आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं मिट्टी के बकरे बनाकर दी प्रतीकात्मक कुर्बानी के बारे में। अब हम आपसे मिट्टी के बकरे बनाकर दी प्रतीकात्मक कुर्बानी के बारे में बात करें तो मिट्टी के बकरों को सजाकर और उनकी पूजा कर प्रतीकात्मक कुर्बानी की गई हैं।
इसी प्रदर्शन ने स्थानीय लोगों का ध्यान आकर्षित किया हुआ हैं और सोशल मीडिया पर भी इसकी खूब चर्चा हुई हैं। इसे कुछ लोगों ने धार्मिक भावनाओं से जोड़कर विवादास्पद बताया हैं।
बकरीद के अवसर पर अनोखा प्रदर्शन- Bakrid ke awsar par anokha pradarshan
बकरीद के अवसर पर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक हिंदू संगठन ने अनोखा प्रदर्शन किया हैं। पशु बलि के विरुद्ध संगठन के कार्यकर्ताओं ने जागरुकता फैलाने के लिए प्रतीकात्मक रुप को मिट्टी के बकरे चढ़ाए हैं।
मिट्टी के बकरे का यह आयोजन शहर के एक प्रमुख स्थल पर किया गया हैं। यहाँ संगठन के सदस्यों ने मिट्टी से बने बकरों का इस्तेमाल कर कुर्बानी की प्रथा का प्रतीकात्मक विरोध जताया हैं।
संस्कृति बचाओ मंच का दावा- Sanskrti bachao munch ka dava
संस्कृति बचाओ मंच ने यह दावा किया हैं की इस पहल का उद्देश्य पशु हिंसा को रोकना और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देना हैं। इन्होंने कहा हैं की “हमारा मकसद किसी भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं हैं, बल्कि यह संदेश देना हैं की कुर्बानी का भाव प्रतीकात्मक रुप से किया गया हैं। मिट्टी के बकरे इस दिशा में एक कदम हैं।”
आयोजन के दौरान स्थानीय प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की थी। पुलिस के तहत प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई हैं। इसी अनोखे प्रदर्शन में भोपाल में बकरीद के मौके पर एक नई बहस को जन्म दिया हैं।