यूपी के CM योगी की जिंदगी की अनसुनी कहानी

Vineet Bansal

आज हम आपसे चर्चा करने जा रहे हैं अजेय फिल्म के बारे में। अब हम आपसे अजेय फिल्म के बारे में बात करें तो सिनेमाघरों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जिंदगी पर बनी फिल्म अजेय द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ अ योगी रिलीज़ हो गई हैं। इस फिल्म में उनके बचपन से लेकर कॉलेज और मठ से गुजरते हुए मुख्यमंत्री बनने तक की जर्नी आपको प्रेरित करेगी।

आखिरकार कई विवादों और कठिनाइयों से गुजरने के बाद सिनेमाघरों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर बनी फिल्म अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ अ योगी रिलीज़ हुई हैं।

लेखक शांतनु गुप्ता की किताब द मौंक हू बिकेम चीफ मिनिस्टर से प्रेरित इस फिल्म की कहानी योगी के बचपन, कॉलेज और मठ से गुजरते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने तक का सफर पर आधारित होती हैं।

परिवार त्यागने से लेकर मिस्टर योगी बनने तक का सफर- Parivar tyagne se lekar mister yogi banane tak ka safar

अजय आनंद अन्याय सहन नहीं कर सकता। वो गलत के विरुद्ध लड़ता हैं। बड़े भाई के बस में कुछ लोगों के साथ हुई मारपीट में उसके पिता आनंद कुमार को माफी मांगनी पड़ती हैं। वह आनंद को कोटद्वार पढ़ने के लिए भेजते हैं। वहाँ आनंद छात्रसंघ के चुनाव में सामने वाले उम्मीद्वार के छल की वजह से हारता हैं।

Parivar tyagne se lekar mister yogi banane tak ka safar

कॉलेज में बड़े महाराज महंत अवैद्वनाथ के सामने वह बेबाकी से अन्याय की बात बताता हैं। वह उसको सीख देते हैं की पहले दूर से आक्षेप लगाने की बजाय खे में उतरो।

समाज सेवा का पहला कदम होता हैं मैं को मैं से अलग करना। जीवन के उद्देश्य की खोज में वह मठ जाने का फैसला लेता हैं। बड़े महाराज कहते हैं की उसको सांसारिक सुख, माता-पिता, परिवार त्यागना होगा। वह तैयार हो जाता हैं।

मठ में आनंद को योगी आदित्यनाथ का नाम दिया जाता हैं। वहाँ से कहानी मठ का उत्तराधिकारी, फिर लोकसभा सांसद और मुख्यमंत्री बनने के सफर पर आगे बढ़ जाती हैं।

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सुपरहीरो न बनाकर दिखाई साधारण व्यक्ति की कहानी- Superhero na bankar dikhai sadharan vyakti ki kahani

जब किसी की जिंदगी को फिल्म में ढ़ाला जाता हैं तब उसका महिमामंडन करने के चक्कर में फिल्म एक तरफा लगने लगती हैं। इस फिल्म में लेखक दिलीप बच्चन झा और प्रियंक दुबे ऐसा करने से बच जाते हैं। इस फिल्म के निर्देशक रविंद्र गौतम ने योगी आदित्यनाथ को सिनेमाई स्वतंत्रता लेते हुए कोई सुपरहीरो नहीं बनाया हैं।

Superhero na bankar dikhai sadharan vyakti ki kahani

उन्होंने एक साधारण व्यक्ति की कहानी दिखाई हैं, जिसके जीवन के संघर्ष, अन्याय के विरुद्ध खड़े होने की हिम्मत, साहसिक निर्णय लेने की क्षमता ने उसकी यात्रा को असाधारण बना दिया हैं।

विष्णु राव की सिनेमैटोग्राफी और मीत ब्रदर्स का संगीत इस यात्रा को दिखाने में भरपूर सहयोग करते हैं। इस फिल्म का स्क्रीनप्ले और दमदार संवाद फिल्म को कहीं छूटने नहीं देते हैं। यह फिल्म योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक नहीं, बल्कि निजी जीवन पर अधिक केंद्रित हैं।

मुख्यमंत्री बनते ही यह फिल्म खत्म हो जाती हैं, इसलिए उनके बुलडोजर बाबा वाला अंदाज फिल्म में नहीं दिखता हैं। इस फिल्म में न ही उनकी राजनीतिक पार्टी का महिमामंडन हैं, न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करके उनसे नाम पर कोई पब्लिसिटी लेने की कोशिश किया गया हैं।

आवश्यक जानकारी:- द ट्रायल 2 फिल्म की कहानी के बारे में।

निष्कर्ष- Conclusion

ये हैं अजेय फिल्म से संबंधित जानकारियाँ हम आपसे आशा करते हैं की आपको जरुर पसंद आई होगी। इस जानकारी से आपको अजेय फिल्म की कहानी से संबंधित हर प्रकार की जानकारियाँ प्राप्त होंगी।

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