आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं सुरंग और उसके बीच बोलन दर्रे में खड़ी हाईजैक ट्रेन के बारे में। अब हम आपसे सुरंग और उसके बीच बोलन दर्रे में खड़ी हाईजैक ट्रेन के बारे में बात करें तो क्वेटा से पेशावर जाने वाली जाफर एक्सप्रेस ट्रेन में नौ बोगियाँ इनमें तकरीबन 500 लोग सवार हैं।
इन नौ बोगियों में सेना और सीक्रेट एजेंट की अच्छी-खासी तादाद हैं। पेशावर जाने वाली ट्रेन जैसे ही टनल में घुसी, उसी समय घात लगाकर बैठे बलूच विद्रोहियों ने उस ट्रेन पर हमला कर दिया। ताज़ा खबर के अनुसार अब तक 104 बंधकों को छुड़वा लिया गया हैं।
ट्रेन हाईजैक होने के बाद मचा हड़कंप- Train hijack hone ke baad macha hadkamp
मंगलवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में क्वेटा से पेशावर जाने वाली ‘जाफर एक्सप्रेस’ के हाईजैक होने के बाद हड़कंप मचा हैं।
बोलन दर्रे के दहादर इलाके में बलूच लिबरेशन आर्मी ने ट्रेन पर फायरिंग कर उस ट्रेन को कब्जे में ले लिया गया। पाकिस्तानी सेना ने बंधकों को छुड़वाने के लिए ऑपरेशन शुरु किया हैं लेकिन 18 घंटे बाद अब तक सब बंधकों को छुड़ाया नहीं जा सकता हैं।
पाकिस्तानी सेना के लिए कितना मुश्किल हैं रेस्क्यू ऑपरेशन?- Pakistani sena ke liye kitna mushkil hai rescue operation?
सुरक्षा सूत्रों का कहना हैं की पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन के कारण आंतकी दो समूहों में बंटे हुए हैं। बीएलए के विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को मशकाफ टनल में हाईजैक कर लिया हैं।
यह ट्रेन टनल क्वेटा से 157 किलोमीटर की दूरी पर हैं। यह टनल जिस इलाके पर हैं, वह बेहद दुर्गम पहाड़ी इलाका हैं। इसका सबसे नज़दीकी स्टेशन पहरो कुनरी हैं।
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने क्या कहा?- Balochistan sarkar ke pravakta shahid rind ne kya kaha?
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने कहा की पेहरा कुनरी और गदालर के बीच जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर फायरिंग कर बीएलए के आंतकियों ने उस ट्रेन पर कब्जा किया था। ट्रेन को टनल नंबर 8 में रोका गया हैं। बोलन के जिला पुलिस अधिकारी राणा मुहम्मद दिलावर का कहना हैं की यह पूरा इलाका पहाड़ी हैं जो सुरंगों से पटा पड़ा हैं।
उन्होंने कहा की हाईजैक हुई ट्रेन इस वक्त बोलन दर्रे में खड़ी हैं। यह पूरा इलाका पहाड़ियों और सुरंगों से घिरा हुआ हैं। इस कारण मोबाइल नेटवर्क भी नहीं हैं। इसी कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें भी हैं। इसी बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा की इन सब चुनौतियों के बावजूद भी सेना का मनोबल बना हुआ हैं।
बलूचों और पाकिस्तानी सेना के बीच टकराव- Baluchon aur pakistani sena ke beech takarav
हम आपको बता देते हैं की बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे अशांत प्रांत हैं। बलूचिस्तान पर 1948 से ही बलूचों और पाकिस्तानी सेना के बीच टकराव होता जा रहा हैं। बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से अलग होने की मांग करने लग रहे हैं।
पिछले कुछ समय में चीन का इस इलाके में दखल बढ़ा हैं। इस इलाके में कई परियोजनाओं पर चीन काम कर रहा हैं। इस कारण उन पर लगातार हमले भी होने लग रहे हैं।
बीएलए की मांग क्या हैं?- BLA ki maang kya hain?
बीएलए की मांग हैं की बलूचिस्तान को पाकिस्तान से बिल्कुल अलग कर दिया जाए। बीएलए की सबसे प्रमुख मांग यह हैं की बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सरकार या सुरक्षा एजेंसी का कोई नुमाइंदा वहाँ नहीं होना चाहिए।
इन सब के अलावा चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) भी बलूचिस्तान से होकर गुजरता हैं। बीएलए इसके पक्ष में बिल्कुल भी नहीं हैं।
पाकिस्तान वालों के साथ ये बहुत बुरा हुआ हैं।