श्रावण मास के पीछे की कहानी क्या है? श्रावण मास की पौराणिक कथाएँ

Vineet Bansal

आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं श्रावण मास की पौराणिक कथाओं के बारे में। अब हम आपसे श्रावण मास की पौराणिक कथाओं के बारे में बात करें तो श्रावण मास हिंदू पंचाग के अनुसार वर्ष का पाँचवाँ महीना होता हैं और श्रावण जुलाई-अगस्त के महीनों में ही आता हैं। पहले, हम आपसे चर्चा करेंगे श्रावण मास के महत्तव के बारे में। 

श्रावण मास का महत्तव – Shravan mas ka mahatv

अब हम आपसे चर्चा करेंगे श्रावण मास के महत्तव के बारे में। अब हम आपसे श्रावण मास के महत्तव के बारे में बात करें तो श्रावण मास हिंदू पंचाग के तहत वर्ष का पाँचवाँ महीना होता हैं और श्रावण मास जुलाई-अगस्त के महीनों में ही आता हैं।

mythological stories of Shravan month

श्रावण महीने को अधिक पवित्र माना जाता हैं और इसमें अलग-अलग धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव मनाए जाते हैं श्रावण मास के महत्तव और इसके त्योहार निम्नलिखित हैं:- 

धार्मिक महत्तव – Religious significance

  • भगवान शिव की आराधना:- श्रावण मास को भगवान शिव का प्यारा महीना माना जाता हैं। श्रावण महीने में शिवलिंग की पूजा, अभिषेक और रुदाभिषेक का विशेष महत्तव माना जाता हैं। शिवभक्त श्रावण मास में उपवास रखते हैं और विशेष रुप से सावन के सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र अर्पित किया जाता हैं। 
  • पवित्र व्रत और उपवास:- श्रावण महीने में रखे गए उपवास को अत्यंत पुण्यदायक माना जाता हैं। श्रावण महीने में सावन सोमवार, मंगला गौरी व्रत और अन्य व्रत रखे जाते हैं। ये उपवास और व्रत धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करते हैं। 
  • रुद्राभिषेक:- श्रावण मास में रुद्राभिषेक का आयोजन भी किया जाता हैं। इसमें शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद आदि से अभिषेक करते हैं। श्रावण मास का महीना भगवान शिव की कृपा पाने के लिए महत्तवपूर्ण तरीका माना जाता हैं। 

सांस्कृतिक महत्तव – Cultural significance

  • रक्षाबंधन:- श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता हैं। रक्षाबंधन के त्योहार के दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहन को रक्षा करने का वचन देता हैं। रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्रेम और स्नेह को प्रकट करता हैं। 
  • सावन के झूले:- ग्रामीण क्षेत्रों में सावन मास के दौरान झूला झूलने की परंपरा निभाई जाती हैं। इस दिन महिलाएँ और बच्चे झूला झूलते हैं और लोकगीत गाते हैं। इससे समाज में सांस्कृतिक एकता और प्रेम बढ़ने लगता हैं। 
  • कावड़ यात्रा:- श्रावण मास में कावड़ यात्रा का भी आयोजन किया जाता हैं। इसमें शिवभक्त गंगा नदी से जल लेकर शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए पैदल यात्रा करते हैं। कावड़ यात्रा श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक माना जाता हैं। 

पर्यावरणीय महत्तव – Environmental Significance

  • वृक्षारोपण:- श्रावण मास में वृक्षारोपण का विशेष महत्तव माना जाता हैं। श्रावण महीने में पेड़-पौधे लगाना और उनकी देखभाल करना अच्छा माना जाता हैं। वृक्षारोपण करने से पर्यावरणीय सरंक्षण और हरियाली को बढ़ावा मिलता हैं। 

आध्यात्मिक और सामाजिक महत्तव – Spiritual and social significance

  • आध्यात्मिक शांति:- श्रावण मास के दौरान धार्मिक अनुष्ठानों और व्रत-पूजा करके लोग आध्यात्मिक शांति और मानसिक सुकुन प्राप्त कर पाते हैं। 
  • सामाजिक एकता:- श्रावण महीने में मनाए जाने वाले त्योहार और सांस्कृतिक गतिविधियाँ समाज में भाईचारा, प्रेम और एकता को अधिक बढ़ावा देता हैं। 

श्रावण मास का धार्मिक, सांस्कृतिक, पर्यावरणीय और सामाजिक महत्तव होता हैं जो इसे हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति में एक अनोखा स्थान प्रदान करता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे श्रावण मास कब आता हैं? 

इसके आलावा यदि आपको सपने में सांप दिखाई देता है तो आप जान सकते है की इसका आपके जीवन में क्या महत्व है या फिर क्या संकेत हो सकते है आपके लिए।

श्रावण मास कब आता हैं? – Shravan mas kab ata hain?

अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं श्रावण मास कब आता हैं? अब हम आपसे श्रावण मास के आने के बारे में बात करें तो श्रावण मास हिंदू पंचाग के अनुसार जुलाई-अगस्त के महीनों में आता हैं।

shravan mas kab ata hain

श्रावण मास के दौरान कुछ प्रमुख तिथियाँ और त्योहार निम्नलिखित हैं:- 

श्रावण मास की अवधि – Duration of Shravan month

श्रावण मास के आरम्भ होने का समय और समाप्ति का समय हर वर्ष बदलता ही रहता हैं। श्रावण मास हिंदू लूनी-सौर कैलेंडर पर आधारित होता हैं। मुख्यतौर से, श्रावण मास जुलाई के मध्य से अगस्त के मध्य तक आता हैं। 

प्रमुख तिथियाँ और त्योहार – Key dates and festivals

  • सावन सोमवार:- श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार विशेष पूजा और व्रत रखा जाता हैं। सावन सोमवार के दिन शिवभक्त शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाकर भगवान शिव की आराधना करते हैं। 
  • नाग पंचमी:- श्रावण मास के शुक्ल पक्ष को पंचमी को नाग पंचमी मनाया जाता हैं। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती हैं। 
  • मंगला गौरी व्रत:- श्रावण मास के हर मंगलवार महिलाएँ मंगला गौरी का व्रत रखती हैं। मंगला गौरी का व्रत सुखी वैवाहिक जीवन के लिए किया जाता हैं। 
  • रक्षाबंधन:- श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता हैं। इसमें बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। बहने अपने भाई की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना भी करती हैं। 
  • कावड़ यात्रा:- श्रावण मास में लाखों शिवभक्त गंगा नदी से जल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। कावड़ यात्रा विशेष रुप से सावन के महीने में ही की जाती हैं। 

श्रावण मास के दौरान हर दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती हैं। भगवान शिव की विशेष पूजा का अपना एक विशेष महत्तव भी होता हैं। सावन सोमवार और अन्य महत्तवपूर्ण तिथियों में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।

श्रावण मास का समय भक्तों के लिए अति महत्तवपूर्ण होता हैं। श्रावण मास को शिवभक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं। 

निष्कर्ष- Conclusion

ये हैं श्रावण मास से जुड़ी कुछ जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं आपको जरुर पसंद आई होगी। जानकारी पसंद आने पर जानकारी को लाइक व कमेंट जरुर करें।

जानकारी को लाइक व कमेंट करने पर हमें प्रोत्साहन मिलेगा ताकि हम आपको बहेतर-से-बहेतर जानकारियाँ प्रदान करवा सकें।

हम आपसे आशा करते हैं हमारी दी हुई जानकारी को प्राप्त करने के बाद आपको थोड़ी संतुष्टि मिली होगी। हमारा उद्देश्य आपको घुमराह करना नहीं हैं बल्कि आप तक सही जानकारियाँ प्राप्त करवाना हैं। 

Share This Article
मैं रोज़ाना की खबरों पर लिखने के लिए प्रेरित हूँ और भारत की सभी खबरों को कवर करता हूँ। मेरा लक्ष्य पाठकों को ताज़ा जानकारी प्रदान करना है, जो उन्हें समाचार की समझ और देशव्यापी घटनाओं की खोज में मदद करे।
7 Comments