आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं नई शिक्षा नीति के महत्तवपूर्ण बदलावों के बारे में। अब हम आपसे नई शिक्षा नीति के महत्तवपूर्ण बदलावों के बारे में बात करें तो नई शिक्षा नीति को लागू करने की ओडिशा सरकार ने तैयारियाँ शुरु कर दी हैं। ये शिक्षा नीति शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से प्रभावी होगी।
इस नई शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षा प्रणाली में कई बड़े बदलाव किए जाएंगे। स्कूल और जन विभाग ने नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए एक नोटिफिकेशन भी जारी किया हैं। इस नई नोटिफिकेशन में बच्चों की आयु सीमा और अन्य दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे।
पहली कक्षा में एडमिशन के लिए आयु सीमा- Pehli kaksha mein admission ke liye aayu seema
नई शिक्षा नीति के अनुसार पहली कक्षा में प्रवेश करने के लिए बच्चे की आयु 6 साल होनी जरुरी हैं।
बच्चों की आयु 1 सितंबर 2025 तक पूरी होनी चाहिए। इस नए फैसले का मुख्य उद्देश्य बच्चों को शिक्षा के लिए सही उम्र में तैयार करना और बच्चों की बुनियादी समझ को मज़बूत बनाना हैं।
‘शिशु वाटिका’ होगी प्री-स्कूल शिक्षा का हिस्सा- ‘Shishu Vatika’ hogi pre-school shiksha ka hissa
सब प्राइमरी स्कूलों में 2025-26 से एक नई प्री-स्कूल कक्षा आरम्भ की जाएगी। इसे ‘शिशु वाटिका’ नाम दिया गया हैं। ‘शिशु वाटिका’ में 5 से 6 साल के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा।
प्री-स्कूल शिक्षा बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश करने के लिए तैयारी करने में मददगार रहेगी।
शिक्षा का एक नया ढ़ांचा- Shiksha ka ek naya dhancha
NEP 2020 के अनुसार शिक्षा को 5+3+3+4 के ढ़ांचे में विभाजित किया जा सकता हैं:-
- पांच साल की बुनियादी शिक्षा:- इस पांच साल की शिक्षा में 3 से 8 साल की उम्र के बच्चों को तीन साल की प्री-स्कूल शिक्षा और दो साल की पहली और दूसरी कक्षा की शिक्षा दी जाएगी।
- तीन साल की प्रारंभिक शिक्षा:- प्रारंभिक शिक्षा 8 से 11 साल के बच्चों के लिए तीसरी से पांचवी कक्षा तक होगी।
- तीन साल की माध्यमिक शिक्षा:- माध्यमिक शिक्षा में छठी से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई की जाएगी।
- चार साल की उच्चतर माध्यमिक शिक्षा:- उच्चतर माध्यमिक शिक्षा 14 से 18 साल के बच्चों के लिए होगी। इस शिक्षा में 9वीं से 12वीं कक्षा शामिल हैं।
बुनियादी शिक्षा के लिए नए आयाम (New dimensions to basic education)
नई शिक्षा नीति के अनुसार बुनियादी शिक्षा में तीन साल की प्री-स्कूल शिक्षा और दो साल की पहली और दूसरी कक्षा की शिक्षा शामिल हैं।
बुनियादी शिक्षा के चरण में बच्चों को उनकी उम्र और समझ के अनुसार गतिविधियों और खेलों के तहत शिक्षा दी जाएगी।
प्रारंभिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा में बदलाव (Changes in primary education and secondary education)
प्रारंभिक शिक्षा के अनुसार तीसरी से पांचवीं कक्षा तक की शिक्षा दी जाएगी। इस चरण में बच्चों को गणित, भाषा और विज्ञान जैसे विषयों की बुनियादी समझ दी जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा में बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान और कौशल पर ज़ोर दिया जा सकता हैं।
उच्चतर माध्यमिक शिक्षा का उद्देश्य (Objectives of Higher Secondary Education)
उच्चतर माध्यमिक शिक्षा को 9वीं से 12वीं कक्षा तक की शिक्षा दी जाएगी।
इस चरण में बच्चों को उनकी रूचि और करियर के अनुसार विषय चुनने की आज़ादी दी जा सकती हैं। यह चरण बच्चों को उच्च शिक्षा और करियर के लिए तैयार करने पर मददगार रहेगा।
Very good news for all students in class first.