आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं परम सुंदरी फिल्म के बारे में। अब हम आपसे परम सुंदरी फिल्म के बारे में बात करें तो सिद्धार्थ मल्होत्रा और जाह्नवी कपूर की फिल्म परम सुंदरी के ट्रेलर को मेकर्स ने इतनी अच्छी तरह से दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया था जिसको देखकर लगा था की मूवी आते ही गदर मचा देगी।
परम सुंदरी फिल्म के ट्रेलर को सराहना मिली थी। लोगों के भीतर जाह्नवी-सिद्धार्थ की जोड़ी को पहली बार पर्दे पर देखने के लिए उत्सुकता थी।
क्या हैं परम सुंदरी की कहानी?- Kya hain Param Sundari ki kahani?
इस फिल्म की कहानी हैं दिल्ली के परम की जो कई स्टार्टअप में पैसे लगाकर करोड़ों रुपये डुबा चुका हैं। उसको एक एप फाइंड योर सोलमेट का आइडिया मिलता हैं। सोलमेट यानी की सच्चा प्यार… जनम जनम का साथी।
इन सब के लिए अपनी प्रोफाइल को रजिस्टर करना होगा। परम को उसकी सोलमेट केरल के एक गाँव में मिलती है। वह एप की विश्वसनीयता परखने के लिए केरल जाने का निर्णय करता हैं। पैसों के निवेश को लेकर उसके पिता परमीत सचदेव शर्त रखते हैं की एक महीने के अंदर उसे अपनी हमसफर को खोजना होगा।
परम अपने लंगोटिया दोस्त जग्गी के साथ कोच्चि के सुदूर गाँव की और निकल जाता हैं। एयरपोर्ट से निकलते ही उनकी गाड़ी दुर्घटना का शिकार हो जाती हैं। वह बस में धक्के खाते और नाव की सहायता से गाँव पहुँचते हैं। उन सब के दौरान याद आता हैं की यह परम तकनीकी में निवेश करता हैं।
उसे यह पता हैं की सर्वाधिक साक्षर राज्य केरल हैं फिर भी कैब या टैक्सी नहीं बुलाता। सुंदरी से मिलते ही वह उस पर मुग्ध होता हैं। इन सब के दौरान उत्तर भारत और दक्षिण के कलाकारों को लेकर सतही जानकारी नोकझोंक का कारण बनती हैं।
फिर जब दोनों करीब आते हैं तब सुंदरी की उसके बचपन के दोस्त वेणु के साथ सगाई होती हैं। अभी सुंदरी और परम का मिलन कैसे होगा यह कहानी इसी संबंध में होती हैं।
जानिए कुली फिल्म की कहानी के बारे में।
सुंदरता दिखाने के चक्कर में कहानी में की गड़बड़- Sundarta dikhane ke chakkar mein kahani mein ki gadbad
सुंदरी केरल की तो जाहिर हैं की वहाँ की संस्कृति, रहन-सहन और परिवेश को बारीकी से देखने को मिलेगा। वह सब फिल्म में भरपूर हैं। केरल की प्राकृतिक नैसर्गिक खूबसूरत को सिनेमेटोग्राफर संथाना कृष्ण रविचंद्रन ने बखूबी बताया हैं। रोमांटिक कॉमेडी के तौर पर प्रचारित ‘परम सुंदरी’ फिल्म में न रोमांस हैं न कॉमेडी।
गौरव मिश्रा, अर्श वोरा और तुषार जलोटा द्वारा लिखी कहानी में परम और सुंदरी के बीच टकराव से लेकर प्यार पनपते और उसके अहसास में बहुत कमज़ोर साबित होती हैं। बचपन के दोस्त वेणु और सुंदरी के रिश्ते को समुचित तरीके से नहीं उकेरा गया हैं।
पंजाबी पुत्तर परम नौकाओं की प्रतियोगिता में लीड करता हैं। लेखक-निर्देशक ये कैसे भूल गए की इसके लिए बहुत अनुभव और अभ्यास की आवश्यकता होती हैं। यह बहुत सहजता से नारियल के पेड़ पर चढ़ लेता हैं। यह चौंकाता हैं।
सुंदरी की सगाई के वक्त एक शख्स के सिर में बोतल लगने से माथे से खून निकलता हैं, लेकिन नर्स उसको दर्द का इंजेक्शन देती हैं। ऐसा लगता हैं की लेखक भूल गए की चोट कहाँ लगी हैं। कमज़ोर पटकथा के कारण सुंदर विजुअल्स के बावजूद फिल्म परम नहीं बन पाई हैं।
आवश्यक जानकारी:- वॉर फिल्म की कहानी के बारे में।
निष्कर्ष- Conclusion
ये हैं परम सुंदरी फिल्म से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। इस जानकारी से आपको परम सुंदरी फिल्म की कहानी के बारे में हर प्रकार की जानकारियाँ प्राप्त होंगी।
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