आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं सालासर बालाजी मंदिर के बारे में। अब हम आपसे सालासर बालाजी मंदिर के बारे में बात करें तो सालसर बालाजी मंदिर राजस्थान के चुरु जिले में स्थित हैं। सालासर बालाजी मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर हैं। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित हैं।
इस स्थान को “सालासर धाम” के नाम से भी जाना जाता हैं। सालासर बालाजी मंदिर देशभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे सालासर बालाजी मंदिर की खासियत के बारे में।
सालासर बालाजी मंदिर की खासियत- Salasar balaji mandir ki khasiyat
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं सालासर बालाजी मंदिर की खासियत के बारे में। अब हम आपसे सालासर बालाजी मंदिर की खासियत के बारे में बात करें तो सालासर बालाजी मंदिर की खासियत ने सालासर बालाजी मंदिर को भारत के सबसे प्रमुख हनुमान मंदिरों में से एक बना दिया हैं।
सालासर बालाजी मंदिर से संबंधित कुछ खासियतें निम्नलिखित हैं:-
अद्वितीय मूर्ति स्वरुप
इस मंदिर की मूर्ति अन्य हनुमान मंदिरों से बिल्कुल अलग हैं। सालासर बालाजी की मूर्ति में दाढ़ी और मूंछ हैं। सालासर बालाजी की मूर्ति में दाढ़ी और मूंछ पारंपरिक हनुमान मूर्तियों से बिल्कुल अलग हैं। सालासर बालाजी की मूर्ति भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।
चमत्कारिक मूर्ति
ऐसा कहा जाता हैं की सालासर बालाजी की मूर्ति चमत्कारी हैं। यह मूर्ति भक्तों की सभी इच्छाएँ पूर्ण करती हैं। कई श्रद्धालु भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति होने के बाद सालासर बालाजी मंदिर में “सवा मन प्रसाद” चढ़ाते हैं।
सिद्धपीठ का दर्जा
सालासर बालाजी मंदिर राजस्थान के सिद्धपीठों में से एक हैं। सालासर बालाजी मंदिर में भक्त अपनी समस्याओं के समाधान के लिए विशेष पूजा करते हैं।
मन्नत के धागे की प्रथा
भक्त अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए सालासर बालाजी मंदिर पर एक लाल धागा बांधते हैं। जब भक्त की मन्नत पूर्ण होती हैं तब भक्त फिर से मंदिर में आकर धागा खोलते हैं।
विशाल मेलों का आयोजन
सालासर बालाजी मंदिर में हर वर्ष रामनवमी और आश्विन पूर्णिमा के अवसर पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता हैं। विशाल मेलों में देशभर से लाखों श्रद्धालु भक्त आते हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्तव
सालासर बालाजी मंदिर का वातावरण भक्तों को शांति और आस्था से भर देता हैं। सालासर बालाजी की आरती और भजन कीर्तन भक्तों के मन को आनंदित कर देते हैं।
प्रसाद और सेवा
इस मंदिर में चूरमा, बेसन के लड्डू और तिल का प्रसाद चढ़ाने की परंपरा हैं। सालासर बालाजी मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क भोजन और आवास की व्यवस्था की जाती हैं।
सालासर बालाजी मंदिर में भक्तों का मानना हैं की सालासर धाम में सच्चे दिल से मांगी गई हर मुराद पूर्ण होती हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे सालासर बालाजी मंदिर की कहानी के बारे में।
जानिए 51 शक्ति पीठों की यात्रा के बारे में।
सालासर बालाजी मंदिर की कहानी- Salasar balaji mandir ki kahani
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं सालासर बालाजी मंदिर की कहानी के बारे में। अब हम आपसे सालासर बालाजी मंदिर की कहानी के बारे में बात करें तो सालासर बालाजी मंदिर की कहानी चमत्कार और भक्ति से संबंधित हैं।
इस मंदिर की कहानी सालासर बालाजी मंदिर को विशेष बनाती हैं। सालासर बालाजी मंदिर की कहानी के पीछे एक दिव्य घटना और एक भक्त की गहरी आस्था छिपी हुई हैं।
सालासर बालाजी मंदिर की स्थापना की कहानी
मूर्ति मिलने की घटना
सालासर बालाजी मंदिर की स्थापना की घटना राजस्थान के नागौर जिले के असोटा गाँव में हुई थी। यह घटना 1754 की रामनवमी के दिन हुई थी। एक दिन एक किसान अपने खेत की जुताई करने लग रहा था तभी हल से एक पत्थर टकराया था।
जब किसान ने उस स्थान को खोदा था तब उस स्थान से हनुमान जी की एक दिव्य मूर्ति प्रकट हुई थी। उस किसान ने तुरंत गाँव के एक पंडित को बुलाया था। गाँव के पंडित ने मूर्ति को देखकर उस मूर्ति को चमत्कारी और दिव्य बताया था।
बालाजी के भक्त मोहल्ला मेहता
पास में एक गाँव सालासर में रहने वाले एक भक्त मोहनदास जी ने इस घटना के बारे में सपने में देखा था। सपने में हनुमान जी ने उस भक्त से कहा की वह दिव्य मूर्ति सालासर में स्थापित होनी चाहिए।
जब असोटा गाँव के लोगों को मोहनदास जी की सपने वाली बात पता चली तब असोटा गाँव के लोगों ने वह मूर्ति श्रद्धापूर्वक सालासर गाँव में दे दी थी।
मूर्ति की स्थापना
मोहनदास जी ने उस दिव्य मूर्ति को सालासर गाँव में लाकर स्थापित किया था। इन सब के बाद सालासर गाँव में एक मंदिर का निर्माण करवाया गया था।
मूर्ति का स्वरुप
उस मूर्ति का स्वरुप बिल्कुल विशेष और अद्वितीय था। इस दिव्य मूर्ति में बालाजी के चेहरे पर दाढ़ी और मूंछें थीं। इसी अनोखे स्वरुप के कारण सालासर बालाजी मंदिर प्रसिद्ध हो गया।
चमत्कार और प्रार्थना
सालासर बालाजी मंदिर की स्थापना होने के बाद से उस जगह पर कई चमत्कार होने लगे। भक्तों का यह मानना हैं की जो भी भक्त सच्चे दिल से बालाजी से प्रार्थना करता हैं उसकी हर मनोकामना जरुर पूर्ण होती हैं।
मोहनदास जी का योगदान
मोहनदास जी बालाजी के परम भक्त थे। मोहनदास जी ने अपनी पूरी जिंदगी में मंदिर की सेवा और प्रचार-प्रसार किया हैं। मोहनदास जी को हनुमान जी की कृपा का साक्षात अनुभव हुआ था। बाद में मोहनदास जी ने सालासर बालाजी मंदिर को सिद्धपीठ बना दिया था।
सालासर बालाजी का धार्मिक महत्तव
यह मंदिर आज राजस्थान का एक प्रमुख तीर्थस्थल हैं। इस मंदिर में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। रामनवमी और आश्विन पूर्णिमा के दौरान इस मंदिर में भव्य मेले का आयोजन किया जाता हैं। अब हम आपसे चर्चा करेंगे सालासर बालाजी मंदिर की पूजा के बारे में।
यह भी पढ़े:- रामायण की कथा।
सालासर बालाजी मंदिर की पूजा- Salasar balaji mandir ki pooja
अब हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं सालासर बालाजी मंदिर की पूजा के बारे में। अब हम आपसे सालासर बालाजी मंदिर की पूजा के बारे में बात करें तो इस मंदिर में हनुमान जी की पूजा की जाती हैं।
सालासर बालाजी मंदिर में हनुमान जी को “बालाजी” के नाम से जाना जाता हैं। यहाँ सालासर बालाजी की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:-
मूर्ति का स्वरुप
सालासर बालाजी मंदिर में हनुमान जी की अद्वितीय मूर्ति हैं। इस अद्वितीय मूर्ति में हनुमान जी को दाढ़ी और मूंछ के साथ दर्शाया गया हैं। मूर्ति का यह स्वरुप अन्य हनुमान मंदिरों से बिल्कुल अलग हैं। हनुमान जी की इस मूर्ति को चमत्कारी और दिव्य माना जाता हैं।
हनुमान जी का विशेष रुप
सालासर बालाजी को ऐसे सरंक्षक देवता के रुप में पूजा जाता हैं जो अपने भक्तों की हर समस्या का समाधान करते हैं। सालासर बालाजी मंदिर में हनुमान जी को भक्ति, शक्ति और समर्पण का प्रतीक माना जाता हैं।
पूजा की परंपरा
इस मंदिर में श्रद्धालु भक्त हनुमान जी को “लड्डू” और “तिल के प्रसाद” का भोग लगाते हैं। विशेष रुप से इस मंदिर में “सवा मन प्रसाद” चढ़ाने की परंपरा हैं जो भक्तों की श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक माना जाता हैं। मन्नत पूर्ण होने के बाद भक्त इस मंदिर में लाल धागा बांधते और खोलते हैं।
हनुमान जी के रुप में विश्वास
सालासर बालाजी को संकटमोचन और इच्छापूर्ति देवता के रुप में पूजा जाता हैं। भक्त मानते हैं की जो भी भक्त इस मंदिर में सच्चे मन से प्रार्थना करता हैं उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती हैं।
आवश्यक जानकारी:- महादेव के 12 ज्योतिर्लिंग।
निष्कर्ष- Conclusion
ये हैं सालासर बालाजी मंदिर से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। जानकारी पसंद आने पर जानकारी को लाइक व कमेंट जरुर करें।
जानकारी को लाइक व कमेंट करने पर हमें प्रोत्साहन मिलेगा ताकि हम आपको बहेतर-से-बहेतर जानकारियाँ प्राप्त करवा सकें।
हम आपसे आशा करते हैं की हमारी दी हुई जानकारी को प्राप्त करने के बाद आपको थोड़ी संतुष्टि मिली होगी। हमारा उद्देश्य आपको घुमराह करना नहीं हैं बल्कि आप तक सही जानकारी प्राप्त करवाना हैं।