कमज़ोर पटकथा में दब गई साहस की सच्ची कहानी

Vineet Bansal

आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं केसरी वीर फिल्म के बारे में। अब हम आपसे केसरी वीर फिल्म के बारे में बात करें तो एक लंबे समय बाद सूरज पंचोली फिल्म केसरी वीर के साथ पर्दे पर लौटे हैं और जहाँ उन्होंने राजपूत योद्धा हमीरजी गोहिल का किरदार निभाया हैं।

इन्होंने सोमनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिए अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति संग युद्ध लड़ा था। इस फिल्म में उनके साथ विवेक ओबेरॉय और सुनील शेट्टी भी हैं।

भारतीय इतिहास के कई गुमनाम शूरवीरों को हिंदी सिनेमा समय-समय सामने लाता हैं। बीते दिनों रिलीज़ विक्की कौशल अभिनीत फिल्म छावा में छत्रपति संभाजी महाराज के गौरवशाली इतिहास को बताया हैं। अभी राजपूत योद्धा हमीरजी गोहिल को निर्माता कनुभाई चौहान लेकर आए हैं।

हमीरजी ने सोमनाथ मंदिर की रक्षा के लिए अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति जलालुद्दीन जफर खान के विरुद्ध लड़ाई लड़ी और अपने प्राणों के आहुति दी थी। उनकी वीरकथा को एक्शन पीरियड ड्रामा केसरी वीर में बताया हैं।

जफर खान के विरुद्ध हमीरजी के साहस की कहानी- Zafar Khan ke viruddh Hamirji ke sahas ki kahani

इस फिल्म की शुरुआत सूत्रधार शरद केलकर की आवाज़ में सोमनाथ मंदिर की पृष्ठभूमि बताने के साथ होता हैं। इसकी कहानी 14वीं सदी में सेट हैं। यह वह दौर था जब तुगलकी शासकों ने भारत की धरती पर हुकूमत करना आरम्भ किया था। हिंदू और हिंदुत्व को मिटाने की साजिश रची जा रही थी।

Zafar Khan ke viruddh Hamirji ke sahas ki kahani

हमीरजी के साहस और पराक्रम की झलक देने के साथ इस फिल्म की शुरुआत होती हैं। हमीरजी की मुलाकात राजल से होती हैं। धीरे-धीरे दोनों की प्रेम कहानी परवान चढ़ती हैं। उधर तुगलकी सेना का बेरहम सेनापति जलालुद्दीन जफर खान सोमनाथ मंदिर को लूटने के इरादे से सौराष्ट्र आता हैं।

मारवाड़ के मंदिर और राज्यों को लूटते हुए वह पाटन की और बढ़ जाता हैं। वह हिंदुओं पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाता हैं। ऐसा न कर पाने पर उन पर अत्याचार करता हैं। उन सब का सामना हमीरजी से होता हैं। हमीरजी उसकी चुनौती को शिकस्त देने में कामयाब होते हैं, इससे जफर तिलमिला जाता हैं।

वह पूरे गाँव को जला देता हैं। पवित्र सोमनाथ मंदिर को लूटने से बचाने के हमीरजी उन सब का सामना करने के लिए आते हैं। उसमें राजल के पिता और कबायली भी लों के नेता वेगड़ा जी भी उसके साथ आ जाते हैं।

जानिए ठग लाइफ फिल्म की कहानी के बारे में।

युद्ध से ज्यादा प्रेम कहानी को खींचा गया हैं लंबा- Yudh se jyada prem kahani ko kheencha gaya hain lamba

केसरी वीर को बनाने वाले कनुभाई, निर्देशक प्रिंस धीमान की यह पहली फिल्म हैं। उन्होंने अपने पहल प्रयास में देश की गौरवान्वित गाथा को उठाने का सराहनीय प्रयास किया हैं। सिनेमेटोग्राफर विकास जोशी ने सौराष्ट्र को संस्कृति को प्रभावशाली तरीके से दिखाया हैं।

Yudh se jyada prem kahani ko kheencha gaya hain lamba

इस फिल्म के कुछ विजुल्स शानदार हैं जो फिल्म को भव्यता देते हैं। क्षितिज श्रीवास्तव द्वारा लिखे संवादों और स्क्रीनप्ले में कसाव न होना इसकी सबसे बड़ी कमी हैं। संवाद भी प्रेरक और चुटकीले नहीं बन पाए हैं। सत्या शर्मा और सुमंत शर्मा 161 मिनट अवधि की इस फिल्म को अनावश्यक दृश्यों को संपादित करके उसे पुस्त बनाते थे।

हमीरजी और राजल की प्रेमकहानी को काफी लंबा खींचा हैं। युद्ध आधारित इस फिल्म में लेखक और निर्देशक इमोशन को समुचित करके से उकेर नहीं पाए हैं। जफर का आंतक जितना संवादों में परिलक्षित होता हैं उतना परदे पर नहीं। इस फिल्म की सबसे बड़ी दिक्कत यह हैं की इसमें सिनेमाई लिबर्टी काफी ली गई हैं।

यह बहेतर हैं की वास्तविकता के करीब रखते हुए फिल्म हमीरजी के साहस और पराक्रम पर ज्यादा फोकस होती हैं। इस फिल्म की कमज़ोर कड़ी इसका वीएफएक्स हैं। कुछ सीक्वेंस में इस फिल्म का बैंकग्राउंड संगीत महादेव को समर्पित हैं और गुजराती संस्कृति को बहेतर तरीके से पेश करता हैं।

आवश्यक जानकारी:- हाउसफुल 5 फिल्म की कहानी के बारे में।

निष्कर्ष- Conclusion

ये हैं केसरी वीर फिल्म से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। इस जानकारी से आपको केसरी वीर फिल्म के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्राप्त होगी।

इस जानकारी से आपको केसरी वीर फिल्म की कहानी मिल जाएगी। अगर आपको हमारी दी हुई जानकारी पसंद आए तो हमारी दी हुई जानकारी को लाइक व कमेंट जरुर कर लें।

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