanti ke parv ka mahatva

यह पर्व भगवान हनुमान के जन्म के रुप में मनाया जाता हैं। हनुमान जी भगवान राम के महान भक्त और सबसे शक्तिशाली देवताओं में से एक हैं। यहाँ हनुमान जयंती का महत्तव निम्नलिखित हैं:-

हनुमान जयंती के पर्व के प्रमुख महत्तव

  • शक्ति और साहस का प्रतीक:- भगवान हनुमान को अपार शारीरिक और मानसिक शक्ति का प्रतीक माना गया हैं। भगवान हनुमान का जीवन साहस, बल, निष्ठ, भक्ति और पराक्रम का एक उदाहरण हैं। हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों को शक्ति और साहस प्राप्त होता हैं। भक्त अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना निष्ठापूर्वक करते हैं।
  • भक्ति का आदर्श:- भगवान हनुमान की भक्ति भगवान राम के प्रति अपार निष्ठा और समर्पण का प्रतीक होता हैं। हनुमान जी श्रीराम के परम भक्त थे और हनुमान जी के प्रत्येक कार्य में राम का आदर्श रहता था। हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भक्ति का वास्तविक रुप समझने में सहयता मिलती हैं। इससे जीवन में भगवान के प्रति समर्पण की भावना पैदा होती हैं।
  • मानसिक शांति और संकटों से मुक्ति:- हनुमान जी की पूजा करने से और हनुमान चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती हैं। हनुमान जी को संकटमोचन भी कहते हैं क्योंकि भगवान हनुमान को श्रद्धा और भक्ति से मनाने से व्यक्ति के जीवन के संकट दूर होने लगते हैं। हनुमान जयंती का पर्व भक्तों को मानसिक शांति और आंतरिक बल देता हैं।

हनुमान जयंती के पर्व के अन्य महत्तव

  • रोगों और भय से मुक्ति:- भगवान हनुमान को बल, आयु और आरोग्य के देवता माना जाता हैं। भगवान हनुमान के द्वारा भक्तों को शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति प्राप्त होती हैं। विशेष रुप से हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी के उपासक अपनी बिमारी से उबरने के लिए प्रार्थनाएँ करते हैं।
  • धार्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि:- हनुमान जयंती के मौके पर धार्मिक आयोजन, पूजा और हवन किया जाता हैं। पूजा और हवन समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि का संचार करने लगते हैं। हनुमान जयंती का पर्व लोगों को धार्मिक कर्तव्यों और परंपराओं के प्रति जागरुक करता हैं।

यह पर्व भक्तों को हनुमान जी के अद्वितीय गुणों और हनुमान जी के जीवन से प्रेरणा लेने का मौका देता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे हनुमान जयंती का पर्व क्यों मनाया जाता हैं?

हनुमान जयंती का पर्व क्यों मनाया जाता हैं?- Hanuman Jayanti ka parv kyon manaya jata hain?

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं हनुमान जयंती के पर्व के मनाने के कारण के बारे में। अब हम आपसे हनुमान जयंती के पर्व के मनाने के कारण के बारे में बात करें तो हनुमान जी के जन्मोत्सव के रुप में हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता हैं। यह पर्व चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं।

Hanuman Jayanti ka parv kyon manaya jata hain

विशेष रुप से हनुमान जयंती का पर्व भगवान हनुमान की भक्ति, साहस, बल और समर्पण को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता हैं। यहाँ हनुमान जयंती के पर्व के मनाने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:-

भगवान हनुमान का जन्मोत्सव

हनुमान जी के जन्म दिन के रुप में हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता हैं। भगवान हनुमान राम जी के परम भक्त और आदर्श सेवक थे। हनुमान जयंती के दिन को हनुमान जी की पूजा और आराधना के रुप में मनाया जाता हैं।

संकटमोचन की पूजा

भगवान हनुमान को “संकटमोचन” भी कहते हैं। संकटमोचन का मतलब हैं की हनुमान जी अपने भक्तों के सभी संकटों को दूर करते हैं। हनुमान जयंती का पर्व हनुमान जी से भक्तों को उनके जीवन के संकटों और दुखों से मुक्ति प्राप्त करने की भावना के साथ मनाया जाता हैं।

भक्ति और निष्ठा का प्रतीक

भगवान हनुमान की भक्ति और निष्ठा का जीवन प्रत्येक व्यक्ति के लिए आदर्श हैं। भगवान हनुमान ने श्रीराम जी के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण से यह सिद्ध किया हैं की सच्ची भक्ति में शक्ति होती हैं। हनुमान जयंती का मुख्य उद्देश्य भक्तों को सच्ची भक्ति, समर्पण और निष्ठा की महिमा को समझाना होता हैं।

साहस और शक्ति का प्रतीक

भगवान हनुमान को हनुमान जी की अद्भुत शारीरिक शक्ति, साहस और पराक्रम के लिए पूजा जाता हैं। भगवान हनुमान ने अपने जीवन में कई बार अपनी शक्ति और साहस का प्रदर्शन किया हुआ हैं।

जैसे की लंका दहन, संजीवनी बूटी लाना और भगवान राम के साथ युद्ध में हिस्सा लेना। हनुमान जयंती को मनाने का मुख्य उद्देश्य अपने जीवन में साहस और शक्ति का संचार करना होता हैं।

राम-भक्ति का महत्तव

भगवान हनुमान का जीवन राम-भक्ति पर आधारित होता था। यह पर्व राम जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति को प्रगाढ़ करने का मौका हैं। भगवान हनुमान के अनुसार राम जी के आदर्शों और राम जी के जीवन से प्रेरणा मिलती हैं।

धार्मिक और सामाजिक एकता

यह त्योहार पूरे देश में अलग-अलग रुपों में मनाया जाता हैं। यह त्योहार धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक होता हैं। लोग इस दिन एक साथ इकट्ठा होकर भगवान हनुमान की पूजा करते हैं।

हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और भव्य भजन-कीर्तन आयोजित किए जाते हैं। इससे समाज में सामूहिक भक्ति और धार्मिक एकता को बढ़ावा प्राप्त होता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे हनुमान जयंती का पर्व कैसे मनाया जाता हैं?

हनुमान जयंती का पर्व कैसे मनाया जाता हैं?- Hanuman Jayanti ka parv kaise manaya jata hain?

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं हनुमान जयंती के पर्व के मनाने के बारे में। अब हम आपसे हनुमान जयंती के पर्व के मनाने के बारे में बात करें तो हनुमान जयंती का त्योहार बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता हैं।

Hanuman Jayanti ka parv kaise manaya jata hain

विशेष रुप से हनुमान जयंती का पर्व भगवान हनुमान के जन्म के रुप में मनाया जाता हैं। यहाँ हनुमान जयंती को मनाने का तरीका निम्नलिखित हैं:-

हनुमान जी की कृपा

इस दिन सबसे पहले हनुमान जी के मंदिरों में पूजा की जाती हैं। भक्त मंदिरों में पहुँचने के बाद भगवान हनुमान की मूर्ति या चित्र का स्नान करते हैं। भगवान हनुमान को चंदन, रोली, फूल, फल और मिठाई भी अर्पित की जाती हैं।

भगवान हनुमान को लड्डू, चमचम, केले और पंचामृत अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता हैं। विशेष रुप से पूजा करने के दौरान हनुमान चालीसा, रामायण का पाठ और संकटमोचन हनुमान अस्तकिशन का पाठ करते हैं।

हनुमान चालीसा का पाठ

हनुमान जयंती के दिन सभी भक्त बड़ी श्रद्धा और ध्यान से हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। हनुमान चालीसा 40 श्लोकों वाली एक प्रार्थना हैं जो भगवान हनुमान की महिमा और शक्ति को बताती हैं। विशेष रुप से घरों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों पर हनुमान चालीसा का पाठ सामूहिक रुप से किया जाता हैं।

रामायण कथा और कीर्तन

हनुमान जयंती के दिन भगवान हनुमान और राम जी की भक्ति से जुड़े कथा  का वचन किया जाता हैं। रामायण की कथा में भगवान हनुमान की महिमा को बताते हैं। भगवान हनुमान के भजन और कीर्तन का आयोजन भक्तगण करते हैं। इसमें भक्तगण राम, हनुमान की महिमा का गुणगान करते हैं।

उपवास

हनुमान जयंती के दिन कुछ भक्त उपवास भी रखते हैं। विशेष रुप से उपवास हनुमान जी की भक्ति में लीन रहने और अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता हैं। उपवास के दौरान भक्तगण जल, फल और हल्का भोजन लेते हैं। ताकि भक्तगण मानसिक और शारीरिक रुप से शुद्ध हो सकें।

हनुमान जी के मंदिरों में आगमन

इस दिन भक्तों की बड़ी संख्या भगवान हनुमान के मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं। विशेष रुप से सुबह और शाम के वक्त भक्तों की भीड़ हनुमान मंदिरों में होने लगती हैं। हनुमान जी के मंदिरों में विशेष आयोजन किए जाते हैं। इस आयोजन में हनुमान जी की मूर्ति की सजावट, भव्य पूजा और आरती की जाती हैं।

प्रसाद वितरण

पूजा के बाद भगवान हनुमान को चढ़ाए गए प्रसाद को भक्तों में दिया जाता हैं। आमतौर पर यह प्रसाद लड्डू, चमचम, पानी और फल होते हैं। ये प्रसाद भक्तों के बीच बाँटने से समाज में एकता का अनुभव होता हैं।

धार्मिक अनुष्ठान और हवन

हनुमान जयंती के दिन कुछ भक्त लोग विशेष हवन और यज्ञ भी आयोजित करते हैं। हवन में भगवान हनुमान के नाम का जप और अग्नि में आहुति देने से भक्तों को पुण्य मिलता हैं। इससे जीवन में शुभ फल मिलता हैं।

निष्कर्ष- Conclusion

ये हैं हनुमान जयंती के पर्व से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। जानकारी पसंद आने पर जानकारी को लाइक व कमेंट जरुर कर लें।

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