महाकुम्भ में लगाई जा रही हैं दातून की दुकान

Vineet Bansal

आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं महाकुम्भ में लगाई जा रही हैं दातून की दुकान के बारे में। अब हम आपसे महाकुम्भ में लगाई जा रही हैं दातून की दुकान के बारे में बात करें तो मंगला प्रसाद और उनके दोस्त नितेश ने कहा हैं की हम सब बाकी के सामान के साथ एक रुपये में नीम की दातून भी बचने लग रहे थे। नीम की दातून के लिए काफी मेहनत की और पेड़ पर चढ़कर लकड़ी तोड़कर दातून लाए थे। लेकिन महाकुम्भ में कुछ भी दातून बिका नहीं

महाकुम्भ में आ रहे हैं लाखों श्रद्धालु- Mahakumbh mein aa rahe hain lakhon shraddha alu

हर रोज़ प्रयागराज के महाकुम्भ में लाखों की तादाद में श्रद्धालु पवित्र स्नान करने के लिए आ रहे हैं। ऐसे में महाकुम्भ में छोटा कारोबार करने वाले भी बड़ा मुनाफा कमाने लग रहे हैं। अभी पिछले दिनों एक युवक का वीडियो भी वायरल हुआ था।

Mahakumbh mein aa rahe hain lakhon shraddha alu

वीडियो में युवक ने मेला क्षेत्र में केवल पांच दिन तक नीम की दातून बेचकर 40 हज़ार रुपये कमाए थे। एक दूसरी वीडियो में यह दावा किया गया की महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को चंदन लगाकर एक शख्स ने लाखों की कमाई की हैं।

सिर्फ यहीं ही नहीं यह भी दावा किया जा रहा हैं की महाकुम्भ क्षेत्र में भीख मांगकर भी लोग रोज़ाना हज़ार रुपये से अधिक कमाने लग रहे हैं।

40 हज़ार रुपये की पूंजी लगाई- 40 hazar rupee ki punji lagai

प्रयागराज के दो युवक मंगला प्रसाद और नितेश ने ऐसे ही वायरल वीडियो देखकर कुम्भ मेला क्षेत्र में अपनी एक परचून की दुकान लगाई थी। वो दो युवक बताते हैं की माता-पिता, भाई और दोस्त से 10-10 हज़ार रुपये लेने के बाद कुल 40 हज़ार रुपये की पूंजी निवेश की हुई थी।

40 hazar rupee ki punji lagai

परचून की दुकान में चाय-नाश्ते से लेकर खाने-पीने का सामान और स्नेक्स भी मिलते हैं।

इसके लिए वो दोनों युवक बाकायदा राशन लेकर महाकुम्भ मेला क्षेत्र में आए थे। परचून की दुकान भी ऐसी जगह पर थी जहाँ पर तमाम शंकराचार्य, महामंडलेश्वर और धर्मगुरुओं के टैंट बने हुए थे। परचून की दुकान के सामने से रोज़ाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु भी गुजरते थे। फिर भी उन दोनों धंधा घाटे में रहा था।

भंडारे में सब फ्री तो खरीदेगा कौन?- Bhandara mein sab free to kharidega kaun?

दो युवकों ने कहा की सोचकर आए थे की चालीस हज़ार लोग आ रहे हैं तो दो-तीन लाख तो आराम से मिल ही जायेंगे। जब हमने सोशल मीडिया पर वीडियो देखा की दातून वाला लाखों कमा सकता हैं तो हमने सोचा की चाय-नाश्ता बेचकर इसका आधा ही कमा लेंगे तो बहुत हैं।

Bhandara mein sab free to kharidega kaun

इसी चक्कर में हमने कुल चालीस हज़ार जमा किए थे और अब सब कुछ पानी में चल गया हैं। धंधा तो सब गड़बड़ ही हो गया हैं। हम लोग मोटा मुनाफा सोच रहे थे और महाकुम्भ में आकर सब नुकसान ही हो गया हैं।

उन्होंगे कहा की महाकुम्भ मेला क्षेत्र में पानी, चाय, खाना सब कुछ भंडारे में बिल्कुल फ्री मिल रहा हैं। दुकान से खरीदकर ऐसे में कौन खाना चाहेगा। अभी भीड़ वाले दिनों में तो दूध 100 रुपये लीटर बिका हैं और हम लोग कितना पानी मिलाकर चाय बेचेंगे।

स्वाद भी तो रहना चाहिए। दुकानदार ने कहा की जो भी लोग महाकुम्भ आ रहे हैं कोई भी खरीदारी के लिए रुका ही नहीं। लोग आते हैं और सीधे स्नान करने के लिए घाट के लिए चले जाते हैं। संगम स्नान से लौटकर सीधे अपने घरों के लिए रवाना होते हैं। भीड़ में तो किसी पास भी खरीदारी का कोई भी समय नहीं हैं।

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