हर्निया क्या है जानिए हार्निया के कारण लक्षण और घरेलु उपाय से जुडी जानकारी

Ravi Kumar

आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं हर्निया रोग के लक्षण और अच्छे इलाज के बारे में। पहले, हम आपसे चर्चा करेंगे हर्निया रोग के लक्षण के बारे में। हर्निया एक ऐसी स्थिति होती हैं जिसमें शरीर के अंदरुनी अंग और टिशू अपने सामान्य स्थिति से बाहर निकल आते हैं।

साथ ही आसपास की मांसपेशियों और ऊतक के कमज़ोरियों के माध्यम से शरीर के अंदरुनी अंग और टिशू बाहर निकलते हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे हर्निया के रोग के बारे में। 

हर्निया रोग क्या हैं? – (Harniya Rog Kya Hai)

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं हर्निया के रोग के बारे में। अब हम आपसे हर्निया के रोग के बार के बात करें तो हर्निया एक ऐसी स्थिति होती हैं जिसमें शरीर के अंदरुनी अंग और टिशू अपने सामान्य स्थिति से बाहर निकल आते हैं।

Harniya Rog Kya Hai

साथ ही आसपास की मांसपेशियों और ऊतक के कमजोरियों के माध्यम से शरीर के अंदरुनी अंग और टिशू बाहर निकलते हैं। हर्निया सामान्य तौर पर पेट के क्षेत्र में होता हैं, लेकिन हर्निया शरीर के अन्य हिस्सों में भी पाया जाता हैं। हर्निया शरीर में अनेकों प्रकार के हो सकते हैं। हर्निया के कुछ प्रकार निम्नलिखित हैं:- 

  • इंगुइनल हर्निया:- यह हर्निया सबसे सामान्य प्रकार का हर्निया हैं। यह हर्निया शरीर में तब होता हैं जब आंत का हिस्सा या वसा का टिशू पेट के निचले हिस्से से बाहर निकलता हैं। यह हर्निया आमतौर से पुरुषों में पाया जाता हैं। लेकिन इस प्रकार का हर्निया महिलाओं में भी हो सकता हैं। 
  • फेमोरल हर्निया:- यह हर्निया आमतौर से महिलाओं में सबसे ज्यादा होता हैं। लेकिन यह हर्निया पुरुषों में भी हो सकता हैं। यह हर्निया तब होता हैं जब आंत का हिस्सा और वसा का टिशू जांघ के ऊपरी हिस्से से बाहर निकलता हैं। 
  • अम्बलिकल हर्निया:- यह हर्निया आमतौर से नवजात शिशुओं में सबसे ज्यादा पाया जाता हैं। लेकिन यह हर्निया पुरुषों व महिलाओं में भी हो सकता हैं। यह हर्निया तब होता हैं जब आंत का हिस्सा नाभि के माध्यम से बाहर निकलता हैं। 
  • इंसिशनल हर्निया:- यह हर्निया सर्जरी के बाद के क्षेत्र में सबसे ज्यादा पाया जाता हैं। यह हर्निया सर्जरी की जगह की मांसपेशियाँ की कमज़ोरी बनाती हैं। 
  • हायटस हर्निया:- यह हर्निया तब होता हैं जब पेट का ऊपरी हिस्सा हायाफ्राम से छाती में घुस जाता हैं। 

हर्निया एक गंभीर समस्या हैं। हर्निया के उपचार के लिए डॉकटर से सलाह करना ज्यादा आवश्यक हैं। हर्निया का उपचार जल्द-से-जल्द से कराया जाएँ वो ही हमारे शरीर के लिए बहेतर हैं।

हर्निया के उपचार के लिए लापरवाही करना उचित नहीं हैं। इसलिए हर्निया का उपचार जल्द-से-जल्द कराना चाहिए। अब हम आपसे चर्चा करेंगे हर्निया का दर्द कहाँ होता हैं? 

हर्निया का दर्द कहाँ होता हैं? – (Harniya Ka Dard Kahan Hota Hai)

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं हर्निया का दर्द कहाँ होता हैं? अब हम आपसे हर्निया के दर्द के बारे में बात करें तो हर्निया का दर्द हर्निया के प्रकार और उसके स्थान के अनुसार अलग-अलग होता हैं। यहाँ अलग-अलग प्रकार के हर्निया के दर्द और हर्निया के लक्षणों का विवरण दिया गया हैं:- 

Harniya Ka Dard Kahan Hota Hai

  • इंगुइनल हर्निया:- इंगुइनल हर्निया सबसे ज्यादा पुरुषों में होता हैं। लेकिन इस प्रकार का हर्निया महिलाओं में भी हो सकता हैं। हर्निया के कारण स्क्रोटम में दर्द और सूजन होने लगती हैं। इस हर्निया के कारण दर्द उठने, झुकने और भारी वस्तु उठाने में दिक्कत बढ़ने लगती हैं। इस हर्निया के कारण जाँघ और पेट के बीच असुविधा होने लगती हैं। 
  • फेमोरल हर्निया:- फेमोरल हर्निया सबसे ज्यादा महिलाओं में होता हैं। लेकिन इस प्रकार का हर्निया पुरुषों में भी हो सकता हैं। इस हर्निया के कारण महिलाओं को चलने-फिरने में दिक्कत होने लगती हैं। इस हर्निया के कारण जांघ के ऊपरी हिस्से से असुविधा होने लगती हैं। यह हर्निया खासकर वहाँ होता हैं जहाँ जांघ और पेट मिलने लगते हैं। 
  • अम्बलिकल हर्निया:- अम्बलिकल हर्निया सबसे ज्यादा नवजात शिशुओं में होता हैं। लेकिन इस प्रकार का हर्निया पुरुषों व महिलाओं में भी हो सकता हैं। इस हर्निया से नवजात शिशुओं में रोने या खासने में दर्द के कारण असुविधा होने लगती हैं। यह हर्निया वयस्कों में भी पाया जाता हैं। जब यह हर्निया वयस्कों में पाया जाता हैं तब वयस्कों में भारी वजन उठाने में असुविधा बढ़ने लगती हैं। यह हर्निया आमतौर से नाभि के आसपास ही पाया जाता हैं। 
  • इंसिशनल हर्निया:- यह हर्निया खासतौर से सर्जरी के बाद के कुछ वक्त के बाद अनुभव होने लगता हैं। यह हर्निया सर्जरी के निशान के आसपास ही सबसे ज्यादा पाया जाता हैं। इस हर्निया के कारण भी बहुत सी असुविधाएँ उत्पन्न होने लगती हैं। 
  • हायटस हर्निया:- यह हर्निया सामान्य तौर से गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज जैसे लक्षणों के साथ शरीर में उत्पन्न होने लगता हैं। गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज जैसे लक्षण जैसे की हार्टबर्न, पेट में एसिड की समस्या और निगलने में कठिनाई उत्पन्न होना। यह हर्निया सबसे ज्यादा छाती या ऊपरी पेट के हिस्से में पाया जाता हैं। 

हर्निया का दर्द भी हमारे शरीर के लिए गंभीर हो सकता हैं। अगर हर्निया का वक्त पर उपचार ना कराया जाएँ तो। ये हर्निया वक्त के साथ बढ़ता ही रहता हैं। यदि किसी को हर्निया होने का शक हो तो वो डॉक्टर से सलाह जरुर करें।

हर्निया का सही उपचार लेना हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक होता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे हर्निया के मुख्य कारण के बारे में। 

हर्निया होने का मुख्य कारण – (Harniya Hone Ke Mukhya Karan)

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं हर्निया होने का मुख्य कारण के बारे में। अब हम आपसे हर्निया होने के मुख्य कारण के बारे में बात करें तो हर्निया होने के कई मुख्य कारण हो सकते हैं। यह हर्निया आमतौर से पेट या शरीर के हिस्से में मांसपेशियों और ऊतकों की कमज़ोरी में सबसे ज्यादा पाया जाता हैं।

Harniya hone ka mukhya kaaran

हर्निया होने के कई निम्नलिखित मुख्य कारण हो सकते हैं:- 

  • मांसपेशियों की कमजोरी:- आयु बढ़ने के साथ-साथ मांसपेशियाँ कमज़ोर होने लगती हैं। मांसपेशियों की कमज़ोरी का मुख्य कारण जन्मजात दोष भी हैं। इस हर्निया के कारण से ही पेट की दीवार से कमजोरी और छेद होने लगता हैं। 
  • शारीरिक दबाव और तनाव:- शारीरिक दबाव और तनाव का मुख्य कारण भारी वस्तुओं को उठाना और भारी व्यायाम करना। इस हर्निया के कारण लगातर खांसी होने लगती हैं। खासकर ये खांसी तब होती हैं जब वह खांसी ज्यादा पुरानी हो। कब्ज के कारण जोर लगाना भी शारीरिक दबाव और तनाव का मुख्य कारण हैं। साथ ही पेशाब करने में कठिनाई के कारण जोर लगाना भी शारीरिक दबाव और तनाव का मुख्य कारण हैं। 
  • चोट और सर्जरी:- पेट की सर्जरी के बाद मांसपेशियाँ कमज़ोर होने लगती हैं। ज्यादातर मांसपेशियों में कमज़ोरी चोट या दुर्घटना के कारण भी होने लगती हैं। 
  • अन्य कारक:- हर्निया के अन्य मुख्य कारण भी हो सकते हैं। जैसे की मोटापा, गर्भावस्था, असामान्य तरल संचय और अनुवांशिकता। मोटापा अधिकतर वजन के कारण पेट पर अतिरिक्त दबाव होने के कारण होने लगता हैं। गर्भावस्था के दौरान पेट के बढ़ने के कारण पेट में दबाव होने लगता हैं। असामान्य तरल संचय जैसे की असाइटिस और पेट में तरल के निर्माण के कारण होने लगता हैं। अनुवांशिकता भी हर्निया होने का मुख्य कारण हैं। यदि परिवार में हर्निया की सबसे ज्यादा समस्याएँ हैं तो इसकी संभवना भी अधिक होने लगती हैं। 

यदि हर्निया का कोई भी लक्षण आपको अनुभव हो रहा हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह कर लेनी चाहिए। हर्निया का उपचार सही करना ही हमारे शरीर के लिए सबसे ज्यादा बहेतर हैं। अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं पुरुषों में हर्निया के लक्षण के बारे में। 

पुरुषों में हर्निया के लक्षण – (Purushon me Harniya Ke Lakshan)

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं पुरुषों में हर्निया के लक्षण के बारे में। अब हम आपसे पुरुषों में हर्निया के लक्षण के बारे में बात करें तो पुरुषों में हर्निया के लक्षण सामान्य तौर से हर्निया के प्रकार और स्थान के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं।

Purushon me harniya ke lakshan

यहाँ पुरुषों में हर्निया के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:- 

इंगुइनल हर्निया:-

पुरुषों में इंगुइनल हर्निया के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:- 

  • जलन और खिंचाव का ज्यादा एहसास होना। 
  • कमज़ोरी और दबाव का ज्यादा एहसास होना। 
  • स्क्रोटम में दर्द, भारीपन और सूजन का ज्यादा एहसास होना। 
  • निचले पेट में दर्द और ज्यादा असुविधा होना जो वक्त के साथ शरीर में ज्यादा बढ़ना लगता हैं। 
  • ग्रोइन क्षेत्र में ज्यादा सूजन होना जिसके खड़े होने, झूकने और खांसने में ज्यादा असुविधा होना। 

फेमोरल हर्निया:-

पुरुषों में फेमोरल हर्निया के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:- 

  • जांघ के ऊपरी हिस्से में ज्यादा सूजन होना। 
  • जांघ में दर्द और ज्यादा असुविधा होना। यह असुविधा खासकर तब होती हैं जब हम खड़े होते हैं या चलने लगते हैं। 
  • फेमोरल हर्निया पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं में भी होता हैं। महिलाओं में फेमोरल हर्निया होना सामान्य बात हैं। लेकिन फेमोरल हर्निया पुरुषों में पाया जाता हैं। 

अम्बलिकल हर्निया:-

पुरुषों में अम्बलिकल हर्निया के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:- 

  • नाभि के आसपास के हिस्से में अधिक सूजन होना। 
  • नाभि के आसपास के हिस्से में अधिक दर्द और असुविधा होना जो खांसने पर बढ़ने भी लगता हैं। 

इंसिशनल हर्निया:- पुरुषों में इंसिशनल हर्निया के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:- 

  • सर्जरी के आसपास के हिस्से में अधिक सूजन होना। 
  • उस क्षेत्र में दर्द और असुविधा होना जहाँ गतिविधि करने में असुविधा होती हैं। 
  • यह हर्निया खांसने पर बढ़ने भी लगता हैं। 

हायटस हर्निया:-

पुरुषों में हायटस हर्निया के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:- 

  • छाती में दर्द और अधिक जलन होना। 
  • पेट में एसिड का अधिक बढ़ना जिसके कारण एसिड रिफ्लक्स भी होता हैं। 
  • निगलने में अधिक कठिनाई होना। 
  • पेट में अधिक दर्द और सूजन होना। 

ये हैं पुरुषों में हर्निया के कुछ लक्षण यदि इनमें से कोई भी लक्षण अनुभव हो रहा हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह कर लेनी चाहिए। हर्निया का सही उपचार होना आपके शरीर के लिए अत्यंत लाभदायक हैं। अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं औरतों में हर्निया के लक्षण के बारे में। 

औरतों में हर्निया के लक्षण – (Aurton Me Harniya Ke Lakshan)

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं औरतों में हर्निया के लक्षण के बारे में। अब हम आपसे औरतों में हर्निया के लक्षण के बारे में बात करें तो औरतों में भी हर्निया के लक्षण हर्निया के प्रकार और स्थान के आधार पर अलग-अलग होते हैं।

Mahilaon me Harniya Ke Lakshan

यहाँ औरतों में हर्निया के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:- 

इंगुइनल हर्निया:-

औरतों में इंगुइनल हर्निया के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:- 

  • जलन और खिंचाव का अधिक अनुभव होना। 
  • कमज़ोरी और दबाव का अधिक अनुभव होना। 
  • निचले पेट में दर्द और अधिक असुविधा होना और ग्रोइन क्षेत्र में अधिक असुविधा होना जो वक्त के साथ-साथ बढ़ता ही रहता हैं। 
  • ग्रोइन क्षेत्र में अधिक सूजन होना जहाँ खड़े होने, झूकने और खांसने पर अधिक असुविधा होने लगती हैं। 

फेमोरल हर्निया:-

औरतों में फेमोरल हर्निया के निम्नलिखित लक्षण होते हैं:- 

  • इस प्रकार का हर्निया महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ज्यादा सामान्य हैं। 
  • जांघ और ग्रोइन क्षेत्र में अधिक दर्द और असुविधा होना। यह असुविधा विशेष तौर से तब होने लगती हैं जब हम खड़े होते हैं या चलने लगते हैं। 
  • जांघ के ऊपरी हिस्से में अधिक सूजन होना। 

अम्बलिकल हर्निया:-

औरतों में अम्बलिकल हर्निया के निम्नलिखित लक्षण होते हैं:- 

  • नाभि के आसपास के क्षेत्र में अधिक सूजन होना। 
  • नाभि के आसपास के क्षेत्र में अधिक दर्द और असुविधा होना जो खांसने पर बढ़ने लगता हैं। 
  • नवजात शिशुओं, गर्भवती महिलाओं और मोटापे के लिए इस प्रकार का हर्निया ग्रस्त महिलाओं में आम बात हैं। 

इंसिशनल हर्निया:-

औरतों में इंसिशनल हर्निया के निम्नलिखित लक्षण होते हैं:- 

  • सर्जरी के निशान के आसपास क्षेत्र में अधिक सूजन होना। 
  • उस क्षेत्र में अधिक दर्द और असुविधा होना जहाँ यह हर्निया होता हैं। इस प्रकार का हर्निया तब बढ़ने लगता हैं जब हम खांसने लगते हैं।

हायटस हर्निया:-

औरतों में हायटस हर्निया के निम्नलिखित लक्षण होते हैं:- 

  • छाती में दर्द और अधिक जलन होना। 
  • पेट में एसिड का अधिक बढ़ना जिसके कारण एसिड रिफ्लक्स होता हैं। 
  • निगलने में अधिक कठिनाई होना। 
  • पेट में अधिक दर्द और सूजन होना। 

ये हैं औरतों में हर्निया के कुछ लक्षण यदि इनमें से आपको कोई भी लक्षण महसूस हो रहा हो तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। हर्निया का सही उपचार करना आपके शरीर के लिए अत्यंत लाभदायक हैं।

हर्निया का सही पहचान करना और समय पर हर्निया का इलाज होना आपको इस बीमारी से जुड़ी परेशानियोंई से बचने में मदद करता हैं। अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं हर्निया के सबसे अच्छे इलाज के बारे में। 

हर्निया का सबसे अच्छा इलाज – (Harniya Ka Sabse Acha Ilaaj)

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं हर्निया के सबसे अच्छे इलाज के बारे में। अब हम आपसे हर्निया के सबसे अच्छे इलाज के बारे में बात करें तो हर्निया का इलाज हर्निया के प्रकार, आकार और गंभीरता के आधार पर अलग-अलग होता हैं।

Harniya Ka Sabse Acha Ilaaj Kya Hai

खासतौर से, हर्निया का सबसे प्रभावी और अच्छे इलाज सर्जरी ही होता हैं। यहाँ हर्निया के सबसे अच्छे इलाज निम्नलिखित हैं:- 

  • ओपन सर्जरी:- ओपन सर्जरी में सर्जन हर्निया के स्थान पर एक बड़ा चीरा लगाते हैं और हर्निया के उभरे हुए हिस्से को वापस शरीर के अंदर डालते हैं। हर्निया के उपचार में मांसपेशियों की कमज़ोर दीवार को सिला जाता हैं। इस कमज़ोर दीवार को मज़बूत करने के लिए एक मैश का इस्तेमाल किया जाता हैं। इस सर्जरी की रिकवरी होने में कुछ हफ्ते लग सकते हैं। लेकिन चीरे के निशान शरीर में ऐसे ही रह सकते हैं। 
  • लैप्रोस्कोपिक सर्जरी:- लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में सर्जन छोटे‌-छोटे चीरे लगाते हैं और कैमरा और उपकरणों की मदद से हर्निया को ठीक करते हैं। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी से रिकवरी भी तेज़ी से होने लगती हैं और दर्द भी कम होता हैं। यह सर्जरी तब की जाती हैं जब हर्निया छोटा हो और मरीज की सेहत अच्छी होने लगती हैं। 
  • रॉबोटिक सर्जरी:- रॉबोटिक सर्जरी में सर्जन रोबोटिक उपकरणों की मदद से सर्जरी करता हैं। लेकिन यह सर्जरी लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के सामान ही की जाती हैं। यह सर्जरी सटीक और नियंत्रित सर्जरी की सुविधा भी देता हैं। 

हर्निया के इलाज़ के लिए डॉक्टर से सलाह करना अत्यंत महत्तवपूर्ण हैं। सही वक्त पर उपचार करने से अनेकों समस्याओं से बचा जा सकता हैं। यह इलाज जीवन की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए जरुरी हैं।

डॉक्टर के अनुसार हर्निया का उपचार सर्जरी के माध्यम से ही किया जाता हैं। अगर हर्निया बड़ा हो या लक्षण ज्यादा गंभीर हो। सर्जरी के माध्यम से हर्निया का उपचार करना कुछ कारणों में फायदेमंद होता हैं और कुछ कारणों में ये नुकसानदायक भी हो सकता हैं।

हमारे पास हर्निया को दूर करने के कुछ घरेलू उपाय हैं जिसको आप सर्जरी करान से पहले घरेलू उपाय की मदद से दूर कर सकते हैं। अगर आपने हर्निया को दूर करने के लिए सर्जरी करा ली हैं तो आपके लिए घरेलू उपाय इतने फायदेमंद नहीं होंगे।

अगर आपने अभी तक हर्निया को दूर करने के लिए सर्जरी नहीं कराई हैं तो आपके लिए घरेलू उपाय फायदेमंद होंगे। अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं हर्निया को दूर करने के लिए घरेलू उपायोंं के बारे में। 

हर्निया को दूर करने के लिए घरेलू उपाय – (Harniya Ko Door Karne Ke Liye Ghareloo Upaay)

अब हम आपको चर्चा करने जा रहे हैं हर्निया को दूर करने के लिए घरेलू उपाय के बारे में। अब हम आपसे हर्निया को दूर करने के घरेलू उपाय के बारे में बात करें तो हर्निया को दूर करने के लिए घरेलू उपाय आपके लिए तब तक फायदेमंद रहेंगे जब तक आपने हर्निया को दूर करने के लिए सर्जरी नहीं कराई हो।

Harniya Ko Door Karne Ke Liye Ghareloo Upaay

हर्निया को दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं:- 

  • जीवनशैली और आहार में बदलाव:- जीवनशैली और आहार में बदलाव लाने से आप हर्निया को दूर कर सकते हैं। जीवनशैली और आहार में आप निम्नलिखित तरीके से बदलाव ला सकते हैं:- 
  • वजन कम करना:- अत्यधिक वजन हर्निया के दर्द को ज्यादा मात्रा में बढ़ा सकता हैं। स्वस्थ्य आहार और नियमित व्यायाम करने से आप वजन में नियंत्रण ला सकते हैं। जिससे हर्निया के दर्द को ज्यादा मात्रा में बढ़ने से रोका जा सकता हैं। 
  • उच्च फाइबर युक्त आहार:- पेट पर ज़ोर डालने से हर्निया का दर्द ज्यादा मात्रा में बढ़ने लगता हैं। पेट पर ज़ोर डालना कब्ज की समस्या का कारण होता हैं। इसलिए आपको कब्ज की समस्या को दूर करना होगा। कब्ज की समस्या से बचने के लिए फाइबर युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। फाइबर युक्त आहार जैसे की- फल, सब्जियाँ और साबूत अनाज। 
  • छोटे और हल्के भोजन:- बड़े भोजन को करने से पेट में दबाव उत्पन्न होने लगता हैं। इसलिए छोटे और हल्के भोजन का सेवन करना चाहिए। 
  • खट्टे और मसालेदार खाद्य पदार्थ से बचे:- खट्टे और मसालेदार खाद्य पदार्थ को खाने से पेट में एसिड बढ़ने लगता हैं। इससे हायटस हर्निया के लक्षणों को उत्पन्न होने में बढ़ावा मिलता हैं। 
  • सही तरीके से शारीरिक गतिविधि:- सही ढ़ंग से शारीरिक गतिविधि को करने से आप हर्निया को दूर कर सकते हैं। आप निम्नलिखित तरीके से शारीरिक गतिविधि को सही ढ़ंग से कर सकते हैं:- 
  • सही तरीके से वजन उठाना:- भारी वस्तुएँ को उठाते वक्त आप घुटनों को मोड़कर और पीठ को सीधा रखकर उठाएँ। इससे हर्निया के लक्षणों से बचा जा सकता हैं। 
  • गहरी सांस लेना:- गहरी सांस लेने की बहेतरीन तकनीक को अपनाएँ। इससे पेट पर कम दबाव पड़ने लगता हैं। 
  • ट्रस का उपयोग:- ट्रस का इस्तेमाल करने से हर्निया को सही स्थान पर रखने में मदद मिलती हैं। यह अस्थायी रुप से राहत देता हैं। लेकिन ट्रस का उपयोग हर्निया को पूरी तरह से ठीक नहीं करता हैं। 
  • आराम और स्थिति:- आप आराम और स्थिति को सही ढ़ंग से करने से आप हर्निया को दूर कर सकते हैं। आप निम्नलिखित तरीके से आराम और स्थिति को सही ढ़ंग से कर सकते हैं:- 
  • सिर ऊंचा करके सोना:- सिर ऊंचा करके सोने से एसिड रिफ्लक्स को कम किया जा सकता हैं। इससे हायटस हर्निया को कम किया जा सकता हैं। 
  • आराम करना:- भारी काम और शारीरिक गतिविधियों को करने से बचें। इससे पेट पर दबाव बढ़ने लगता हैं। 
  • प्राकृतिक उपचार:- प्राकृतिक उपचार को करने से आप हर्निया को दूर कर सकते हैं। आप निम्नलिखित प्राकृतिक उपचार को करने से हर्निया को दूर कर सकते हैं:- 
  • अदरक की चाय:- पेट की एसिडिटी को कम करने के लिए अदरक की चाय अत्यंत फायदेमंद हैं। 
  • एलोवेरा जूस:- पेट की सूजन और एसिडिटी को कम करने में एलोवेरा जूस अत्यंत लाभदायक हैं। 
  • धुम्रपान और शराब से बचें:- धुम्रपान और शराब से बचने से आप हर्निया को दूर कर सकते हैं। शराब पेट की एसिडिटी को ज्यादा मात्रा में बढ़ने में मददगार रहती हैं। इससे हायटस हर्निया के लक्षण बढ़ने लगते हैं। धुम्रपान करने से खांसी बढ़ती हैं, जिससे हर्निया के लक्षण बढ़ने लगते हैं।

ये हैं कुछ घरेलू उपाय जिससे आप हर्निया के लक्षणों को अस्थायी रुप से कम कर सकते हैं। डॉक्टर से सलाह करना और संभावित सर्जिकल उपाय पर विचार करना अत्यंत महत्तवपूर्ण होता हैं। हर्निया के मामलों में घरेलू उपाय इतने पर्याप्त नहीं होते हैं। चिकित्सा हस्तक्षेप करना अत्यंत जरुरी हैं। 

निष्कर्ष – (Conclusion)

ये हैं हर्निया के रोग से संबंधित कुछ जानकारियाँ हमें उम्मीद हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। जानकारी पसंद आने पर जानकारी को लाइक व कमेंट जरुर करें। जानकारी को लाइक व कमेंट करने पर हमें प्रोत्साहन मिलेगा ताकि हम आपको इससे भी बहेतर जानकारियाँ देने की कोशिश करते रहें।

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